UP के निवासियों को मिल रही सबसे महंगी बिजली, देश के अन्य राज्यों में कई वर्ष से नहीं बढ़ी दर
राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने अन्य राज्यों के सापेक्ष यहां की दरें तुलनात्मक रूप से रखते हुए सरकार से आगे आकर दखल देने और बिजली सस्ती करने की मांग की है।
लखनऊ, जेएनएन। जनसंख्या के मामले में देश के सबसे बड़े राज्य के निवासियों को सबसे महंगी बिजली मिल रही है। उत्तर प्रदेश सरकार ने कोयला तथा कच्चे तेल के दाम बढऩे का हवाला देकर गुरुवार से बिजली महंगी कर दी है। दिल्ली में तो बिजली की दर पहले की अपेक्षा लगातार कम की जा रही है।
प्रदेश में तो बिजली महंगी हो गई लेकिन एक दर्जन अन्य राज्यों में ऐसा न होने से नई बहस खड़ी हो गई है। उत्तर प्रदेश के साथ ही मौजूदा वर्ष के लिए करीब एक दर्जन अन्य राज्यों की भी नई बिजली दरों का एलान हुआ है पर इतनी महंगी बिजली और नहीं हुई, जितनी यहां की गई।
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने अन्य राज्यों के सापेक्ष अपने यहां की दरें तुलनात्मक रूप से रखते हुए राज्य सरकार से आगे आकर दखल देने और बिजली सस्ती करने की मांग की है। परिषद अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने बताया कि ज्यादातर राज्यों के विद्युत वितरण निगमों ने बिजली दरों में व्यापक बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया था लेकिन, उन राज्यों के नियामक आयोग ने या तो दरों में नाममात्र की वृद्धि की या फिर बढ़ोतरी का प्रस्ताव खारिज कर दिया। इसके उलट उत्तर प्रदेश में विद्युत नियामक आयोग ने यह स्वीकार करते हुए भी दरों में व्यापक बढ़ोतरी कर दी कि प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं का करीब 13337 करोड़ रुपये बिजली कंपनियों पर निकल रहा है।
राज्य- औसत वृद्धि (प्रतिशत में)
उत्तर प्रदेश- 12
मध्य प्रदेश- 07
कर्नाटक- 4.28
पंजाब- 2.14
उत्तराखंड- 2.79
आंध्र प्रदेश- 00
उड़ीसा- 00
हरियाणा- 00
गुजरात- 00
बिहार- 00
दिल्ली- दरों में कमी।