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Shab E Barat 2021: गुनाहों से निजात की रात है शब-ए-बरात, पूर्वजों की कब्रों पर फातिहा पढ़ेंगे मुस्लिम समाज के लोग

इस्लामी महीने मेें शाबान की 14 तारीख को मनाए जाने वाले शब-ए-बरात 28 मार्च को है। कब्रिस्तानों में जाकर मुस्लिम समाज के लोग अपने मृत पूर्वजों रिश्तेदारों की कब्रों पर तिलावते कलाम-ए-पाक करके दुआएं मांगते हैं। अपने घरों पर अपने पूर्वजों के लिए फातिहाख्वानी और नज्र भी करते हैं।

By Rafiya NazEdited By: Published: Sun, 28 Mar 2021 09:23 AM (IST)Updated: Sun, 28 Mar 2021 10:52 AM (IST)
शब-ए-बरात आज, लोगों से कोरोना संक्रमण से बचने के उपाय करने की अपील।

लखनऊ, जेएनएन। शब-ए-बरात की पूर्व संध्या पर चौक के पाटा नाला स्थिति मारुफ मस्जिद सुबहानिया में शनिवार को जलसा हुआ। जलसे को खिताब करते हुए उस्ताद मौलाना कारी मुहम्मद सिद्दीक  ने कहा कि शब-ए-बरात गुनाहों से निजात की रात है। शाबान के महीने की इस रात में अल्लाह बंदों के मुद्दरात के फैसले करते हैं। पूरी रात इबादत करके सुबह (15) शाबान को रोजा रखना सवाब है। इस मुबारक रात में तमाम बुरे काम से बचना बेहद जरूरी है।

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इस्लामी महीने मेें शाबान की 14 तारीख को मनाए जाने वाले शब-ए-बरात 28 मार्च को है। कब्रिस्तानों में जाकर मुस्लिम समाज के लोग अपने मृत पूर्वजों, रिश्तेदारों और दोस्तों की कब्रों पर तिलावते कलाम-ए-पाक करके दुआएं मांगते हैं। लोग घरों पर अपने पूर्वजों के लिए फातिहाख्वानी और नज्र का भी आयोजन करते हैं। कोरोना संक्रमण को देखते हुए शहर के कब्रिस्तानों के बाहर दिशा-निर्देश चस्पा किए गए हैं। ऐशबाग ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने भी शब-ए-बरात को लेकर गाइडलाइन जारी की है। फूलों से कब्रों को सजाने और साफ-सफाई करने का कार्य शनिवार को किया गया। ऐशबाग, तालकटोरा, आलमबाग वीआइपी रोड, कर्बला मलका जहां, कपूरथला अलीगंज, इमामबाड़ा आगा बाकर, इमामबाड़ा गुफरान माब, कर्बला अब्बास बाग, इमदाद हुसैन खां की कर्बला सहित शहर के सभी कब्रिस्तानों में साफ-सफाई, रंगाई-पुताई का काम पूरा हो गया है। 

कोरोना संक्रमण से बचने की अपील:  इस्लामी महीने मेें शाबान की 14 तारीख को मनाए जाने वाले शब-ए-बरात 28 मार्च को है। कब्रिस्तानों में जाकर मुस्लिम समाज के लोग अपने मृत पूर्वजों, रिश्तेदारों और दोस्तों की कब्रों पर तिलावते कलाम-ए-पाक, करके दुआएं मांगते हैं। लोग अपने घरों पर अपने पूर्वजों के लिए फातिहाख्वानी और नज्र का भी आयोजन करते हैं। कोरोना संक्रमण को देखते हुए शहर के कब्रिस्तानों के बाहर कब्रिस्तान आने वालों के लिए दिशा-निर्देश चस्पा किए गए हैं। ऐशबाग ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने भी शब-ए-बरात को लेकर गाइड लाइन जारी की है।

सजाई जाएंगी कब्रें: इस दिन कब्रिस्तानों में हर तरफ मोमबत्तियों की रोशनी नजर आती है। फूलों से कब्रों को सजाया जाएगा। फिजाओं में अगरबत्तियों की खुशबू फैलेगी। कब्रों की मरम्मत और रंगाई-पुताई का काम अंतिम दौर में पहुंच चुका है। ऐशबाग, तालकटोरा, आलमबाग वीआइपी रोड, कर्बला मलका जहां, कपूरथला अलीगंज, इमामबाड़ा आगा बाकर, इमामबाड़ा गुफरानमआब, कर्बला अब्बास बाग, इमदाद हुसैन खां की कर्बला सहित शहर के सभी कब्रिस्तानों में साफ-सफाई, रंगाई-पुताई और कब्रों की मरम्मत का काम तेजी से चल रहा है। इस दिन लोग अपने घर, अजाखानों, इमामबाड़ों और कर्बला में रात भर इबादत करते हैं। वहीं ऑल इंडिया सुन्नी बोर्ड के पदाधिकारों की हुई बैठक में सुरक्षा का ध्यान रखने की अपील की गई है। बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना मुहम्मद मुश्ताक़ की अध्यक्षता में हुई बैठक में सचिव मौलाना सुफयान निजामी समेत कई पदाधिकारी शामिल हुए। पुराने लखनऊ में इसे लेकर खास रौनक दिखने लगी है। लोग कब्रिस्तानों का सजाने का सामान ले रहे हैं। चमकीली पन्नी, मोमबत्ती व अगरबत्ती की खरीदारी के साथ लोग कब्रो पर साफ-सफाई करते नजर आते हैं।


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