Move to Jagran APP

टिफिन में रखकर सुनील राठी के पास बागपत जेल में भेजी गई थी पिस्टल

प्रेम प्रकाश सिंह उर्फ मुन्ना बजरंगी की हत्या के दौरान राठी के साथ उसके तीन और साथी भी मौजूद थे। जेल के भीतर पिस्टल उसे टिफिन के जरिये पहुंचाई गई थी।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Thu, 12 Jul 2018 11:05 AM (IST)Updated: Thu, 12 Jul 2018 01:58 PM (IST)
टिफिन में रखकर सुनील राठी के पास बागपत जेल में भेजी गई थी पिस्टल
टिफिन में रखकर सुनील राठी के पास बागपत जेल में भेजी गई थी पिस्टल

लखनऊ [आलोक मिश्र]। बागपत जिला जेल में सुनील राठी का सिक्का चलता था। उसके लिए जेल के बाहर से खाना आता था। इसी कारण वह अपनी प्लानिंग में सफल रहा।

loksabha election banner

बागपत जेल में वारदात के बाद राठी अपने कपड़े भी धुलवा दिए थे। मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद सुबूत मिटाने के लिए सुनील राठी नहाया था ताकि उसके हाथ से गन पाउडर के फोरेंसिक साक्ष्य न जुटाये जा सकें। राठी ने पूरी वारदात को कदम-दर-कदम प्लान किया था। प्रेम प्रकाश सिंह उर्फ मुन्ना बजरंगी की हत्या के दौरान राठी के साथ उसके तीन और साथी भी मौजूद थे। जेल के भीतर पिस्टल उसे टिफिन के जरिये पहुंचाई गई थी। बागपत जेल में राठी ने सीसीटीवी कैमरे न होने का फायदा उठाया। राठी के लिए बाहर से टिफिन व अक्सर ही स्पेशल खाना आता था। जांच के दौरान यह तथ्य सामने आने पर माना जा रहा है कि टिफिन के जरिये पिस्टल जेल के भीतर पहुंचाई गई। टुकड़ों में पिस्टल व मैग्जीन को पहुंचाया गया होगा।

सूत्रों के अनुसार मुन्ना बजरंगी की हत्या से दो-तीन दिन पहले ही पिस्टल व कारतूस उस तक पहुंचाई गई थीं। बागपत जेल में राठी से मिलने आने वाले उसके खास लोगों की जेल रजिस्टर में एंट्री तक नहीं होती थी। कहने को भले ही आजीवन कारावास की सजा काट रहा सुनील राठी तन्हाई बैरक में बंद है, पर उसका कंट्रोल जेल के हर हिस्से में उतना ही था, जितना अपनी बैरक में था। चर्चा तो यह भी है कि बीते एक माह के भीतर पूर्वाचल के एक बाहुबली और पूर्व सांसद भी बागपत जेल में राठी से मिलने पहुंचे थे।

जेल प्रशासन व पुलिस अधिकारियों की छानबीन में ऐसे कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं, जिनके बाद कुछ खास बिंदुओं पर जांच तेज कर दी गई है। बागपत के निलंबित जेलर उदय प्रताप सिंह किसलिए चुप थे, अब यह भी बड़ा सवाल है। अफसरों के सामने पूछताछ में राठी ने हत्या के बाद न सिर्फ नहाने की बात कुबूली, बल्कि दो टूक यह भी कह दिया कि पिस्टल नाली में इसी कारण फेंकी थी, ताकि उस पर अंगुलियों के निशान न मिलें।

राठी व उसके साथियों ने मुन्ना के शव की तस्वीरें भी खींची थीं, लेकिन उनके मोबाइल फोन अभी बरामद नहीं किए जा सके हैं। घटना के बाद साक्ष्य मिटाने की पूरी स्क्रिप्ट पहले से तैयारी थी। यही वजह रही कि बागपत में पुलिस व प्रशासन के जेल में दाखिल होने से पहले ही राठी अपना खेल पूरा कर चुका था।

जेल में पिछले काफी समय से थी पिस्टल

कुख्यात सुनील राठी के पास जेल में पिछले काफी समय से पिस्टल थी। वह अधिकतर समय अपने साथ पिस्टल रखता था। जब बाहर से अधिकारी आते थे तो पिस्टल जमीन में दबा देता था। सूत्रों की मानें तो न केवल बंदियों को इसका पता था बल्कि जेल प्रशासन भी इससे वाकिफ था। बागपत की जेल अपराधियों के ऐश-ओ-आराम का ठिकाना बन गई थी। एक बंदीरक्षक ने तो अधिकारी को बीते दिनों पत्र लिखकर इसकी शिकायत भी की। इसको लेकर निलंबित जेलर और बंदीरक्षक आमने-सामने आ गए थे। मामला अधिकारियों तक पहुंचने के बाद कई बंदीरक्षकों का जेल से ट्रांसफर कर दिया गया था। उसके बाद भी जेल की व्यवस्थाओं में सुधार नहीं हुआ। बंदी पूरी तरह से बेकाबू हो रहे थे। आए दिन लड़ाई झगड़े हो रहे थे। जेल के अधिकारी अंदर ही मामला रफा-दफा कर देते थे। इक्का-दुक्का मामला जेल से बाहर तक पहुंचा था।

