घुटना प्रत्यारोपण से पहले भी जरूरी है फिजियोथेरेपी
इंडियन एसोसिएशन ऑफ फिजियोथेरेपिस्ट कॉन्फ्रेंस में विशेषज्ञों ने रखे विचार। गतिशीलता को बनाए रखने में फिजियोथेरेपी है आवश्यक।
लखनऊ, जेएनएन। फिजियोथेरेपी घुटना प्रत्यारोपण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। प्रत्यारोपण के बाद ही नहीं बल्कि प्रत्यारोपण से पहले भी फिजियोथेरेपी करनी चाहिए। इससे घुटने की मांसपेशियां ऑपरेशन के लिए तैयार होती हैं। यह जानकारी फिजियोथेरेपिस्ट डॉ.विवेक गुप्ता ने इंडियन एसोसिएशन ऑफ फिजियोथेरेपिस्ट की एक दिवसीय कॉन्फ्रेंस में दी। डॉ.विवेक गुप्ता ने बताया कि फिजियोथेरेपी का उपयोग केवल चोट लगने में ही नहीं बल्कि बड़े-बड़े ऑपरेशन में भी किया जाता है।
घुटना प्रत्यारोपण में मरीज को सर्जरी से पहले और बाद में फिजियोथेरेपी करवाई जाती है। सर्जरी के बाद में भी मरीज को जल्द ठीक करने के लिए फिजियोथेरेपी कराई जाती है। इसमें मरीज को पूरी तरह से ठीक होने में तीन से छह माह का समय लग जाता है। कार्यक्रम का उद्घाटन लखनऊ यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. एसपी सिंह ने किया।
तेल मालिश से होता है नुकसान
डॉ.सुदीप ने बताया कि हमारे भारतीय कॉन्सेप्ट में यह माना जाता है कि तेल मालिश से दर्द दूर हो जाता है, लेकिन ऐसा नहीं है। अगर मसल्स पर तेल लगाया भी जाता है तो उसे बहुत हल्के से लगाना चाहिए। त्वचा पर कसकर तेल मालिश करने से मांसपेशियों और हड्डियों के बीच की फैट लेयर फेसिया खराब हो जाती है, जिससे गतिशीलता में दिक्कत होने लगती है।