सिजेरियन की जिद पड़ सकती है भारी, नार्मल डिलीवरी पर ध्यान दें गर्भवती Lucknow news
डफरिन हॉस्पिटल की एसआइसी डॉ. नीरा जैन ने बताया कि प्रसव पीड़ा से बचने के लिए गर्भवती कराती हैं सिजेरियन।
लखनऊ, जेएनएन। जिला महिला अस्पतालों में नार्मल से ज्यादा सिजेरियन डिलीवरी के मामले सामने आ रहे हैं। वहीं, स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञों का कहना है कि एक या दो सिजेरियन तो ठीक हैं, लेकिन तीसरा सिजेरियन खतरनाक हो सकता है।
दरअसल, ज्यादातर महिलाएं प्रसव पीड़ा को सहन नहीं कर पाती हैं और वे खुद डॉक्टर से सिजेरियन की मांग करती हैं। ऐसे में बार-बार सिजेरियन कराने वाली गर्भवती महिलाओं की जान को खतरा भी हो सकता है।
तीसरे सिजेरियन को लेकर रहें सजग
डफरिन हॉस्पिटल की एसआइसी डॉ. नीरा जैन कहती हैं कि एनेस्थीसिया और ऑपरेशन की नई-नई तकनीकों के चलते महिलाएं सिजेरियन पर जोर दे रही हैं। पिछले एक महीने में 32 थर्ड सिजेरियन अस्पताल में किए गए। दो ऑपरेशन कराने के बाद तीसरा सिजेरियन महिलाओं की जान के लिए खतरा हो सकता है। दो सिजेरियन के बाद बच्चे यदि स्वस्थ हैं तो नसबंदी करा लेना चाहिए।
नार्मल डिलीवरी पर ध्यान दें महिलाएं
क्वीन मेरी हॉस्पिटल में स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. स्मृति अग्रवाल कहती हैं जितनी बार गर्भवती का सिजेरियन होता है, उतनी बार बच्चेदानी कमजोर हो जाती है। पेशाब की थैली और आंतों के चिपकने का डर होता है। तीसरे सिजेरियन तक बच्चेदानी फट भी सकती है। अगर पहली डिलीवरी के समय नार्मल लेबर पेन हो तो डिलीवरी भी नार्मल ही कराएं। सिजेरियन की जिद न करें।