लखनऊ में रुकेगी रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी, पुलिस की रडार पर निजी और सरकारी अस्पताल के कई कर्मचारी
नकली और असली इंजेक्शन की कालाबाजारी में अलीगंज स्थित इंदू हास्पिटल कृष्णानगर क्षेत्र स्थित अपोलो केजीएमयू के लारी क्वीनमेरी के कर्मचारी पकड़े गए थे। पुलिस ने गिरोह से जुड़े कई अन्य अस्पतालों के कर्मचारी भी पुलिस की रडार पर हैं। पुलिस उनका ब्योरा खंगाल रही है।
लखनऊ, जेएनएन। राजधानी समेत पूरे प्रदेश में जब कोरोना संक्रमण लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में कोरोना मरीजों के इलाज से संबंधित इंजेक्शन रेमडेसिविर की कालाबाजारी जोरों पर हैं। नकली और असली इंजेक्शन की कालाबाजारी में अलीगंज स्थित इंदू हास्पिटल, कृष्णानगर क्षेत्र स्थित अपोलो, केजीएमयू के लारी, क्वीनमेरी के कर्मचारी पकड़े गए थे। पुलिस ने गिरोह से जुड़े कई अन्य अस्पतालों के कर्मचारी भी पुलिस की रडार पर हैं। पुलिस उनका ब्योरा खंगाल रही है।
अमीनाबाद पुरानी मेडिसिन मार्केट में सोमवार को नकली रेमडेसिविर की कालाबाजारी में व्यापारी मनीष तिवारी उर्फ तपन उसके साले विकास समेत पांच लोगों को पुलिस ने पकड़ा था। यह 98 रुपये कीमत के एंटीबायोटिक इंजेक्शन पर रेमडेसिविर का स्टीकर लगाकर 15-20 हजार रुपये में बेचते थे। गिरोह में अलीगंज स्थित अस्पताल के कर्मचारी भी शामिल थी। गिरोह के फरार तीन अन्य लोगों की गिरफ्तारी के लिए उनके ठिकानों पर दबिश दे रही है। वहीं, बंथरा में सोमवार देर रात हनुमान मंदिर के पास अपोलो अस्पताल का कर्मचारी अल्ताफ और उसका साथी इंजेक्शन की कालाबाजारी में पकड़ा गया था। गिरोह का सरगना हरदोई निवासी अनुज मौके से फरार हो गया था।
अनुज और रितांशु की तलाश में पुलिस ने गैर जनपदों में डाला डेरा: एडीसीपी मध्य चिरंजीव नाथ सिन्हा ने बताया कि इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले अनुज की तलाश में एक पुलिस टीम ने हरदोई जनपद में डेरा डाला है। वहीं, बीते दिनों माकनगर और नाका में पकड़े गए आठ आरोपितों के सरगना रितांशु की तलाश में बाराबंकी और बहराइच में पुलिस टीम डेरा डाले हुए है। गिरोह से जुड़े लोगों के बारे में पुलिस के हाथ कई अहम सुराग लगे हैं।