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ओडीओपी समिट में राष्ट्रपति बोले, उत्तर प्रदेश के उत्पादों की ब्रांडिंग की जरूरत

उत्तर प्रदेश के कई जिलों के उत्पादों की राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर मांग है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि उत्तर प्रदेश के उत्पादों की ब्रांडिंग की जरूरत है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Fri, 10 Aug 2018 10:10 AM (IST)Updated: Sat, 11 Aug 2018 12:13 AM (IST)
ओडीओपी समिट में राष्ट्रपति बोले, उत्तर प्रदेश के उत्पादों की ब्रांडिंग की जरूरत

लखनऊ (जेएनएन)। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उत्तर प्रदेश की गौरव गाथा का बखान करते हुए कहा कि इसमें विकास प्रदेश बनने के सभी उपकरण मौजूद हैं। 'थिंक ग्लोबल-एक्ट लोकल' की सोच के अनुसार यहां के हुनर को महत्व देकर उत्पादों को अन्तर्राष्ट्रीय बाजार के लायक बनाया जा सकता है। यहां के कई जिलों के उत्पादों की राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर मांग है। कोविंद ने कहा कि उत्तर प्रदेश के उत्पादों की ब्रांडिंग की जरूरत है। हमें विकसित देशों से सीखना है कि कैसे हाथ से बनी हुई चीजों को आधुनिक ब्रांडिंग और मार्केटिंग के जरिये विदेशी मुद्रा कमाने, रोजगार बढ़ाने और देश की छवि को निखारने के लिए उपयोग में लाया जा सकता है। 

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'कोई भी हुनर या कौशल समाज के किसी वर्ग विशेष से जुड़ा नहीं होता है। सचमुच में परिश्रम, परिश्रम होता है। उसका कोई उच्च या निम्न स्तर नहीं होता। कम परिश्रम के व्यवसाय या नौकरी की ओर आकर्षित होने की अपनी मानसिकता को हमें बदलना होगा।'  -रामनाथ कोविंद, राष्ट्रपति 

शुक्रवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राजधानी के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित एक जनपद-एक उत्पाद (ओडीओपी) के तीन दिवसीय समिट का शुभारंभ किया। इसके पहले उन्होंने सभी 75 जिलों के उत्पादों की प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया। राष्ट्रपति ने उत्तर प्रदेश की उपलब्धियां याद दिलाते हुए कहा कि देश के सर्वोच्च अलंकरण भारत रत्न से सम्मानित कुल 45 विभूतियों में से 11 भारत रत्नों की जन्मस्थली या कर्मस्थली यह राज्य रहा है। इस भूमिका के साथ राष्ट्रपति ने उत्तर प्रदेश की ब्रांडिंग पर ही जोर दिया। जंगल में मोर नाचा, मुहावरे के साथ उन्होंने बात स्पष्ट की। कहा, चिडिय़ा घर में मोर का नाच देखने वालों को जंगल में भी जाने का मन करता है। जब उत्पादों का प्रदर्शन करेंगे, ब्रांडिंग करेंगे तभी बढ़ावा मिलेगा। इसके लिए उन्होंने दो सुझाव भी दिए। कहा, 2019 में होने वाले कुंभ में  हर जिले के उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई जाए क्योंकि उपभोक्ता स्वयं उत्पादों तक नहीं आता, उत्पादों के प्रति उपभोक्ता की रुचि जगाने के लिए उसके पास जाना पड़ता है। उनका दूसरा सुझाव था कि ब्रांडिंग के लिए देश के प्रमुख सात-आठ नगरों में उप्र के जिलों के उत्पादों की दस से 15 दिनों की प्रदर्शनी का आयोजन किया जाए और राज्यपाल व मुख्यमंत्री की मौजूदगी में संबंधित राज्यों के भी राज्यपाल और मुख्यमंत्री को आमंत्रित किया जाए। 

उप्र में वन ट्रिलियन डॉलर अर्थ व्यवस्था हासिल करने की क्षमता 

ओडीओपी के जरिये अपार संभावनाओं पर फोकस करते हुए रामनाथ कोविंद ने कहा कि मुझे बताया गया कि इस योजना द्वारा पांच वर्षों में 25 हजार करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता के जरिये 25 लाख लोगों को रोजगार दिलाने का लक्ष्य है। कहा, उप्र की ऐसी कई विशेषता है जिनके बल पर यह राज्य एक ट्रिलियन डॉलर इकॉनामी यानि दस खरब डॉलर की अर्थ व्यवस्था के लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है। 

