चार सितंबर से आवंटियों की शिकायतों पर सुनवाई करेंगे रेरा के अध्यक्ष-सदस्य
प्राधिकरण की एक पीठ लखनऊ में राज्य नियोजन संस्थान के पुराना हैदराबाद स्थित कालाकांकर हाऊस स्थित नवीन भवन में और दूसरी गौतमबुद्धनगर के ग्रेटर नोएडा में स्थापित किया गया।
लखनऊ (जेएनएन)। कालोनाइजर (विकासकर्ता) की मनमानी से परेशान आवंटियों की शिकायतों का अब तेजी से निस्तारण होगा। रेरा (उत्तर प्रदेश भू-सम्पदा विनियामक प्राधिकरण) के अध्यक्ष और सदस्य चार सितंबर से शिकायतों की सुनवाई करेंगे। इसके लिए दो सदस्यीय दो पीठ (बेंच) गठित करने का फैसला किया गया है। दोनों पीठ दो दिन लखनऊ और दो दिन ग्रेटर नोएडा में सुनवाई करेंगी।
हाल ही में रेरा के अध्यक्ष बनाए गए पूर्व मुख्य सचिव राजीव कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को प्राधिकरण की पहली बैठक हुई। बैठक में सदस्य बलविन्दर कुमार, भानु प्रताप सिंह और कल्पना मिश्रा शामिल हुईं। बैठक में प्राधिकरण की एक पीठ लखनऊ में राज्य नियोजन संस्थान के पुराना हैदराबाद स्थित कालाकांकर हाऊस स्थित
नवीन भवन में और दूसरी गौतमबुद्धनगर के ग्रेटर नोएडा कार्यालय में स्थापित करने का निर्णय किया गया। इसके साथ ही अपीलीय अधिकरण की एक पीठ एवं एक एडज्यूडिकेटिंग अधिकारी का न्यायालय भी दोनों जगह होगा जो क्षतिपूर्ति संबंधी मामलों की सुनवाई करेगा। इसके लिए जिला जज स्तर के न्यायिक सेवा के दो एडज्यूडिकेटिंग आफीसर्स तैनात करने का निर्णय किया गया है।
रेरा के वेबपोर्टल पर एडज्यूडिकेटिंग आफीसर को प्रस्तुत की जाने वाली शिकायतों के लिए एक सप्ताह में साफ्टवेयर में व्यवस्था कर दी जाएगी। प्राधिकरण के सचिव अबरार अहमद ने बताया कि बैठक में यह भी निर्णय किया गया कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) से संबंधित शिकायतों की सुनवाई गौतमबुद्धनगर में प्राधिकरण की एक पीठ द्वारा की जायेगी।
चूंकि वर्तमान में रेरा में की गई शिकायतों में 75-80 फीसद शिकायतें एनसीआर क्षेत्र से संबंधित हैं इसलिए होम बायर्स की सुविधा के मद्देनजर एनसीआर क्षेत्र की शिकायतें गौतमबुद्धनगर पीठ द्वारा सुनवाई करने का निर्णय किया गया। सचिव ने बताया कि रेरा में प्राप्त होने वाली शिकायतों की सुनवाई लखनऊ एवं गौतमबुद्धनगर में करने के लिए नई सुनवाई की तारीखें चार सितंबर से तय करते हुए सभी पक्षकारों को अगली तारीख एक सप्ताह में ई-मेल तथा एसएमएस द्वारा बता दी जाएगी।
प्राधिकरण द्वारा शिकायतों को यथासंभव परियोजनावार सुनते हुए उनका निस्तारण यथाशीघ्र सुनिश्चित किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि लगभग 3400 शिकायतें रेरा में लंबित हैं। सचिव ने बताया कि बैठक में यह संकल्प व्यक्त किया गया कि रेरा द्वारा कानून के मुताबिक सभी संबंधित को सुगम न्याय उपलब्ध कराया जाए और रियल इस्टेट सेक्टर के संतुलित विकास से प्रदेश के आर्थिक स्तर को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में सहयोग दिया जाए।
अब विकास प्राधिकरण नहीं करेंगे सुनवाई : अध्यक्ष व सदस्य न होने से अब तक रेरा में की गई शिकायतों की सुनवाई विभिन्न विकास प्राधिकरणों के उपाध्यक्षों द्वारा की जा रही थी। मंगलवार को हुई प्राधिकरण की बैठक में सभी शिकायतों को यथास्थिति अपने अधिकार क्षेत्र में लेने का फैसला किया गया।
रेरा का पेपरलेस होगा आफिस : रेरा के अध्यक्ष राजीव कुमार ने बताया कि प्राधिकरण का कार्यालय पेपरलेस होगा। रेरा के कार्यों को प्रोफेशनल ढंग से किया जाएगा। पेपरलेस कार्यालय के लिए अलग-अलग क्षेत्रों के विशेषज्ञों व परामर्शदाताओं को प्राधिकरण से जोडऩे का निर्णय किया गया है। उन्होंने बताया कि रियल इस्टेट सेक्टर के सुनियोजित विकास के लिए नीतिगत विषयों पर सरकार को सकारात्मक सुझाव देने के लिए भी विशेषज्ञों को रेरा के स्तर पर गठित समितियों में संबद्ध किया जाएगा। इसके लिए उनके और सदस्यों के नेतृत्व में उप समितियां गठित होंगी। अध्यक्ष ने बताया कि कोशिश होगी कि किसी भी शिकायत का निस्तारण दो माह में हो जाए।
होम बायर्स और क्रेडाई के साथ करेंगे बैठक : अध्यक्ष राजीव कुमार ने बताया कि 16 अगस्त को नोएडा में होम बायर्स और 17 को क्रेडाई के प्रतिनिधियों के साथ वह बैठक करेंगे। बैठक में रेरा के सभी सदस्य रहेंगे। कुमार ने बताया कि 17 को ही नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण तथा गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के अफसरों के साथ भी बैठक रखी गई है। अध्यक्ष ने बताया कि वह अन्य शहरों में भी इस तरह की बैठक करेंगे।