राठी के अलावा कर्मचारियों और बंदियों के बयान दर्ज

एडीजी जेल चंद्रप्रकाश और पुलिस अधिकारियों ने न केवल सुनील राठी, बल्कि बंदी रक्षकों और दर्जनों बंदियों के भी बयान दर्ज कर लिए हैं। पूरी कार्रवाई गोपनीय रखी जा रही है। अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं।

दीवार के ऊपर से फेंकी गई जेल में पिस्टल

जेल में चर्चा चल रही है कि यह पिस्टल आम रास्ते से जेल में नहीं आई, बल्कि दीवार के ऊपर से फेंकी गई है। सुनील ने अपने गुर्गो से यह काम कराया था। हालांकि अधिकारी इस बारे में कुछ नहीं बोल रहे हैं।

अपनी पिस्टल से मारा

मुन्ना बजरंगी हत्याकांड की जांच कर रही एसटीएफ का दावा है कि सुनील राठी 24 घंटे असलहे से लैस रहता था। पिस्टल बजरंगी की नहीं बल्कि, सुनील राठी की थी। एसटीएफ एसपी आलोक प्रियदर्शी का कहना है कि बजरंगी की हत्या एक ही पिस्टल से हुई है। सुनील राठी अपनी जान बचाने के लिए पिस्टल बजरंगी की बता रहा है, जबकि जेल के अंदर जाने से पहले बजरंगी की तीन चरणों में चेकिंग की गई थी। सुनील के पास उसकी पिस्टल थी और उसी से उसने घटना को अंजाम दिया है।

विरोधी बंदियों के कराए तबादले

सुनील राठी की मनमर्जी का जेल में कुछ बंदी विरोध भी करते थे, जो उसे गवारा नहीं था। कुछ बंदियों ने अपनी शिकायत जिला प्रशासन तक भी भेजी थी, लेकिन इस बीच ही राठी ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर उन बंदियों को दूसरी जेलों में भिजवा दिया। करीब छह बंदियों को जेलर की रिपोर्ट पर प्रशासनिक आधार पर बागपत जेल से ट्रांसफर किया गया। यह तथ्य अब जांच के घेरे में है।

शिक्षण संस्थानों में बढ़ा रहा था दखल

सुनील राठी जेल में बंद रहते हुए बागपत से मेरठ तक कई शिक्षण संस्थानों में अपना दखल बढ़ा रहा था। कई शिक्षण संस्थान के संचालकों को फोन कर धमकाया था और प्रबंध कमेटी में अपने लोगों को शामिल करने का दबाव बनाता था।

पुलिस की रडार पर सुनील राठी के पांच गुर्गे

रुड़की में कुख्यात सुनील राठी के पांच गुर्गे पुलिस की रडार पर हैं। राठी के पांच गुर्गे इस समय कहां है और क्या कर रहे हैं, इसके बारे में पुलिस के साथ-साथ एसटीएफ की टीम भी जानकारी जुटाने में लगी है। एसटीएफ ने शहर की दोनों कोतवाली पुलिस से राठी गैंग के बारे में जानकारी मांगी है। सुनील राठी व चीनू पंडित के बीच गैंगवार की आशंका को लेकर पुलिस पूरी तरह से मुस्तैद है। उत्तराखंड पुलिस इस समय राठी गैंग की गतिविधियों पर नजर रखे है।

बागपत जेल में अतिरिक्त सतर्कता

बागपत जेल में मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद पुलिस भी पूरी तरह से सतर्क है। पुलिस को आशंका है कि जिस तरह से सुनील राठी ने बागपत जेल में घटना को अंजाम दिया है। इसी तरह से कहीं उत्तराखंड में सुनील राठी किसी तरह की घटना को अंजाम न दे दे। रुड़की में चीनू पंडित से उसका बैर जगजाहिर है। ऐसे में पुलिस अब इसके गैंग की कुंडली खंगाल रही है। पुलिस के साथ-साथ अब एसटीएफ की टीम भी राठी गैंग के बारे में ब्योरा जुटा रही है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि राठी गैंग के 42 गुर्गे हैं। इनमें से पांच गुर्गों पर अब एसटीएफ की नजर टिकी है। इन गुर्गों की लोकेशन कहां है और इनकी गतिविधियां क्या हैं। इसके बारे में एसटीएफ जानकारी जुटाने में लगी है। एसटीएफ की टीम ने राठी गैंग के बारे में गंगनहर व सिविल लाइंस कोतवाली से भी जानकारी मांगी है। एसपी देहात मणिकांत मिश्र ने बताया कि पुलिस पूरी तरह से सतर्कता बरते हुए है।

बागपत जेल में घनघना रही थी पूर्वाचल के बाहुबलियों की कॉल

बागपत जेल में बंद कुख्यातों तथा पूर्वाचल के बाहुबलियों के बीच के कनेक्शन का पता लगाया जा रहा है। मोबाइल कॉल डिटेल निकाली जा रही है। पुलिस बीते एक सर्ष में बागपत जेल व उसके आसपास पूर्वाचल से आई कॉल की डिटेल निकाल रही है। पुलिस सूत्रों के अनुसार अब तक की पड़ताल में जेल के अंदर से हुई फोन कॉल में पूरब के बाहुबलियों से घंटों बातचीत होने का राजफाश हुआ है। बागपत जेल में छापे के दौरान बैरकों से मोबाइल बरामद हुए थे। इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि बागपत जेल में बंद कुख्यातों व पूर्वाचल के बाहुबलियों के बीच हुई कॉल की डिटेल ही मुन्ना बजरंगी की हत्या का राजफाश कर सकती है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.