कुछ अलग : जीते जी कर दी अपनी तेरहवीं
ठाकुरद्वारा तहसील क्षेत्र के सौ साल से अधिक आयु के हरफूल सिंह ने अपने जीते जी खुद की तेरहवीं की। पंडित व नाई को विधि विधान के अनुसार दान दिया और रिश्तेदारों समेत पांच सौ से अधिक ग्रामीणों को मृत्युभोज कराया।
मुरादाबाद [उमेश लव] । ठाकुरद्वारा तहसील निवासी सौ साल से अधिक आयु के हरफूल सिंह ने अपने जीते जी खुद की तेरहवीं की। पंडित व नाई को विधि विधान के अनुसार दान दिया और रिश्तेदारों समेत पांच सौ से अधिक ग्रामीणों को मृत्युभोज कराया।
गांव सुंदरनगर, भूतखेड़ा निवासी हरफूल सिंह कश्यप अपनी आयु 105 साल होने का दावा करते हैं। पत्नी मोनिका कश्यप का दो दशक पहले देहांत हो चुका है। बेटा कोई नहीं है। दोनों बेटियों गोमती व उर्मिला के कई बच्चों की शादी हो चुकी है। लाठी के सहारे चलने वाले हरफूल सुबह-शाम भगवान की आराधना करते हैं। कुछ दिन से इस बात को लेकर चिंतित थे कि मरने के बाद तीजा, तेरहवीं कौन करेगा। बेटा है नहीं, भले ही एक बेटी साथ में रह रही है लेकिन वह बेटी के नाते तीजा, तेरहवीं करेगी या नहीं। चिंता कम नहीं हुई तो पंडित से बात की। पंडित ने तेरहवीं की सलाह दी तो उन्होंने सभी रिश्तेदारों और ग्रामीणों को तेरहवीं के लिए न्यौता दे दिया। शुक्रवार को हरफूल के घर का माहौल दुख की बजाय खुशी का था। धेवती पूजा के घर वाले राजा कश्यप ने बताया कि शुक्रवार को ङ्क्षहदू रीति रिवाज के अनुसार तेरहवीं के धार्मिक संस्कार हुए। पंडित को हरफूल ने 1100 रुपये व कपड़े दान किए। नाई को भी दक्षिणा दी। इसके बाद लगभग पांच सौ ग्रामीणों को मृत्युभोज कराया गया।