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कनाडा के साथ मिलकर नवजात बच्चों के लिए एक्सीलेंस केयर ट्रेनिंग सेंटर बनाएगा पीजीआइ

कनाडा के सहयोग से खुलेगा नियोनेटल एडवांस सिमुलेशन ट्रेनिंग रिसर्च सेंटर। नवजात बच्चों की मृत्यु दर में कमी आने की उम्मीद है।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Tue, 15 Jan 2019 09:51 PM (IST)Updated: Tue, 15 Jan 2019 09:51 PM (IST)
कनाडा के साथ मिलकर नवजात बच्चों के लिए एक्सीलेंस केयर ट्रेनिंग सेंटर बनाएगा पीजीआइ

लखनऊ, जेएनएन। संजय गांधी पीजीआइ का नियोनेटल विभाग कनाडा के टोरंटो स्थित मेडिकल संस्थान के साथ मिलकर नवजात बच्चों की एक्सीलेंस केयर के लिए ट्रेनिंग सेंटर तैयार करेगा। सेंटर में नवजात बच्चों से जुड़ी बीमारी के इलाज के लिए अति विशिष्ट प्रशिक्षण दिया जाएगा। इससे नवजात बच्चों की मृत्यु दर में कमी आने की उम्मीद है।

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नियोनेटल विभाग के प्रमुख प्रो. गिरीश गुप्ता, कनाडा के माउंट सिनी हॉस्पिटल के डॉ. सूकी ली और विश्व स्वास्थ्य संगठन के डॉ.राजीव बहल ने बताया कि नवजात बच्चों की केयर में अभी बहुत सुधार की जरूरत है। इसके लिए डॉक्टर के साथ ही नर्सेज को प्रशिक्षण की जरूरत है। कनाडा इसके लिए अपने विशेषज्ञ पीजीआइ भेजेगा। ट्रेनिंग के साथ ही रिसर्च पर जोर दिया जाएगा जिससे भारतीय स्थिति केअनुसार गाइड लाइन बनाई जा सकेगी।

न्यू बॉर्न केयर में सुधार की जरूरत

विशेषज्ञों ने बताया कि प्रदेश में 174 न्यू बॉर्न केयर सेंटर हैं लेकिन यहां पर इलाज की गुणवत्ता में काफी सुधार की जरूरत है। इंफेक्शन कंट्रोल, रेसपरेटरी सपोर्ट सहित कई कमियां हैं। प्रदेश में एक हजार में से 37 नवजात की मौत हो जाती है जिसको कम करने की जरूरत है। एसजीपीजीआइ लखनऊ के निदेशक प्रो. राकेश कपूर  ने बताया कि एडवांस ट्रेनिंग एंड रिसर्च सेंटर खुलने से प्रदेश के नवजात विशेषज्ञों को अच्छी ट्रेनिंग मिलेगी। सरकार को प्रस्ताव भेजा जा रहा है।

नवजात में होती है तीन बड़ी परेशानी

  • 30 फीसद नवजात में इंफेक्शन होता है जिसके कारण निमोनिया, सेप्टीसीमिया, बेहोशी सहित कई परेशानी होती हैं।
  • 30 फीसद नवजात जो 39 सप्ताह से पहले जन्म लेते हैं उनमें सांस लेने में परेशानी के साथ, आंत, दिमाग कम विकसित होने की परेशानी होती है।
  • 15 से 20 फीसद बच्चों में बर्थ एफेक्सिया जिसमें जन्म के समय तुरंत ऑक्सीजन की पूर्ति न होने के कारण कई परेशानी होती हैं। 

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