Power Workers Strike: आम जनता पर पड़ रहा कर्मियों की हड़ताल का असर, 12 घंटे से 75 गांव की बिजली गुल
Power Workers Strike Effect बिजली कटने से कुटीर उद्योग प्रभावित है। मालीपुर रूधौली माफी कुलहियापट्टी में बिजली से संचालित आटा चक्की पर लोग गेंहू पिसाने को कई घंटे से खड़े रहे। जब उनको हड़ताल की जानकारी हुई तो सभी मायूस होकर घरों को लौट गए।
अंबेडकरनगर, जागरण टीम : Power Workers Strike : पावर कारपोरेशन की नीतियों के खिलाफ अधिकारियों और कर्मचारियों की हड़ताल का असर उपभोक्ताओं पर पड़ने लगा है। जलालपुर के 132 केवी वाजिदपुर पावर हाउस से 33 केवी की लाइन मालीपुर उपकेंद्र को दी गई है। शुक्रवार भोर चार बजे मुख्यलाइन पर पेड़ की डाल टूटकर गिरने से देवसरा, भदोही तथा मालीपुर फीडर की आपूर्ति बाधित हो गई। शटडाउन लेने वाले अधिकारी धरने पर बैठे थे। इससे बीते 12 घंटे से 75 गांवों की बिजली आपूर्ति बहाल नहीं हो सकी है। सबसे ज्यादा परेशानी किसानों को खेतों की सिंचाई में हुई है।
बिजली कटने से कुटीर उद्योग प्रभावित है। मालीपुर, रूधौली माफी, कुलहियापट्टी में बिजली से संचालित आटा चक्की पर लोग गेंहू पिसाने को कई घंटे से खड़े रहे। जब उनको हड़ताल की जानकारी हुई तो सभी मायूस होकर घरों को लौट गए।
मोबाइल के नेटवर्क ध्वस्त
वहीं सुरहुरपुर में लगा मोबाइल टावर का इनवर्टर बैठ जाने के चलते मोबाइल के नेटवर्क ध्वस्त हो गए। अचानक नेटवर्क गायब होने से लोगों के एक दूसरे से संपर्क टूट गया। करीब 40 हजार की आबादी हलकान है। शाम पांच बजे तक आपूर्ति सुचारु नहीं हो सकी।
जलालपुर उपजिलाधिकारी हरिशंकर लाल ने बताया कि बिजली आपूर्ति बहाल कराने को निगम के अधिकारियों को सूचित कर दिया गया है।
बिजलीकर्मियों ने किया बुद्धि शुद्ध यज्ञ
अकबरपुर अधीक्षण अधिकारी कार्यालय के बाहर कार्य बहिष्कार के चौथे दिन शुक्रवार को संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले धरने पर बैठे बिजली कर्मियों के नारे गूंजते रहे। ऊर्जा निगम के अध्यक्ष के नाम से बुद्धि शुद्ध यज्ञ किया। जिलाध्यक्ष महेंद्र त्यागी ने ऊर्जा निगम के शीर्ष प्रबंधन पर जमकर निशाना साधा। अधिशासी अभियंता एचपी मिश्र ने कहा कि वर्ष 2000 के बाद ऊर्जा निगम की सेवा में आए सभी कर्मियों के लिए पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल की जाए।
संविदा कर्मियों को नियमित किए जाने की मांग
संयोजक रंजीत कुमार ने जैसे अन्य प्रदेशों में पुरानी पेंशन बहाल की गई है, वैसे ही यूपी में भी बहाल करने तथा संविदा कर्मियों को नियमित किए जाने की मांग की। टांडा के उपखंड अधिकारी अनमोल सिंह ने सरकार विरोधी नारे लगाए।
इस दौरान एके शुक्ल, मोहम्मद सज्जाद आलम, उमेश कुमार संजय कुमार गुप्त, आमोद कुमार, जेई मुन्ना यादव, सौरभ सिंह, विनीत जायसवाल, भगवान सिंह, राजेश कुमार वर्मा, बृजेश वर्मा, मनीष चौधरी, नीलम गुप्त, रंजू, किरन, बिंदू आदि मौजूद रहे।