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सपा-बसपा का मिलना जातिवादी, भ्रष्टाचारी और मौकापरस्त लोगों का गठबंधन

बसपा-सपा गठबंधन को भाजपा ने जातिवादी, भ्रष्टाचारी और मौकापरस्त लोगों का गठबंधन करार दिया और कहा कि यह एक गुनाहबंधन है जो एक दूसरे के गुनाह छिपाने के लिए हैं।

By Nawal MishraEdited By: Published: Sat, 12 Jan 2019 07:45 PM (IST)Updated: Sat, 12 Jan 2019 07:50 PM (IST)
सपा-बसपा का मिलना जातिवादी, भ्रष्टाचारी और मौकापरस्त लोगों का गठबंधन

 ​​लखनऊ, जेएनएन। बसपा और सपा गठबंधन पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह जातिवादी, भ्रष्टाचारी और मौकापरस्त लोगों का गठबंधन है। सपा और बसपा का विकास और सुशासन से कोई लेना-देना नहीं है। जनता इनके नापाक गठबंधन के बारे में सब कुछ जानती है। समय आने पर वही इनको सही जवाब भी देगी। मालूम हो कि गठबंधन के पहले भी भाजपा के शीर्ष नेता यह कहते रहे हैं कि सपा-बसपा के गठबंधन का उत्तर प्रदेश के लोकसभा चुनावों में कोई असर नहीं पड़ेगा। 2019 के आम चुनाव में भाजपा गठबंधन को 2014 के चुनावों से भी अधिक सीटें मिलेंगी।

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भाजपा की नजर में भ्रष्टाचारियों का गठबंधन

एक दल 

  • एनआरएचएम घोटाला 
  • स्मारक घोटाला
  • चीनी मिल भ्रष्टाचार  

दूसरा दल

  • रिवर फ्रंट घोटाला
  • यूपीपीएससी भर्ती घोटाला
  • खनन घोटाला

भाजपा सरकार ने सुशासन की पहचान बनाई

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय ने कहा कि सपा-बसपा गठबंधन उत्तर प्रदेश को कुशासन, भ्रष्टाचार और अपराध की आग में झोंकने वाले अवसरवादी दलों का गठबंधन है। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार ने सभी वर्गों के लिए काम किया और सुशासन की पहचान बनाई। उन्होंने कहा यह एक गुनाहबंधन है, जो एक दूसरे के गुनाहों को ढंकने, छिपाने के लिए किया गया है। पांडेय ने कहा आज ही ईवीएम पर सवाल उठा कर मायावती ने अपनी हार स्वीकार कर ली है। उन्होंने चुनौती देते हुए कहा कि हमारे पास नरेंद्र मोदी जैसा नेतृत्व है, दुनिया की किसी भी प्रणाली से चुनाव कराया जाए तो भी गठबंधन की हार तय है। पांडेय ने कहा कि अखिलेश भी मायावती की तरह गेस्ट हाऊस कांड भूल गए हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि तब सपा के कहर से मायावती को किसने बचाया था। मायावती ने दलितों, गरीबों, वंचितों और शोषितों की गुनाहगार सपा से हाथ मिलाया है। कांशीराम की विरासत और दलितों के विश्वास का सौदा मायावती ने कर लिया।

दलितों का वोट लेकर भाजपा की गोद 

पीएसपी गठन के पीछे बसपा अध्यक्ष मायावती ने भाजपा की भूमिका बताई तो पार्टी के संस्थापक शिवपाल सिंह यादव पलटवार से नहीं चूके। शिवपाल ने कहा कि दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों का वोट लेकर भाजपा की गोद में बैठ जाने वाले मुझ पर भाजपा से मिले होने का आरोप लगा रहे हैं। शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि आमजन को यह पता है कि उत्तर प्रदेश में भाजपा के साथ मिलकर बार-बार किसने सरकार बनाई है। मेरा सांप्रदायिक शक्तियों के खिलाफ पिछले चार दशकों का संघर्ष संदेह से परे हैं। उन्होंने कहा कि यह दुखद है कि आर्थिक भ्रष्टाचार में लिप्त और अपनी पार्टी का टिकट बेचने वाली मुझ पर भाजपा से आर्थिक सहयोग प्राप्त होने का आरोप लगा रही हैं। सपा के शीर्ष नेतृत्व को समझना चाहिए कि इसके पहले भी मायावती दलितों, पिछड़ों और मुसलमानों का वोट लेकर भाजपा की गोद में बैठ चुकी हैं। उन्होंने आशंका जताई कि कहीं ऐसा न हो कि इतिहास फिर से दोहराए और मायावती चुनाव के बाद भाजपा से जा मिलें। यह भी सबको पता है कि राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के चुनाव में कांग्रेस से गठबंधन न कर भाजपा को लाभ किसने पहुंचाया।

गठबंधन लाएगा देश में बड़ा बदलाव : आजम

सपा-बसपा गठबंधन को लेकर पूर्व मंत्री आजम खां ने रामपुर में कहा कि देश की सियासत में बदलाव के लिए उत्तर प्रदेश ही काफी है। यह गठबंधन देश की सियासत में बड़ा बदलाव लाएगा। पूर्व मंत्री अपने आवास पर मीडिया से बात कर रहे थे। उन्होंने भाजपा पर भी निशाना साधा। कहा कि भाजपा की पांच राज्यों में ताकत खत्म हो चुकी है। छत्तीसगढ़ की बात करें तो यह राज्य भाजपा की राजनीति का किला समझा जाता था। यह किला कभी ध्वस्त नहीं होगा, ऐसा माना जाता था। भाजपा की सबसे ज्यादा बुरी हालत वहीं हुई है। गठबंधन के बाद लोकसभा चुनाव में अनुमानित सीटों के सवाल पर कहा कि हम दावा तो नहीं कर रहे, लेकिन लोकसभा चुनाव में जितनी सीटें पिछली बार विपक्ष को मिली थीं, उससे कम भाजपा की आनी चाहिए। सीबीआइ को लेकर बोले, भाजपा ने शीर्ष एजेंसियों के खिलाफ ताकत का गलत इस्तेमाल किया है। सीबीआइ के रवैये को लेकर यदि भाजपा दोषी है तो कांग्रेस ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी थी। 


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