लैंड पूलिंग से आबाद होगा LDA का प्रबंध नगर, दो लाख लोगों का होगा फायदा
5 साल से मुआवजे के विवाद में फंसी प्रबंध नगर को करेगा आबाद। योजना में दो लाख लोगों को बसाने की तैयारी में है।
लखनऊ, [ऋषि मिश्र]। एलडीए 15 साल से मुआवजे के विवाद में फंसी प्रबंध नगर योजना को आबाद करेगा। लैंड पूलिंग के तहत किसानों को जमीन में साझेदार बनाकर प्राधिकरण आइआइएम रोड पर इस योजना में करीब दो लाख लोगों को बसाने की तैयारी कर रहा है। मुख्य अभियंता और अधीक्षण अभियंता को इसकी जिम्मेदारी दी गई है। जल्द ही एक संयुक्त सचिव को इस काम की पूरी जिम्मेदारी दी जाएगी। वे लैंड पूलिंग के शासनादेश का पालन करते हुए किसानों को साङोदार बनाएंगे। प्रबंध नगर योजना में घैला, ककौली और अल्लूनगर डिगुरिया गांव शामिल हैं।
ये है स्कीम
लैंड पूलिंग में कम से कम 25 एकड़ भूमि लेकर बदले में किसानों को 20 फीसद विकसित भूमि दी जाएगी। अर्थ ये है कि 25 एकड़ भूमि के बदले पांच एकड़ भूमि मिलेगी।
प्रबंध नगर योजना का इतिहास
एलडीए ने वर्ष 2004 में हरदोई रोड और सीतापुर रोड के बीच स्थित अल्लू नगर, डिगुरिया, घैला और ककौली गांवों की करीब 1400 एकड़ जमीन पर प्रबंध नगर योजना लाने की तैयारी की थी। 2009 में किसानों को करीब 9400 करोड़ रुपये मुआवजे के तौर पर देने के लिए जिला प्रशासन के पास जमा कराए गए थे। हालांकि, योजना का करीब 50 फीसदी हिस्सा ग्रीन बेल्ट के दायरे में आने से अधिकारी उलझन में थे। मुआवजा न लेने वाले किसानों ने नए भूमि अधिग्रहण नियम के अनुसार चार गुना मुआवजे की मांग शुरू कर दी। हालांकि, बातचीत के दौरान बढ़ा मुआवजा देने के आश्वासन पर किसान मान गए थे। मगर बाद में फिर बात बिगड़ गई।
क्या कहते हैं जिम्मेदार ?
लविप्रा उपाध्यक्ष प्रभु एन सिंह का कहना है कि हम लैंड पूलिंग के जरिये प्रबंध नगर को बसाएंगे। किसानों की जमीन लेकर उनको साङोदार बनाया जाएगा। इसके लिए एक संयुक्त सचिव, मुख्य अभियंता और अधीक्षण अभियंता को जिम्मेदारी दी जा रही है।