UP Cabinet Decision: यूपी में चयन बोर्ड से भरे जाएंगे दिव्यांगजन विद्यालयों के शिक्षक व प्रधानाचार्य के पद
योगी आदित्यनाथ सरकार की कैबिनेट बैठक में आज दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग अध्यापक सेवा नियमावली में संशोधन का प्रस्ताव भी पास किया गया है। इसके तहत अब प्रदेश में चयन बोर्ड के जरिए दिव्यांगजन विद्यालयों के शिक्षक व प्रधानाचार्य के पद भरे जाएंगे।
लखनऊ, राज्य ब्यूरो। UP Cabinet Decision प्रदेश सरकार ने दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग द्वारा संचालित विद्यालयों में अध्यापकों व प्रधानाचार्य के पद उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड से भरने का निर्णय लिया है। इसके लिए मंगलवार को योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग अध्यापक सेवा नियमावली-2000 में चतुर्थ संशोधन को स्वीकृति प्रदान कर दी गई।
चयन बोर्ड के जरिए भरे जाएंगे 300 शिक्षक व प्रधानाचार्यों के पद
इस संशोधन के बाद अब करीब 300 शिक्षक व प्रधानाचार्यों के पद चयन बोर्ड के जरिए भरे जाएंगे। अभी तक दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग द्वारा संचालित विद्यालयों में शिक्षकों व प्रधानाचार्य के पद विभाग द्वारा भरे जाते थे। इसके लिए दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग अध्यापक सेवा नियमावली-2000 बनाई गई है। योगी सरकार ने अब शिक्षकों के चयन का काम विभाग के बजाय उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड से कराने का निर्णय लिया है। इसके लिए नियमावली में संशोधन कर दिया गया है।
मुजफ्फरनगर नगर पालिका परिषद का होगा विस्तार
- मुजफ्फरनगर में नगर पालिका परिषद की सीमा का विस्तार किया जाएगा। कैबिनेट ने नगर पालिका परिषद क्षेत्र के विस्तार के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
- इसके अलावा कैबिनेट ने गोंडा में नगर पंचायत कटरा के सीमा विस्तार को भी मंजूरी दी है। नगर विकास विभाग की ओर से दोनों प्रस्ताव पेश किए गए थे।
- मुजफ्फरनगर की नगर पालिका सीमा में ग्राम खानजहापुर, मन्धेड़ा, मीरापुर, वहलना, सूजडू, सहावली, सरवट, कूकडा, ग्राम मुजफ्फरनगर, शाहबुद्दीनपुर, अलमासपुर, बीबीपुर, मुस्तफाबाद, शेरनगर व ग्राम बिलासपुर के विभिन्न गाटों को शामिल किए जाने का निर्णय किया जाएगा।
कैबिनेट ने आवश्यकता होने पर अधिसूचना में संशोधन/परिवर्तन केे लिए नगर विकास मंत्री को अधिकृत किया है। वहीं गोंडा की नगर पंचायत कटरा का सीमा विस्तार किए जाने के मामले में अधिसूचना निर्गत होने के बाद कोई त्रुटि परिलक्षित होने पर आवश्यकतानुसार संशोधन के लिए नगर विकास मंत्री को अधिकृत किया गया है।