अटल की याद और उत्तम प्रदेश 

राष्ट्रपति ने उत्तर प्रदेश के उत्पादों की चर्चा के दौरान ही पूर्व प्रधानमंत्री अटल विहारी वाजपेयी को याद किया। कहा, अटल जी मुझसे कहते थे कि उत्तर प्रदेश, उत्तम प्रदेश है। मैं उनसे पूछता कि विशेषता क्या है तो कहते कि जो उत्तर प्रदेश को खोज लेगा उसे लगेगा कि यह कितनी संभावनाओं से भरा हुआ है। यहां ताजमहल है। नदियां हैं। सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है। प्रदर्शनी में लगे बांदा के उत्पाद का उदाहरण दिया। कहा, वहां के केन नदी से निकले पत्थर में प्रकृति की छवि दिखती है। यह छवि पूरी दुनिया को आकर्षित कर सकती है। इसमें देवी-देवता के चित्र दिखते हैं जैसे मध्य प्रदेश के जबलपुर में नर्मदा नदी से निकले पत्थर शिवलिंग की तरह दिखते हैं। 

यूपी से चुनाव लडऩे वाला बन जाता पीएम 

राष्ट्रपति ने जब कहा कि कुछ माह बाद ही पूरी दुनिया की निगाह उत्तर प्रदेश की ओर होगी, तब लगा कि वह चुनाव से संबंधित कोई बात कहेंगे लेकिन, उन्होंने कुंभ का जिक्र किया। फिर उत्तर प्रदेश के राज्यपाल की तारीफ की। बोले कि दिल्ली जाकर मुझे पता लगा कि जिसमें बहुत खूबी होती है उसे उप्र का राज्यपाल बनाया जाता है। इसके पहले उन्होंने यह भी कहा कि यूपी से जो चुनाव लड़ता है उसे प्रधानमंत्री बनने का मौका मिलता है। उप्र ने देश को सर्वाधिक प्रधानमंत्री दिए हैं। 

राष्ट्रपति के उद्बोधन में पांच जिलों का खास जिक्र 

राष्ट्रपति ने जमकर उप्र का बखान किया लेकिन, अपने उद्बोधन में अंबेडकरनगर के वस्त्र उत्पाद के कारीगर, श्रावस्ती में ट्राइबल क्राफ्ट में लगे शिल्पी, बलरामपुर में फूड प्रोसेसिंग, फतेहपुर में बेडशीट और बांदा में केन नदी के पत्थरों का विशेष रूप से उल्लेख किया। उन्होंने संत कबीर से लेकर प्रेमचंद्र और गणेश शंकर विद्यार्थी जैसी कई विभूतियों को भी याद किया। 

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने लखनऊ में किया ओडीओपी का समिट का उद्घाटन

इससे पहले राष्ट्रपति ने इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में इससे संबंधित प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग विभाग की ओर से आयोजित प्रथम 'एक जनपद-एक उत्पाद' (ओडीओपी) समिट का शुभारंभ किया। इसकी नींव 24 जनवरी को उत्तर प्रदेश दिवस के अवसर पर उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने रखी थी। राष्ट्रपति ने राज्यपाल राम नाईक, सीएम योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा व केशव प्रसाद मौर्य की मौजूदगी में दीप प्रज्जवलित कर ओडीओपी समिट का उद्घाटन किया। 

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आज लखनऊ में प्रदेश सरकार की योजना एक जिला एक उत्पाद (वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट) की तीन दिवसीय समिट का उद्घाटन किया। इससे पहले उन्होंने इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में इससे संबंधित प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग विभाग की ओर से आयोजित प्रथम 'एक जनपद-एक उत्पाद' (ओडीओपी) समिट का शुभारंभ किया। इसकी नींव 24 जनवरी को उत्तर प्रदेश दिवस के अवसर पर उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने रखी थी। राष्ट्रपति ने राज्यपाल राम नाईक, सीएम योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा व केशव प्रसाद मौर्य की मौजूदगी में दीप प्रज्जवलित कर ओडीओपी समिट का उद्घाटन किया।

इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में इस दौरान अमेजन, क्वालिटी कंट्रोल ऑफ इंडिया, एनएसई, बीएससी और जीई हेल्थकेयर के प्रतिनिधियों व राज्य सरकार के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर भी हुए। 

इस समिट में राज्य सरकार की ओर से 4084 लाभार्थियों को 1006.94 करोड़ रुपए का ऋण वितरित किया गया। एक जनपद-एक उत्पाद के तहत 4095 लाभार्थियों को 1006.94 करोड़ रुपये का ऋण वितरित किया गया।

सरकार ने हर साल एक लाख लोगों को ओडीओपी योजना से जोडऩे का लक्ष्य निर्धारित किया है। यूपी पहला ऐसा प्रदेश है, जो ओडीओपी के माध्यम से लोगों को उनके घर में ही रोजगार उपलब्ध कराने के लिए परंपरागत कुटीर उद्योगों को बढ़ावा दे रहा है। प्रदेश में इस समय 8900 करोड़ रुपए का ही निर्यात होता है, जिसे बढ़ाकर दो लाख करोड़ करने का लक्ष्य रखा गया है।

 75 जिलों के उत्पादों की प्रदर्शनी

इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में राष्ट्रपति रामानथ कोविंद ने सबसे पहले प्रदेश के सभी 75 जिलों से सम्बंधित प्रमुख उत्पादों की प्रदर्शनी को देखा। इस दौरान वहां मौजूद उद्यमियों से बातचीत भी करेंगे। यह प्रदर्शनी 12 अगस्त तक चलेगी।

दीप प्रज्जवलन के बाद राष्ट्रपति लाभार्थियों को ऋण पात्र और टूल किट भी वितरित किया। राष्ट्रपति का लखनऊ प्रवास करीब छह घंटे का है। 9:30 बजे एयरपोर्ट पर उतरने के बाद वह सीधा राजभवन गए। वहां पर करीब एक घंटा आराम करने के बाद ओडीओपी समिट का उद्घाटन करने इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान पहुंचे। दोपहर में राज्यपाल राम नाईक की तरफ से दोपहर के भोजन में शामिल होंगे। इसके बाद उनका राजभवन में कुछ चुनिंदा लोगों से भेंट करने का कार्यक्रम है। वह 3:30 बजे लखनऊ से नई दिल्ली रवाना हो जाएंगे। 

इससे पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के लखनऊ आगमन पर अमौसी एयरपोर्ट पर राज्यपाल राम नाईक के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तथा मंत्रिमंडल के अन्य सहयोगियों ने उनका स्वागत किया।  इससे पहले उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने लखनऊ में 24 जनवरी को उत्तर प्रदेश दिवस पर वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट योजना की आधारशिला रखी थी।

राष्ट्रपति का लखनऊ प्रवास करीब छह घंटे का है। 9:30 बजे एयरपोर्ट पर उतरने के बाद वह सीधा राजभवन गए। वहां पर करीब एक घंटा आराम करने के बाद ओडीओपी समिट का उद्घाटन करने इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान जाएंगे। वहां पर उद्घाटन के बाद वह विभिन्न स्टॉल का निरीक्षण करने के बाद दोपहर में राज्यपाल राम नाईक की तरफ से दोपहर के भोजन में शामिल होंगे। इसके बाद उनका राजभवन में कुछ चुनिंदा लोगों से भेंट करने का कार्यक्रम है। वह 3:30 बजे लखनऊ से नई दिल्ली रवाना हो जाएंगे।

जापान से हुई थी शुरुआत 

एक जिला-एक उत्पाद अभियान की शुरुआत जापान में 1979 में हुई थी। जब जापान के ओइटा प्रांत के तत्कालीन गवर्नर मोरिहिको हिरामात्सु ने 'वन विलेज वन प्रोडक्ट' स्कीम शुरू की थी। इस मॉडल को 2001-06 के बीच थाईलैंड में 'वन टैम्बोन वन प्रोडक्ट' के रूप में अपनाया गया। बाद में दुनिया के अन्य देशों जैसे कि इंडोनेशिया, फिलीपींस, मलेशिया, चीन आदि में भी इस मॉडल को अमली जामा पहनाया गया। उप्र इस मॉडल को अपनाने वाला देश का पहला राज्य है। 


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