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आठ माह से गुमशुदा था नाबालिग, फंसा इस जाल में... Lucknow News

लखनऊ पुलिस का फर्जी गुड वर्क। नाबालिग लड़के को फंसाया इस मामले में।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Wed, 17 Jul 2019 05:52 PM (IST)Updated: Thu, 18 Jul 2019 08:03 AM (IST)
आठ माह से गुमशुदा था नाबालिग, फंसा इस जाल में... Lucknow News
आठ माह से गुमशुदा था नाबालिग, फंसा इस जाल में... Lucknow News

लखनऊ [धीरेन्द्र सिंह]। राजधानी की हसनगंज थाना पुलिस ने फर्जी गुडवर्क के खेल में 17 वर्षीय किशोर को वाहन चोरी के मुकदमे में दूसरे नाम से जेल भेज दिया। नाबालिग आधार कार्ड दिखाता रहा, लेकिन उसकी पहचान को नहीं माना गया। पीड़ित के पिता का आरोप है कि उनका पूरा परिवार आठ महीने तक बेटे को गुमशुदा मानकर तलाश करते रहे। यहां तक मजबूर परिवार को बेटे की जमानत भी गलत नाम पर ही करानी पड़ी।

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सीतापुर थाना अटरिया निवासी पिता ने बताया कि उनका बेटा 21 अगस्त 2018 को घर से निकला था। शाम को मदेयगंज चौकी के पास पुलिस ने उसे वाहन चोरी की आशंका में पकड़ लिया। बाद में उसे हसनगंज थाने ले जा कर गाजीपुर थाना क्षेत्र से स्कूटी चोरी कुबूल करने का दबाव बनाया। आधार कार्ड दिखाने के बाद भी पुलिस ने उसे मारपीट कर 23 अगस्त को जिला कारागार भेज दिया। करीब आठ महीने तक वह जेल में ही रहा। उधर, परिवार के लोग 30 अगस्त को थाना अटरिया में गुमशुदगी का मुकदमा दर्ज करा उसे तलाशते रहें।

उम्र में भी हुआ खेल: आरोप है कि किशोर ने जो आधार कार्ड पुलिस को जेल जाने से पहले दिखाया था उसमें उम्र साढ़े सत्रह साल थी। पुलिस ने नए नाम के साथ उम्र 19 वर्ष दिखाई। बलरामपुर में मेडिकल के दौरान उम्र 20 वर्ष दर्ज हो गई।

मुख्यमंत्री तक लगाई गुहार: बेटे की पहचान और फर्जी मामले को लेकर पिता ने मुख्यमंत्री, डीजीपी, एसएसपी स्तर तक अपने शिकायती पत्र के जरिये जांच की अपील कर चुके हैं, उन्हें कहीं से राहत नहीं मिल रही है।

जेल से छूटे लड़कों ने खोला राज

पिता के मुताबिक जिला कारागार में बंद कुछ लड़के जेल से छूटने के बाद 26 अप्रैल 2019 को बेटे के बताए पते पर उसने घर पहुंचे। यहां परिवार को बताया कि उनका लखनऊ जेल में बंद है। परिवार के सदस्य जेल पहुंचे तो मुलाकाती पर्ची लगाने पर वह नहीं मिला, लेकिन लड़कों ने बताया कि पुलिस ने उसे दूसरे नाम से जेल भेजा है। इस नाम की पर्ची लगाते ही उसकी फोटो और नया नाम दिखा और मुलाकात हुई। पुलिस और कोर्ट मामले में फंसे परिवार ने उसकी जमानत कोर्ट से एक मई 2019 को नए नाम पर ही मजबूरी में कराई।

पिता का आरोप मारपीट कर बदल दिया नाम, आठ महीने तक गुमशुदा में करते रहे तलाश, जेल में दूसरा नाम, मिन्नतों के बाद मिला बेटा


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