युवाओं को तरजीह: कांग्रेस के आधे जिला व शहर अध्यक्षों की होगी छुट्टी
केवल पश्चिम उप्र में क्षेत्रीय अध्यक्ष नियुक्त होना शेष है। क्षेत्रीय पदाधिकारियों की घोषणा जल्द होगी। अल्पसंख्यक व किसान विभाग के रिक्त पदों को भी जल्द भरा जाएगा।
लखनऊ (जेएनएन)। चुनावी तैयारी में जुटी कांग्रेस अपने करीब तीन दर्जन जिला व शहर अध्यक्षों की छुट्टी करेगी। संगठन को सक्रिय करने के लिए पार्टी युवा चेहरों को मौका देगी। लम्बे अर्से बाद होने वाले बड़े बदलाव की घोषणा जल्द करने के बाद आंदोलनात्मक गतिविधियां भी तेज की जाएंगी।
महागठबंधन की संभावनाएं कमजोर दिखने के साथ ही कांग्रेस द्वारा अपनी चुनावी तैयारियों को गति देनी शुरू कर दी है। निष्क्रिय जिला व शहर अध्यक्षों को हटाकर उनके स्थान पर नई तैनाती की जाएगी। प्रथम चरण में तीन दर्जन नए जिला-शहर अध्यक्षों की सूची पर राष्ट्रीय नेतृत्व की मुहर लग चुकी है। विधिवत घोषणा राष्ट्रीय महासचिव अशोक गहलौत द्वारा किसी भी दिन संभव है।
सूत्रों का कहना है कि जिन जिला व शहर अध्यक्षों को बदला जा रहा है उनमें ज्यादातर अधिक उम्र वाले हैं अथवा उनकी संगठनात्मक गतिविधियां कम हो गई थी। पश्चिमी उप्र के अलावा पूर्वी क्षेत्र के संगठन में परिर्वतन अधिक है। नेतृत्व का फोकस उन क्षेत्रों में ज्यादा है जहां गत चुनाव में बेहतर समर्थन मिला परंतु संगठन की भूमिका प्रभावी न रही। अगली कड़ी में प्रदेश पदाधिकारियों में से छंटनी की जाएगी। जिन जिलों और शहरों में कार्यकारी अध्यक्ष तैनात किए गए हैं, वहां भी स्थायी अध्यक्ष नियुक्त होंगे।
महिला कांग्रेस में प्रांतीय टीम का भी गठन : प्रदेश महिला कांग्रेस संगठन को चार क्षेत्रों में विभक्त किए जाने के बाद प्रांतीय कमेटी का गठन भी होगा और प्रदेश अध्यक्ष भी तैनात होगी। बता दें कि पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रतिमा सिंह द्वारा त्यागपत्र देने के लगभग पांच महीने के बाद संगठन को चार जोन में विभक्त करके तीन क्षेत्रीय अध्यक्षों को नियुक्त किया जा चुका है। केवल पश्चिम उप्र में क्षेत्रीय अध्यक्ष नियुक्त होना शेष है। क्षेत्रीय पदाधिकारियों की घोषणा जल्द होगी। अल्पसंख्यक व किसान विभाग के रिक्त पदों को भी जल्द भरा जाएगा।
मंडल प्रभारी भी बदले जाएंगे : मंडल स्तर पर तैनात प्रभारियों को भी बदलने की तैयारी है। सूत्रों के अनुसार मंडलों में संगठन की सक्रियता के लिए प्रदेश उपाध्यक्षों और महामंत्रियों को प्रभारी बनाया गया था लेकिन, अधिकतर प्रभारी आवंटित मंडलों में गए ही नहीं अथवा उन्होंने औपचारिकता भर की। प्रभारी के अलावा सह प्रभारियों के कार्यक्षेत्रों भी बदले जाएंगे।