पुलिस ने जब्त किया गायत्री प्रसाद प्रजापति का मोबाइल, होगी मैसेज की पड़ताल
पुलिस का मानना है कि जब्त मोबाइल फोन से बड़ी सफलता मिलेगी। पुलिस मोबाइल के कॉल डिटेल के साथ ही उसके ही मैसेज की पड़ताल करेगी।
By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Thu, 16 Mar 2017 03:14 PM (IST)Updated: Thu, 16 Mar 2017 04:41 PM (IST)
लखनऊ (जेएनएन)। दुष्कर्म मामले में फरार चल रहे सपा सरकार के निवर्तमान मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति की गिरफ्तारी के बाद मुश्किल बढ़ती ही जा रही है। इस मामले की गहन पड़ताल में लगी पुलिस ने आज गायत्री प्रसाद प्रजापति का मोबाइल फोन जब्त कर लिया है।
पुलिस का मानना है कि जब्त मोबाइल फोन से बड़ी सफलता मिलेगी। पुलिस मोबाइल के कॉल डिटेल के साथ ही उसके ही मैसेज की पड़ताल करेगी। पुलिस ने मोबाइल फोन जब्त करने के बाद उसकी जांच के लिए फोरेंसिक लैब भेजा है। इस मोबाइल फोन से वहां मैसेज की पड़ताल होगी। इसके साथ ही नेटवर्क प्रदाता कंपनी से डिलीट हुए सभी मैसेजों की रिकवरी मांगी गई है।
इससे पहले कल बयान दर्ज कराने के बाद कल गायत्री प्रसाद प्रजापति को कल कोर्ट में पेश किया गया जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। एसएसपी मंजिल सैनी के मुताबिक, गौतमपल्ली थाने में गायत्री समेत सात के खिलाफ 18 फरवरी को दुष्कर्म, दुष्कर्म के प्रयास और पॉक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज हुआ था। मुकदमा दर्ज होने के बाद से गायत्री फरारी काट रहे थे।
गिरफ्तारी से बचने के लिए कुछ दिन पूर्व वह भागकर कोलकाता चले गए थे। उधर, जब पुलिस ने परसों तड़के अमेठी के आवास विकास कॉलोनी से गायत्री के आवास से उनके बेटे अनुराग और भतीजे सुरेंद्र को हिरासत में लेकर परिवारीजन पर शिकंजा कसा तो वह कोलकाता से भागकर लखनऊ पहुंच गए। लखनऊ पहुंचते ही पुलिस ने उन्हें पारा क्षेत्र स्थित नहरिया के पास से गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में आरोपी उनके छह सहयोगियों गनर चंद्रपाल, विकास वर्मा (एसीएम पुत्र), रूपेश्वर, आशीष गुप्ता, पिंटू सिंह और अशोक तिवारी को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।
मेरा और महिला का नार्को टेस्ट करा लो
दुष्कर्म के आरोपी गायत्री प्रजापति ने कहा कि मेरे और छह साथियों पर लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं। चाहे तो महिला समेत सभी का पुलिस नार्को टेस्ट करा ले। सब दूध का दूध-पानी का पानी हो जाएगा। उन्होंने सीओ आलमबाग के समक्ष बयान दर्ज कराने के दौरान यह बातें कहीं। सीओ अमिता सिंह के सामने बयान के दौरान उन्होंने खुद को और साथियों को निर्दोष बताते हुए कई अहम सुबूत भी दिए।
नहीं पढ़ पाता अंग्रेजी के मैसेज
गायत्री से पुलिस अधिकारियों ने पूछा कि आपसे बात करने के लिए कई मैसेज किए गए, पर कोई जवाब नहीं आया। इस पर उन्होंने कहा कि उन्हें स्मार्ट फोन चलाना नहीं आता है और न ही वह अंग्रेजी के मैसेज पढ़ पाते हैं। उनका फोन उनके साथी और पीएस ही चलाते थे।
वर्षों से खराब हैं सरकारी आवास के कैमरे
सीओ आलमबाग ने बताया कि गायत्री के गौतमपल्ली सरकारी आवास के मुख्यद्वार और लॉन में लगे सीसीटीवी कैमरे की पड़ताल की गई तो उसमें कुछ नहीं मिला। कई सालों से दोनों कैमरे खराब पड़े थे। खराब होने के बाद कैमरे ठीक ही नहीं कराए गए। इस कारण इसकी पुष्टि नहीं हो सकी कि महिला कितनी बार उनके सरकारी आवास पर आई थी।
गिरफ्तारी से बचने के लिए भागते रहे
पुलिस की गिरफ्त से बचने के लिए गायत्री प्रजापति उत्तर प्रदेश समेत कई अन्य प्रदेशों में समर्थकों और परिचितों के घर छिपे रहे। एसएसपी मंजिल सैनी के मुताबिक रिपोर्ट दर्ज होने के बाद गायत्री कुछ दिन नोएडा में रहे। इसके बाद वह गाजियाबाद में फिर दिल्ली में आरोपी अशोक तिवारी के दामाद के घर और उसके बाद हिमाचल प्रदेश और फिर कोलकाता चले गए थे।
बिना मेडिकल परीक्षण के जेल में किया दाखिल
पुलिस ने गायत्री प्रजापति को बिना मेडिकल परीक्षण कराए ही जेल में दाखिल करा दिया। इस संबंध में सीओ अमिता सिंह ने बताया कि गायत्री के साथ उनके वकील भी थे। उन्होंने कहा कि गायत्री स्वस्थ हैं वह मेडिकल नहीं कराना चाहते।
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