22 सीट से ऊपर की बसों को परमिट मुक्त करने की तैयारी, सिर्फ पंजीयन पर चला सकेंगे
यात्रियों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने और डग्गामारी पर रोक लगाने के लिए परिवहन मंत्रालय ने की पहल। परिवहन विभाग के जिम्मेदारों से मांगा गया जवाब।
लखनऊ [नीरज मिश्र]। यात्रियों को बेहतर और सस्ती परिवहन सुविधा उपलब्ध कराने के लिए केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्रालय 22 से ऊपर सीट वाली लक्जरी बसों को परमिट मुक्त करने की तैयारी में है। इस सिलसिले में ड्राफ्ट नोटिफिकेशन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। देश के विभिन्न राज्यों के प्रमुख सचिवों और परिवहन आयुक्तों से जवाब मांगा गया है। तीस दिन के भीतर उन्हें अपना उत्तर भेजना होगा। इससे नेशनल और स्टेट हाईवे पर कांट्रैक्ट कैरेज का परमिट लेकर शर्तों का उल्लंघन (डग्गामारी) कर चल रही हजारों लग्जरी बसें परमिट से मुक्त हो जाएंगी। अभी तक सिर्फ रोडवेज बसें ही राष्ट्रीयकृत मार्गों पर चल सकती हैं। लेकिन इस फैसले पर मुहर लगने के बाद रोडवेज के समानांतर 22 से अधिक सीट वाली लग्जरी बसें भी चल सकेंगी।
सिर्फ पंजीयन कराकर चला सकेंगे बस
नोटिफिकेशन होने के बाद बस ऑपरेटर सिर्फ पंजीयन करा अपनी बस चला सकेंगे। इसके लिए उन्हें किसी तरह का परमिट लेने की आवश्यकता नहीं होगी।
रुकेगा परमिट का दुरुपयोग, डग्गामारी में आएगी कमी
परिवहन अधिकारियों का मानना है कि अभी तक ज्यादातर राष्ट्रीयकृत मार्गों पर कांट्रैक्ट कैरेज का परमिट लेकर ऑपरेटर अपनी बसों को स्टेज कैरेज के रूप में संचालित करते हैं। नियमत: ऑपरेटर एक स्थान से सवारी लेकर उसे दूसरे तय स्थान पर छोड़ सकता है। लेकिन, बस ऑपरेटर इसका दुरुपयोग करते हुए जगह-जगह से सवारियां उठाकर टिकट बनाते हैं। जबकि, वह फुटकर सवारी नहीं ढो सकता है। चूंकि लंबी दूरी की एसी लग्जरी 22 से अधिक सीट वाली सेवाओं की डिमांड अधिक रहती है। लिहाजा, परमिट में राहत देने से यात्रियों को न केवल अच्छी और सस्ती सुविधाएं सुलभ होंगी, बल्कि लोगों को गंतव्य तक पहुंचने की राह और आसान हो जाएगी। अभी यात्रियों की सुविधा के लिए पर्याप्त बस सेवाएं नहीं हैं।
प्रदेश में ये है स्थिति
- 14,707 कांटे्रक्ट कैरेज परमिट की बसे हैं
- 18,643 स्टेज कैरेज परमिट की बसें
- 1074 रोडवेज बसें हैं लखनऊ में
- रोडवेज बस से चलने वाले यात्रियों की दैनिक संख्या-करीब 1.70 लाख
क्या कहते हैं परिवहन आयुक्त ?
परिवहन आयुक्त धीरज साहू के मुताबिक, आए हुए ड्राफ्ट नोटिफिकेशन को समझने के बाद परीक्षण कराकर इस मसले पर जल्द ही जवाब भेजा जाएगा। उच्चाधिकारियों से भी इस पर मशविरा लिया जाएगा। तय समयावधि में उत्तर भेज दिया जाएगा।