बगल में पूरी बिजली और आपके घर लो वोल्टेज, गर्मी से पहले लखनऊ वालों को मिलेगा छुटकारा
ऊर्जा मंत्री ने मध्यांचल एमडी को 31 मार्च तक ट्रांसफॉर्मर की लोड बैलेंसिंग का आदेश दिया है। गर्मी से पहले बिजली व्यवस्था सुदृढ़ करने के निर्देश।
लखनऊ [अंशू दीक्षित]। बगल में पूरी बिजली और आपके घर लो वोल्टेज, अब ऐसा नहीं होगा। गर्मी से पहले यह समस्या खत्म हो जाएगी। ऊर्जा मंत्री ने मध्यांचल एमडी को 31 मार्च तक ट्रांसफॉर्मर की लोड बैलेंसिंग का आदेश दिया है। उन्होंने गर्मी से पहले बिजली व्यवस्था सुदृढ़ करने के लिए अभी से मरम्मत से जुड़े काम शुरू करने के निर्देश दिए हैं।
मध्यांचल में ट्रांसफार्मर की संख्या 5.45 लाख से अधिक है। लखनऊ में छोटे बड़े मिलाकर करीब 35 हजार ट्रांसफॉर्मर हैं। इनमें 25 केवीए और 63 केवीए के ट्रांसफॉर्मर की संख्या सबसे ज्यादा है और ग्रामीण क्षेत्रों में इनकी संख्या ज्यादा है। अभी शहर में लगे 400 केवीए, 630 केवीए और 1000 केवीए ट्रांसफॉर्मरों की लोड बैलेंसिंग तत्काल प्रभाव से शुरू कर दी गई है। हर ट्रांसफॉर्मर को चेक किया जा रहा है।
टीम देख रही है कि जो ट्रांसफॉर्मर से बिजली फेसों में जा रही है, उसकी तीनों फेस में लोड बैलेंस है या नहीं। किसी कारणवश किसी फेस में हाई वोल्टेज या लो वोल्टेज की समस्या है, तो टीम मौके पर ही दुरुस्त कर रही है। 31 मार्च तक मध्यांचल के सभी जिलों में यह काम निपटा दिया जाएगा। इसके साथ ही उपकेंद्रों पर मरम्मत एवं साफ-सफाई का काम निपटा लिया जाएगा।
हर फीडर का रजिस्टर करना होगा मेंटेन
गर्मी भर हर फीडर का रजिस्टर अभियंता को विशेष रूप से मेंटेन करना होगा। जांच के दौरान अगर लोड बैलेंसिंग का ब्योरा नहीं मिलता तो संबंधित अवर अभियंता से लेकर अधीक्षण अभियंता की जिम्मेदारी तय होगी।
क्या कहते हैं अफसर ?
एमवीवीएनएल एमडी सूर्य पाल गंगवार के मुताबिक, 31 मार्च से पहले ही सभी 19 जिलों के ट्रांसफार्मर की लोड बैलेंसिंग पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इसकी जिलेवार नियमित मॉनिटरिंग हो रही है। उद्देश्य है कि आगामी गर्मी में उपभोक्ताओं को बेहतर बिजली मिल सके।
बुलेट्स
- 31 मार्च तक 19 जिलों में लोड बैलेंसिंग के दिए निर्देश, लो वोल्टेज से मिलेगी निजात
- 5.45 लाख से अधिक मध्यांचल में है ट्रांसफॉर्मर की संख्या
- 35 हजार ट्रांसफॉर्मर हैं लखनऊ में छोटे-बड़े मिलाकर
- 19 जिलों में मध्यांचल के अंतर्गत आने वाले किसानों को राहत देने की कोशिश
- 04 हजार ट्रांसफॉर्मर एक माह के भीतर समस्या को दूर करने को खरीदे जाएंगे।
कैसरबाग से हटेगा तारों का मकड़जाल
स्मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत कैसरबाग को शहर के लिए आदर्श बनाने का खाका तैयार कर लिया गया है। कमांड कंट्रोल सेंटर, इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम, स्मार्ट पार्किंग, वाईफाई से लैस पार्क, डिजिटल लाइब्रेरी जैसे कामों के साथ साथ बिजली महकमा भी कैसरबाग को खूबसूरत बनाने के लिए खाका तैयार कर रहा है।
