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उप्र लोकसेवा आयोग की पीसीएस परीक्षा 2018 : संशोधित होगी महिला अभ्यर्थियों की चयन सूची

इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने उत्तर प्रदेश पीसीएस भर्ती 2018 की प्रारंभिक परीक्षा के संबंध में महिला अभ्यर्थियों की चयन सूची को संशोधित करने का आदेश दिया है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Tue, 01 Oct 2019 09:20 AM (IST)Updated: Tue, 01 Oct 2019 09:20 AM (IST)
उप्र लोकसेवा आयोग की पीसीएस परीक्षा 2018 : संशोधित होगी महिला अभ्यर्थियों की चयन सूची

लखनऊ, जेएनएन। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने उत्तर प्रदेश पीसीएस भर्ती 2018 की प्रारंभिक परीक्षा के संबंध में महिला अभ्यर्थियों की चयन सूची को संशोधित करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने अपने आदेश में उत्तर प्रदेश की अधिवासी महिला अभ्यर्थियों को आरक्षण प्रदान करने वाले शासनादेश को प्रभावहीन माना है। यह आदेश जस्टिस विवेक चौधरी की बेंच ने खुशबू बंसल की ओर से दायर एक रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया।

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याची के अधिवक्ता बीआर सिंह ने बताया कि प्रारंभिक परीक्षा की चयन सूची 30 मार्च 2019 को जारी की गई थी। इस सूची में नौ जनवरी 2007 के शासनादेश के अनुसार प्रदेश में निवास करने वाली महिला अभ्यर्थियों को 20 प्रतिशत आरक्षण दिया गया था, जबकि 16 जनवरी 2019 को ही इलाहाबाद हाई कोर्ट ने नौ जनवरी 2007 के इस शासनादेश को खारिज दिया था।

याची की ओर से तर्क दिया गया था कि प्रारंभिक परीक्षा में उसे 116 अंक मिले और महिला अभ्यर्थियों का कटऑफ अंक भी 116 ही था। कहा गया कि यदि निवास प्रमाणपत्र महिला अभ्यर्थियों के लिए आरक्षण की व्यवस्था न दी जाती तो वह सफल अभ्यर्थियों की सूची में होती।

दूसरी ओर यूपी लोकसेवा आयोग के अधिवक्ता अशोक शुक्ला की ओर से याचिका का यह कहते हुए विरोध किया गया कि इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश के पूर्व ही चयन सूची पर कार्यवाही पूर्ण कर ली गई थी। याची के अधिवक्ता के मुताबिक कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद नौ जनवरी 2007 के शासनादेश को इलाहाबाद हाई कोर्ट के 16 जनवरी 2019 के फैसले के क्रम में प्रभावहीन पाया और महिला अभ्यर्थियों की चयन सूची को संशोधित करने का आदेश दिया है।

चयन सूची बदलेगी, पीसीएस 2018 मेंस 18 अक्टूबर से ही

पीसीएस 2018 की मुख्य परीक्षा के पहले प्रारंभिक परीक्षा की चयन सूची को लेकर विवाद गहरा गया है। उप्र लोकसेवा आयोग ने स्पष्ट किया है कि उन्हें अभी हाई कोर्ट का आदेश नहीं मिला है, उसका अध्ययन करके अनुपालन कराएंगे। इससे आदेश से मुख्य परीक्षा का कार्यक्रम नहीं बदलेगा। परीक्षा घोषित कार्यक्रम के अनुसार 18 अक्टूबर से ही होगी। आयोग सचिव जगदीश ने कहा कि पीसीएस 2018 प्रारंभिक परीक्षा का चयन परिणाम 30 मार्च को ही जारी हो गया था। शासन ने कई माह बाद आदेश जारी किया, इसलिए उस आदेश को परिणाम में समाहित नहीं किया जा सकता था। उन्होंने कहा कि लखनऊ खंडपीठ की सिंगल बेंच ने जो आदेश दिया है, उसका इंतजार है। आदेश का पालन करते हुए संशोधित सूची जारी करेंगे। यूपीपीएससी ने महिला आरक्षण से संबंधित शुद्धि पत्र भी 26 सितंबर को वेबसाइट पर जारी किया है। सचिव ने कहा कि इससे पीसीएस 2018 की मुख्य परीक्षा कार्यक्रम पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, इम्तिहान तय समय के अनुरूप 18 अक्टूबर से ही कराया जाएगा। 


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