पुलिस नोडल अधिकारियों को अब थानेदारों की तैनाती की भी करनी होगी समीक्षा, नए सिरे से सूची जारी
अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने सभी नोडल अधिकारियों को अपने जिलों में दो दिनों तक मौजूद रहकर निर्देशों के अनुरूप कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
लखनऊ, जेएनएन। कानपुर कांड में जिस तरह कुख्यात विकास दुबे से पुलिसकर्मियों की साठगांठ और थाने में पोस्टिंग को लेकर खेल सामने आए हैं, उससे सबक लेते हुए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। जिलों के पुलिस नोडल अधिकारियों को अब थानेदारों व अन्य पुलिसकर्मियों की निर्धारित समय के बाद भी तैनाती समेत अन्य बिंदुओं पर समीक्षा करनी होगी। अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने सभी नोडल अधिकारियों को अपने जिलों में दो दिनों तक मौजूद रहकर निर्देशों के अनुरूप कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सभी नोडल अधिकारियों को अपने जिलों में 17 जुलाई की रात तक पहुंचने का निर्देश भी दिया है। जल्द कई जिलों में थानेदारों की तैनाती को लेकर किए गए कई खेल भी उजागर हो सकते हैं।
कानपुर कांड के बाद लिए गए निर्णय के तहत अब नोडल पुलिस अधिकारियों को सामाजिक समीकरण व शासनादेशों के दृष्टिगत अधीनस्थ अधिकारियों व कर्मियों की थाना स्तर पर तैनाती की समीक्षा करने को कहा गया है। निश्चित समय के बाद भी थानेदार व अन्य कर्मियों की नियम विरुद्ध थाने में तैनाती की समीक्षा भी की जाएगी। यह भी देखा जाएगा कि सक्षम अधिकारी की अनुमोदन सूची के अनुसार थानेदारों की पोस्टिंग की गई है या नहीं। खराब छवि वाले पुलिसकर्मियों की भी समीक्षा होगी। नोडल अधिकारी टॉप-10 अपराधियों व जिले में सक्रिय अपरााधियों की सूची की भी समीक्षा करेंगे और अपनी रिपोर्ट देंगे।
नोडल अधिकारी इसके अलावा गैंगेस्टर एक्ट के तहत अपराधियों की जब्त की गई संपत्ति, महिलाओं के प्रति हुए अपराधों व पॉक्सो एक्ट के मामलों में हुई कार्रवाई, मॉनीटरिंग कमेटी की बैठकों, अभियोजन को लेकर की गई कार्रवाई, कोरोना के दृष्टिगत कंटेनमेंट जोन में शासन के निर्देशों का अनुपालन व इससे जुड़े अन्य निर्देशों में की जा रही कार्रवाई की समीक्षा भी की जाएगी।
शासन ने अक्टूबर 2019 में एडीजी से लेकर डीआइजी स्तर तक के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को जिलों का नोडल अधिकारी बनाने का निर्णय लिया था। तब उन्हें पुलिस लाइन के मुआयने से लेकर जिला पुलिस की अन्य गतिविधियों व कार्यशैली की समीक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। अपराध पर प्रभावी नियंत्रण को लेकर यह कदम उठाया गया था। नोडल अधिकारियों को विवेचना की गुणवत्ता को सुधारने का काम भी सौंपा गया था। बीते दिनों कई पुलिस अधिकारी सेवानिवृत्त हो गए और कई के तबादले हो गए थे। नोडल अधिकारियों की सूची में भी कई नाम बदल गए हैं।