उद्देश्य है कि ओवर हेड लाइनों को भूमिगत किया जाए और उपभोक्ता को डीपी बॉक्स से कनेक्शन दिए जाए। यही नहीं स्मार्ट मीटर व भूमिगत ट्रांसफॉर्मर से वार्डो को बेहतर बनाने का काम किया जाएगा। स्ट्रीट लाइट के लिए भी तारों का उपयोग नहीं होगा। चरणबद्ध तरीके से इस कार्य को हो रहा है। बिजली अभियंताओं ने बताया कि योजना के तहत ट्रांसफॉर्मर की बैलेंसिंग, अधिक क्षमता के ट्रांसफॉर्मर लगाने के साथ ही गलियों व चौराहों से तारों के मकड़जाल को हटाया जाएगा। सिस के मुख्य अभियंता मधुकर वर्मा ने बताया कि सड़कों पर तार नहीं दिखेंगे, इसके लिए काम हो रहा है।
बदलेगी सूरत
- भूमिगत की जाएंगी लाइनें, तारों का मकड़जाल वार्डो से हटाया जाएगा
- कनेक्शन के लिए डीपी बॉक्स लगेंगे, ओवर हेड लाइन से नहीं
- उपभोक्ता को डीपी बॉक्स से कनेक्शन दिए जाए।
खत्म होगी वेटिंग, जल्द मिलेंगे कनेक्शन
किसानों को राहत देने के लिए मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड उन्नीस जिलों के किसानों को नलकूप कनेक्शनों की वेटिंग खत्म करने जा रहा है। इसके लिए चार हजार ट्रांसफॉर्मर आर्डर किए गए हैं। 25 केवीए के ट्रांसफॉर्मर एक माह में आने की संभावना है। इनके लगने से वेटिंग में कमी आएगी।
मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक सूर्य पाल गंगवार ने बताया कि हरदोई, बाराबंकी, सीतापुर, श्रवस्ती, रायबरेली, लखीमपुर खीरी सहित कई जिलों में नलकूपों की वेटिंग है। अभी तक कहीं उपकरणों की दिक्कत आ रही थी तो कहीं ट्रांसफॉर्मर की। हाल में हुई समीक्षा बैठक में स्टोरों में उपकरण पहुंचाने के निर्देश दिए गए हैं। ट्रांसफॉर्मर की कमी के कारण नलकूपों का कनेक्शन देने में दिक्कत न आए, इसके लिए दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि अप्रैल 2020 से नए ट्रांसफॉर्मर संबंधित जिलों में भेज दिए जाएंगे। जिलों के अधीक्षण अभियंता व अधिशासी अभियंताओं द्वारा भेजी गई सूची को प्राथमिकता पर लेते हुए चरणबद्ध तरीके से ट्रांसफॉर्मर लगाए जाएंगे। एक ट्रांसफॉर्मर से चार से छह कनेक्शन दिए जाएंगे। अगर चार हजार ट्रांसफॉर्मर लगाए जाते हैं तो करीब 23 से 24 हजार की वेटिंग कम होगी।
शत-प्रतिशत होगी बिलिंग व्यवस्था
एरिया बेस्ड डेवलेपमेंट एबीडी के अंतर्गत आने वाले वार्डो में बिजली व्यवस्था जहां बेहतर होगी, वहीं प्रत्येक उपभोक्ता को अपना बिल भी हर माह समय से जमा करना होगा। बकाया होने पर कनेक्शन ऑनलाइन व्यवस्था के तहत काट दिया जाएगा। यही नहीं स्वीकृत लोड से अधिक बिजली इस्तेमाल करने पर भी बिजली जा सकती है। ऐसी व्यवस्था आने वाले चंद माह में स्मार्ट मीटर में करने की योजना है।
क्या कहते हैं मध्यांचल एमडी ?
मध्यांचल एमडी सूर्य पाल गंगवार के मुताबिक, किसानों को नलकूप का कनेक्शन प्राथमिकता के आधार पर देने के निर्देश हुए हैं। नए ट्रांसफॉर्मर खरीदे जा रहे हैं।