Coronavirus Fighters: अब एक वेंटीलेटर से चार मरीजों को मिल सकेगा इलाज, एकेटीयू ने इजाद की मशीन
अब एक वेंटीलेटर से चार मरीजों को इलाज मिलना होगा मुमकिन पीजीआइ ने एकेटीयू की मदद से खोजी मल्टी चैनल वेंटिलेटर एडॉप्टर मशीन।
लखनऊ, जेएनएन। एसजीपीजीआई ने डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) की मदद से बड़ी सफलता की है। एकेटीयू ने मौजूदा वेंटीलेटर को और विकसित करते हुए बहु उपयोगी बनाने में सफलता हासिल की है। इसके तहत एक वेंटिलेटर पर चार यानी 20 वेंटीलेटर पर 80 मरीजों का एसजीपीजीआई में इलाज मुहैया हो सकेगा। इसे मल्टी चैनल वेंटिलेटर (वेंटिलेटर स्प्लिटर एडाप्टर) नाम दिया गया है।
एसजीपीजीआई के चिकित्सकों द्वारा इसका मेडिकल ट्रायल किया जा रहा है। उनके द्वारा दावा इस प्रयास के शत-प्रतिशत सफल होने का दावा किया गया है। जिसके बाद सिर्फ एसजीपीजीआई ही नहीं देश भर के सभी चिकित्सा संस्थानों में मौजूद वेंटिलेटर सुविधा चार गुना होने का एक अच्छा रास्ता भी खुल गया है। शनिवार को एकेटीयू के कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक की अध्यक्षता में एसजीपीजीआई के चिकित्सको ने शनिवार को ऑनलाइन प्रेस वार्ता में बताया कि दोनो संस्थानो के संयुक्त-तत्वाधान में कोरोना वाइरस के संक्रमण की आपात स्थिति से निपटने के लिए वेंटिलेटर स्प्लिटर एडाप्टर और थ्रीडी प्रिंटेड फेस सील्ड (फेस मास्क) तैयार किया गया है।
एसजीपीजीआई के डिपार्टमेंट ऑफ एनेस्थीसिया के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. आशीष कुमार कनौजिया ने बताया कि एसजीपीजीआई ने एकेटीयू को वेंटिलेटर स्प्लिटर एडाप्टर तैयार करने का प्रोजेक्ट दिया था, इसके बाद एकेटीयू ने अपने परिसर स्थित थ्रीडी प्रिंटिंग लैब में वेंटिलेटर स्प्लिटर एडाप्टर को प्रिंट कर एसजीपीजीआई को टेस्ट करने के लिए दिया है। पूरे देश में वेंटिलेटर्स की कमी है। इसकी आपूर्ति बड़ी चुनौती है। ऐसे में वेंटिलेटर स्प्लिटर एडाप्टर, वेंटिलेटर क्षमता बढ़ाने में वरदान सिद्ध हो सकता है। इस मौके पर एकेटीयू के सेंटर ऑफ एडवांस स्टडीज के निदेशक प्रोफेसर मनीष गौड़ वह एकेटीयू के प्रवक्ता आशीष मिश्र विशेष रूप से मौजूद रहे।