पुजारी हत्याकांड: थोड़ी दूरी पर मिली शराब की खाली बोतलें और ताश के पत्ते
लखनऊ में दो दिन पहले हुई थी पुजारी की नृशंस हत्याकांड। गला काटकर हाथ भी कर दिया था धड़ से अलग।
लखनऊ, जेएनएन। राजधानी में पुजारी की हुई नृशंस हत्या मामले में पुलिस ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। बताया जा रहा है कि वारदात को अंजाम देने के बाद हत्यारे कुटिया का दरवाजा बंद करना भूल गए थे। पूछताछ में लोगों ने बताया कि दो दिन तक कोई जानवर या कुत्ता कुटिया में दाखिल नहीं हुआ, ऐसे में सवाल यह है कि क्या हत्यारे शनिवार व रविवार की रात आश्रम में ही छिपे थे। ग्रामीणों ने बताया कि गुरुवार से कुटिया के पीछे कच्ची दीवार बनाने का कार्य भी बंद था। वहीं, शुक्रवार के बाद से पुजारी कुटिया के आसपास नहीं देखे गए। बताया गया कि पुजारी के यहां कभी-कभी गांव की महिलाएं भोजन बनाने भी जाती थीं।
तालाब को लेकर किया था विरोध
ग्रामीणों का कहना है कि देवस्थल के बाएं तरफ स्थित तालाब मछली पालन के लिए केशन और केशनी के नाम से वर्ष 2017 में आवंटित हुआ था। तालाब से मछली निकालने को लेकर पुजारी ने विरोध किया था, जिस पर विवाद भी हुआ था।
थोड़ी दूर मिली शराब की बोतल
एएसपी ग्रामीण आदित्य व सीओ बीकेटी डॉ. हृदेश कठेरिया ने मंगलवार को दिन में घटनास्थल के आसपास छानबीन की। इस दौरान थोड़ी दूरी पर शराब की खाली बोतल और ताश के पत्ते पड़े मिले। एडीजी एसएन साबत ने मातहतों को वारदात का राजफाश करने के निर्देश दिए हैं। पुलिस सर्विलांस की मदद भी ले रही है।
ये था मामला
मामला बीकेटी में अकोहरा बाबा देव स्थल का है। यहां दो दिन पहले पुजारी अमरनाथ तिवारी की गला काटकर हत्या कर दी गई थी। बदमाशों ने अमरनाथ का एक हाथ काटकर शव के पास छोड़कर चले गए थे। वह देवस्थल की कुटिया में सो रहे थे। अमरनाथ के शरीर पर गहरे चोट के कई निशान थे, जो बदमाशों से संघर्ष की कहानी बयां कर रहे थे। अमरनाथ तिवारी बीकेटी के ग्राम सोनवा के रहने वाले थे।