रेलवे में निजीकरण की आहट पर चक्का जाम की तैयारी Lucknow News
रायबरेली रेल कोच फैक्ट्री को 100 दिन में कंपनी बनाए जाने के विरोध में लिखा पत्र।
लखनऊ, जेएनएन। रेलवे को निजी क्षेत्र में सौंपने की तैयारियों के बीच ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन ने इसे लेकर अब आरपार की लड़ाई करने का मन बना लिया है। रेलवे बोर्ड के एक्शन प्लान 100 पर फेडरेशन ने आपत्ति दर्ज करा दी है। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव को फेडरेशन ने बुधवार को अपना ज्ञापन सौंप दिया। इसमें मॉडर्न रेल कोच फैक्ट्री रायबरेली को कंपनी के रूप में स्थापित करने का विरोध जताते हुए चक्का जाम करने की चेतावनी दी।
रेलवे बोर्ड ने एक्शन प्लान 100 तैयार किया है। जिसपर 100 दिन के भीतर कार्रवाई करने के आदेश भी दिए हैं। इसके तहत आइआरसीटीसी को लखनऊ से दिल्ली सहित दो रूटों पर निजी क्षेत्र की मदद से प्रीमियम ट्रेन चलाने और रेल कोच फैक्ट्री रायबरेली सहित सभी प्रोडक्शन यूनिटों का निगमीकरण का लक्ष्य रखा गया है। दैनिक जागरण में खबरें प्रकाशित होने के बाद फेडरेशन के केंद्रीय महामंत्री शिव गोपाल मिश्र ने इसका संज्ञान लिया।
बीती 11 जून को सड़क हादसे में अपने बेटे गौरव मिश्र, दस साल की पोती इरिसू और पत्नी प्रभावती देवी मिश्र के देहांत के कारण उनके अंतिम संस्कार के बाद बुधवार को शिव गोपाल मिश्र नई दिल्ली पहुंचे। उन्होंने सीआरबी को ज्ञापन भेजकर कहा कि जिस रेल कोच फैक्ट्री रायबरेली का निजीकरण का आदेश दिया गया है। वह फैक्ट्री लगातार प्रगति कर रही है। फैक्ट्री में सन 2018-19 में 1425 एलएचबी कोच बने हैं। जिनकी औसतन लागत 2.05 करोड़ रुपये प्रति कोच है। जबकि सन 1995 में इस तकनीक को जब आयात किया गया था, तब प्रति कोच की लागत 5.17 करोड़ रुपये थी।
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