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उन्नाव दुष्कर्म कांड पीड़िता के साथ दुर्घटना को लेकर बढ़ी UP की सियासी तपिश, विपक्ष ने सरकार को घेरा

उन्नाव के माखी दुष्कर्म कांड की पीड़िता के साथ हुई सड़क दुर्घटना को लेकर सियासी तपिश बढ़ गई है। विपक्षी दलों ने मंगलवार को इस मुद्दे पर सरकार को घेरा।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Tue, 30 Jul 2019 09:10 PM (IST)Updated: Tue, 30 Jul 2019 11:14 PM (IST)
उन्नाव दुष्कर्म कांड पीड़िता के साथ दुर्घटना को लेकर बढ़ी UP की सियासी तपिश, विपक्ष ने सरकार को घेरा

लखनऊ, जेएनएन। उन्नाव के माखी दुष्कर्म कांड की पीड़िता के साथ हुई सड़क दुर्घटना को लेकर सियासी तपिश बढ़ गई है। विपक्षी दलों ने मंगलवार को इस मुद्दे पर सरकार को घेरा। इसको लेकर भाजपा के प्रदेश मुख्यालय के घेराव का एलान कर चुकी कांग्रेस इस इरादे से सड़क पर उतरी। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी पीड़िता के परिवारीजन से मिलने किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के ट्रॉमा सेंटर पहुंचे और उनके एलान पर पार्टी की ओर से परिवार को दस लाख रपये और दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल वकील के परिवार को पांच लाख रुपये के चेक दिये गए। उधर, बसपा प्रमुख मायावती ने ट्वीट कर भाजपा के सांसद साक्षी महाराज की आरोपित विधायक कुलदीप सेंगर से जेल में मुलाकात का हवाला देते हुए अपराधियों को सरकारी संरक्षण मिलने का आरोप लगाया।

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सड़क पर उतरी कांग्रेस

इस मामले में कांग्रेस ने सरकार पर अपराधियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया और आरोपित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को बर्खास्त किये जाने की मांग को लेकर भाजपा मुख्यालय के सामने प्रदर्शन किया। कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता अजय कुमार लल्लू कुछ कार्यकर्ताओं के साथ रात भर जीपीओ पार्क स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने धरने पर बैठे रहे। सुबह 11 बजे तक कांग्रेस कार्यकर्ता जीपीओ के पास एकत्र होकर नारेबाजी करने लगे। दोपहर 12.20 बजे कांग्रेस कार्यकर्ता भाजपा कार्यालय की ओर चल पड़े। पुलिस ने बैरिकेडिंग कर उन्हें रोका तो कांग्रेस विधानमंडल दल नेता अजय कुमार लल्लू और उपनेता आराधना मिश्रा सहित तमाम कार्यकर्ता बैरिकेडिंग पर चढ़ गए।

पुलिस उनसे जूझती रही, तब तक आराधना मिश्रा, प्रदेश महामंत्री द्विजेंद्र राम त्रिपाठी, वीरेंद्र मदान अन्य कार्यकर्ताओं के साथ सड़क पार कर दूसरी तरफ से भाजपा कार्यालय के ठीक सामने पहुंचकर नारेबाजी करने लगे। पुलिस ने तुरंत भाजपा कार्यालय के दरवाजे बंद किए और कांग्रेस कार्यकर्ताओं को रोका। आराधना कार्यकर्ताओं के साथ बीच रास्ते धरने पर बैठ गईं। इसके बाद पुलिस ने कांग्रेसियों को हिरासत में ले लिया और बाद में आलमबाग स्थित ईको गार्डन ले जाकर छोड़ दिया। महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुष्मिता देव दोपहर दो बजे के बाद लखनऊ पहुंचीं। राष्ट्रीय प्रवक्ता पंखुरी पाठक, पूर्व सांसद सावित्री बाई फुले, अनुसुइया शर्मा, प्रियंका गुप्ता, नीलम वैश्य सिंह आदि के साथ जीपीओ पार्क में धरने पर बैठ गईं। फिर राजभवन की ओर जाने लगीं तो पुलिस से धक्कामुक्की हो गई। आखिरकार उन्हें रोक दिया गया।

जिला मुख्यालयों पर उपवास करेगी कांग्रेस

माखी दुष्कर्म कांड पर सरकार के खिलाफ मुखर हुई कांग्रेस प्रदेश भर आंदोलन करने जा रही है। बुधवार को हर जिला मुख्यालय पर सुबह 11 से शाम पांच बजे तक उपवास कार्यक्रम करने के निर्देश जारी किये गए हैं। वहीं, राजधानी में हजरतगंज स्थित जीपीओ पार्क में कांग्रेसी बैठेंगे। उपवास के साथ पार्टी पीड़िता और उसके वकील को बेहतर इलाज दिलाने, पीड़ित परिवार को आर्थिक मदद दिलाने, दुष्कर्म आरोपित विधायक को भाजपा से बर्खास्त करने और पीड़िता के चाचा को एक माह का पैरोल दिए जाने की मांग करेगी।

सपा न्याय दिलाने के लिए लड़ेगी लड़ाई

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी ट्रॉमा सेंटर पहुंचकर दुष्कर्म पीड़िता के परिवारीजन से मुलाकात की और डॉक्टरों से घायलों के स्वास्थ्य की जानकारी ली। उन्होंने पीड़ित लोगों को भरोसा दिलाया कि समाजवादी पार्टी उनको न्याय दिलाने की लड़ाई मजबूती से लड़ेगी। परिवारीजन को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मिलने का सुझाव भी दिया। उन्होंने कहा कि गृह मंत्री के लखनऊ प्रवास के दिन ही यह घटना घटी। मुख्यमंत्री भरोसे लायक नहीं हैं। सरकार को सब कुछ पता है, लेकिन पीड़िता को न्याय नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर से घटना के तार जोड़ते हुए कहा कि जेल में बंद विधायक को प्रदेश से बाहर किसी जेल में भेजा जाए। पूरे मामले की जांच हाईकोर्ट के किसी वर्तमान न्यायाधीश से कराने व पीड़िता को एक करोड़ रुपये राहत राशि देने की मांग की। 

मायावती ने साधा निशाना

बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट कर कहा कि 'बीजेपी सांसद साक्षी महाराज द्वारा रेप के आरोपी भाजपा विधायक से जेल में मिलना प्रमाणित करता है कि सामूहिक दुष्कर्म के आरोपितों को लगातार सत्ताधारी बीजेपी का संरक्षण मिल रहा है, जो इंसाफ का गला घोंटने जैसा है। सुप्रीम कोर्ट को इसका संज्ञान अवश्य लेना चाहिए। उन्नाव सामूहिक दुष्कर्म पीडि़ता के परिवार वालों की संदिग्ध हत्या के बाद उनके अंतिम संस्कार के लिए चाचा को पैरोल पर रिहा नहीं होने देना अति-अमानवीय है, जो प्रदेश सरकार की इस कांड में मिलीभगत साबित करता है।'

रालोद उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने भी प्रदेश सरकार को आईना दिखाया। ट्वीट में जंयत ने लिखा, 'गुंडा राज क्या होता है? आज समझ में आ रहा है! उन्नाव।'

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