CoronaVirus: KGMU और लोहिया संस्थान में मरीजों की पूल टेस्टिंग, एक सैंपल में पांच की हो रही जांच
CoronaVirus एक सैंपल में पांच मरीजों तक की हो रही टेस्टिंग। प्रक्रिया कम लागत में अधिक मरीजों की जांच में मददगार बन रही है।
लखनऊ, जेएनएन। CoronaVirus: लोहिया संस्थान और केजीएमयू में कोरोना की पूल टेस्टिंग शुरू हो गई है। ऐसे में एक सैंपल में ही पांच-पांच मरीजों की जांच की जा रही है। यह प्रक्रिया कम लागत में अधिक मरीजों की जांच में मददगार बन रही है।
दरअसल, राज्य में कोरोना टेस्टिंग की संख्या बढ़ाने के लिए पूल टेस्टिंग विधि अपनाने के निर्देश दिए गए हैं। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) ने पूल टेस्टिंग की गाइड लाइन भी जारी की है। ऐसे में लोहिया संस्थान व केजीएमयू के माइक्रोबायोलॉजी विभाग ने तय मानकों पर जांच शुरू कर दी है।
दो फीसद से कम पॉजिटिव, वहां पूल टेस्टिंग
लोहिया संस्थान की माइक्रोबायोलॉजी विभाग की अध्यक्ष डॉ. ज्योत्सना अग्रवाल के मुताबिक आइसीएमआर की गाइड लाइन से टेस्ट किए जा रहे हैं। इसमें जहां 100 मरीजों में दो या उससे कम पॉजिटिव केस आए हैं, उस क्षेत्र के सैंपल पूल टेस्टिंग में लगाए जा रहे हैं। एक मरीज का तीन एमएल स्वैब का नमूना आता है। पांचों मरीजों के सैंपल से माइक्रो एमएल में स्वैब लेकर एक सैंपल में संग्रह कर मशीन में रन करते हैं। यदि सैंपल निगेटिव आया, तो पांचों मरीज में वायरस नहीं है। यदि सैंपल में पॉजिटिव रिजल्ट आया है तो पांचों का अलग-अगल टेस्ट कर संक्रमित मरीज को कन्फर्म किया जाता है। अब तक संस्थान में 1800 टेस्ट हो चुके हैं।
केजीएमयू में 14 हजार टेस्ट
केजीएमयू के माइक्रोबायोलॉजी विभाग की अध्यक्ष डॉ. अमिता जैन के मुताबिक पूल टेस्टिंग शुरू कर दी गई है। अब तक लैब में कुल 14 हजार से अधिक टेस्ट हो चुके हैं।