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30 एमएल ब्‍लड से ठीक होगा गठिया, प्‍लेटलेट्स रिच प्‍लाज्‍मा से होगा इलाज Lucknow News

केजीएमयू में अब प्‍लेटलेट्स रिच प्‍लाज्‍मा से किया जाएगा गठिया रोग का इलाज। बुधवार से शुरू होगा इलाज।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Sun, 03 Nov 2019 01:53 PM (IST)Updated: Sun, 03 Nov 2019 07:18 PM (IST)
30 एमएल ब्‍लड से ठीक होगा गठिया, प्‍लेटलेट्स रिच प्‍लाज्‍मा से होगा इलाज Lucknow News
30 एमएल ब्‍लड से ठीक होगा गठिया, प्‍लेटलेट्स रिच प्‍लाज्‍मा से होगा इलाज Lucknow News

लखनऊ, जेएनएन। किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के पीएमआर विभाग को सेंट्रीफ्यूज मशीन लग गई है। शनिवार से मशीन का ट्रॉयल शुरू कर दिया गया है। जल्द ही मरीज के ही रक्त की डोज से गठिया का इलाज भी शुरू हो जाएगा। 

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ऑस्टियो आर्थराइटिस (गठिया) के मुकम्मल इलाज के लिए केजीएमयू के पीएमआर (फिजिकल मेडिसिन एंड रिहैबिलिटेशन) विभाग में ‘प्लेटलेट्स रिच प्लाज्मा’ विधि से इलाज की पहल हुई है। विभाग के डॉ. राहुल के मुताबिक, शनिवार को नई सेंट्रीफ्यूज मशीन मिल गई है। विभागाध्यक्ष डॉ. अनिल कुमार गुप्ता ने बुधवार से मरीजों का नई विधि से इलाज शुरू करने का दावा किया।

इलाज में मशीन का रोल : डॉ. राहुल के मुताबिक, मरीज का 30 एमएल रक्त निकाला जाएगा, फिर उसे सेंट्रीफ्यूज मशीन में डाला जाएगा। यह मशीन तीन हजार राउंड प्रति मिनट लेगी। एक घंटे के की प्रक्रिया में मशीन से प्लेटलेट्स रिच प्लाज्मा तैयार होगा। यह करीब चार एमएल होगा। इसको अल्ट्रासाउंड गाइडेड से निडिल के माध्यम से घुटने व अन्य जोड़ों में इंजेक्ट किया जाएगा। 

स्पोर्ट्स इंजरी में भी कारगर : प्लेटलेट रिच प्लाज्मा ऑस्टियोऑर्थराइटिस ही नहीं हड्डी के कई रोगों में कारगर है। इसमें स्पॉन्डलाइटिस, टेनिस एल्बो इंजरी, गोल्फर एल्बो, प्लांटर फेशिया, घुटने के अलावा कलाई का आर्थराइटिस। 

रक्त में यह होते हैं अवयव : इंसान के रक्त के चार अवयव होते हैं- पीआरबीसी, प्लाज्मा, प्लेटलेट व क्रायोप्रेसीपिटेट। मशीन से यह प्रथक भी किए जा सकते हैं। 

लोहिया में भी इलाज मुमकिन : लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में भी प्लेटलेट्स रिच प्लाज्मा से गठिया का इलाज शुरू किया गया। यह सुविधा पेन मैनेजमेंट क्लीनिक में मरीजों को दी जा रही है।

कैसे करेगा जोड़ों पर असर

प्लेटलेट्स रिच प्लाज्मा इंजेक्ट करने के बाद घुटने के जोड़ में सूखी कार्टिलेज (ऊतकों का समूह) ल्यूब्रीकेंट में तब्दील होने लगेगी। ऐसे में गठिया के मरीज में जोड़ों की हड्डियों में घिसाव नहीं होगा। मरीजों को सूजन व दर्द से निजात मिलेगी। हर सप्ताह 15 से 20 मरीजों का इस विधि से इलाज करने की योजना है। वहीं, प्रति मरीज खर्चा 500 या एक हजार रुपये आएगा। 

पहले दिन से ही होगा असर

डॉ. राहुल के मुताबिक, प्लेटलेट्स रिच प्लाज्मा कार्टिलेज के साथ-साथ अन्य शरीर के ऊतकों को भी रीजेनरेट करेंगे। म्यूकोपॉली सेकराइड, ग्लूकोसामीन की पूर्ति भी इससे संभव है। यह डोज इंजेक्ट होते ही पहले दिन से असर शुरू करेगी।


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