लखनऊ में चार माह पूर्व बरामद हुई चोरी की 112 गाड़ियां खा रहीं धूल, अबतक फोरेंसिक जांच नहीं
लखनऊ गुडवर्क कर भूली चिनहट पुलिस धूल खा रहीं गाड़ियां। गाड़ियों के मालिक परेशान पुलिस दफ्तरों के काट रहें चक्कर। पूर्व कमिश्नर ने इस संबंध में तत्काल कार्यवाही के निर्देश दिए थे। इसके बाद भी चिनहट पुलिस घोर लापरवाही बरत रही है।
लखनऊ, जेएनएन। चार माह पूर्व गुडवर्क कर अपनी पीठ थपथपाने वाली राजधानी की चिनहट पुलिस, चोरी की बरामद हुई 112 गाड़ियों की अबतक फोरेंसिक जांच नहीं करा सकी है। जबकि पूर्व कमिश्नर ने इस संबंध में तत्काल कार्यवाही के निर्देश दिए थे। इसके बाद भी चिनहट पुलिस घोर लापरवाही बरत रही है। गाड़ी मालिकों का पता न चल पाने के कारण गाड़ियां धूल खा रही हैं। वहीं, चोरी की बरामद हुई गाड़ियां न मिलने के कारण इनके वास्तविक स्वामी थाने से पुलिस अधिकारियों के दफ्तारों के चक्कर काट रहे हैं।
फोरेंसिक जांच में वास्तविक चेसिस नंबर का होगा परीक्षण
फोरेंसिक टीम की जांच में वास्तविक चेसिस नंबर का पता चलने के बाद इनके मूल मालिकों का पता रजिस्ट्रेशन के आधार पर पता लगाकर गाड़ियां उनके सिपुर्द किए जाने के निर्देश दिए गए थे। पर अबतक यह नहीं हो सका। इसके लिए तत्कालीन पुलिस कमिश्नर सुजीत कुमार पांडेय ने संबंधित थाने और क्षेत्र के अधिकारियों को फोरेंसिक टीम के लिए एक टेंट, दो मेज और 10 कुर्सियों की व्यवस्था कराने के लिए कहा गया था, लेकिन अबतक यह व्यवस्थाएं नहीं की गईं। फोरेंसिक एक्सपर्ट वैज्ञानिक विधि से गाड़ियों के वास्तविक चेसिस नंबर का पता लगाएंगे। जिसके आधार पर मूल मालिक की तलाश कर गाड़ियां उनके सिपुर्द कि जाएंगी। जानकारी के मुतिबक फोरेंसिक टीम के पास ऐसे अत्याधुनिक उपकरण होते हैं अगर वाहन चोरों ने चेसिस नंबर के साथ छेड़छाड़ भी की है तो वह वास्तविक नंबर का पता लगा लेंगे।
करोड़ो की लक्जरी गाड़ियां खा रहीं धूल
राजधानी के बड़े व्यवसायी, राजनीतिक दलों से जुड़े लोगों की चोरी गई गाड़ियां भी इसमें हैं। गाड़ियों की कीमत करोड़ों में है। इसके बाद भी पुलिस घोर लापरवाही बरत रही है। बीते दिनों, नवागंतुक पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने भी जल्द से जल्द फोरेंसिक टीम की मदद से गाड़ियों का परीक्षण कराकर उन्हें वास्तविक मालिकों के सिपुर्द करने के निर्देश दिए हैं। वहीं, चिनहट पुलिस ने बताया कि इस संबंध में व्यवस्थाएं शुरू कर दी गई हैं।