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कृषि विधेयकों पर गर्मायी राजनीति, समाजवादी पार्टी व आम आदमी पार्टी सड़क पर; भाकियू ने ज्ञापन सौंपा

कृषि विधेयकों पर किसान राजनीति गर्माने और सरकार को घेरने के लिए उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी भी सड़कों पर उतर आई हैं। सोमवार को सपा कार्यकर्ताओं ने तहसील एवं जिला मुख्यालयों में हंगामा किया तो आप ने भी जिला केंद्रों पर विरोध प्रदर्शन किया।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Mon, 21 Sep 2020 10:13 PM (IST)Updated: Tue, 22 Sep 2020 07:45 AM (IST)
लखनऊ में कृषि विधेयकों के विरोध के विरोध करते आम आदमी पार्टी कार्यकताओं की गिरफ्तारी के दौरान पिटाई करती पुलिस।

लखनऊ, जेएनएन। कृषि विधेयकों के विरोध का मुद्दा जोर पकड़ता जा रहा है। किसान राजनीति गर्माने और सरकार को घेरने के लिए उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी भी सड़कों पर उतर आई हैं। सोमवार को समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने तहसील एवं जिला मुख्यालयों में हंगामा किया तो आम आदमी पार्टी ने भी जिला केंद्रों पर विरोध प्रदर्शन किया। कई स्थानों पर पुलिस से टकराव की स्थिति बनी और गिरफ्तारियां भी दी गई। भारतीय किसान यूनियन कार्यकर्ताओं ने जिलों में प्रदर्शन किया और प्रधानमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन प्रेषित किया। विधेयक वापस न होने पर भाकियू ने 25 सितंबर को चक्का जाम करने की चेतावनी दी है।

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सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के आह्वान पर सपाइयों ने राजधानी लखनऊ समेत प्रदेश भर में सरकार विरोधी प्रदर्शन किए। लाल टोपियां लगाए सपाई लंबे अर्से बाद बड़ी संख्या में उग्र तेवर में दिखे। प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने बताया कि प्रदर्शनों की सफलता ने सिद्ध किया कि सरकार के खिलाफ जनता बगावत पर उतर आयी है तो भाजपा की विफलता को सिद्ध करता है। भाजपाराज में हर वर्ग परेशान है। आवाज उठाने वालों को बर्बरता से कुचला जा रहा है लेकिन सरकार की दमनकारी नीतियों का डटकर विरोध किया जाता रहेगा।

आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य व प्रदेश प्रभारी संजय सिंह ने सदन में विधेयकों को पुरजोर विरोध किया तो सोमवार को कार्यकर्ता सड़को पर उतर आए। लखनऊ समेत कई स्थानों पर प्रदर्शनकारियों का पुलिस से टकराव भी हुआ। प्रदेश अध्यक्ष सभाजीत सिंह ने किसान हित में संघर्ष जारी रखने का ऐलान किया।

भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) कार्यकर्ताओं ने सोमवार को जिला केंद्रों पर प्रदर्शन किया व प्रधानमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन सौंपे। विधेयक वापस लेने के साथ न्यूनतम समर्थन मूल्य के दायरे में सभी फसलों को लाने और फसल खरीद कानून बनाने की मांग की। मांग पूरी न होने पर 25 सितंबर को चक्का जाम करने का एलान किया। राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बहुमत के नशे में किसान हितों की अनदेखी करने का आरोप लगाया।

भाजपाई उजागर करेंगे विपक्ष का झूठ : कृषि विधेयकों को लेकर विपक्ष द्वारा चलायी जा रही सरकार विरोधी मुहिम का जवाब भाजपा कार्यकर्ता भी देंगे। जनता के बीच जाकर विधेयकों के बारे में फैलायी जा रही भ्रांतियों को उजागर करेंगे। प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह का कहना है कि किसान विरोधी चरित्र वाले कांग्रेस, सपा जैसे दलों की पोल जनता के बीच जाकर व सोशल मीडिया के जरिए खोलने का काम किया जाएगा। किसान मोर्चा के कार्यकर्ता में चौपाल पर संवाद के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उठाए क्रांतिकारी कदम के बरे में बताएंगे। किसानों को अपनी फसलें बेचने की आजादी मिलने से बौखलाए कुछ विपक्षी दलों के नेता माहौल खराब अपने राजनीतिक हित साधने की कोशिश कर रहे है।


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