Delhi Nirbhaya Case : दोषियों को फांसी देने के लिए यूपी के पवन जल्लाद तैयार, सिर्फ बुलावे का इंतजार
Delhi Nirbhaya Case News निर्भया कांड के दोषियों को फांसी पर लटकाने के लिए उत्तर प्रदेश जेल प्रशासन ने मेरठ के पवन जल्लाद को रिजर्व कर दिया है। अब सिर्फ बुलावे का इंतजार है।
लखनऊ, जेएनएन। Delhi Nirbhaya Case News : आखिरकार निर्भया कांड के दोषियों का डेथ वारंट जारी हो गया है। चारों अभियुक्तों को 22 जनवरी को फांसी देने का आदेश न्यायालय ने सुनाया है। इनको फांसी पर लटकाने के लिए उत्तर प्रदेश जेल प्रशासन ने मेरठ के पवन जल्लाद को रिजर्व कर दिया है। अब सिर्फ बुलावे का इंतजार है।
दिल्ली में 16 दिसंबर, 2012 को हुए निर्भया कांड के दोषी मुकेश सिंह, अक्षय, पवन और विनय शर्मा को न्यायालय ने फांसी की सजा सुनाई है। इन्हें 22 जनवरी को फंदे पर लटकाने का आदेश हुआ है। ऐसे में लगभग तय है कि मेरठ निवासी पवन जल्लाद इस काम के लिए बुलाए जाएं।
दरअसल, नौ दिसंबर को तिहाड़ जेल प्रशासन ने उप्र के जेल महानिदेशक आनंद कुमार को पत्र लिखकर जल्लाद के संबंध में जानकारी मांगी थी। यहां से जवाब में बताया गया कि उप्र में दो जल्लाद हैं। एक लखनऊ के हैं और दूसरे मेरठ के पवन। ये उपलब्ध करा दिए जाएंगे। अब मंगलवार को दोषियों के डेथ वारंट जारी हो गए। फांसी की तारीख निर्धारित हो गई है।
यूपी सरकार के कारागार राज्य मंत्री जय कुमार सिंह ने कहा कि तिहाड़ जेल ने निर्भया मामले के दोषियों को फांसी देने के लिए मेरठ के जल्लाद को उपलब्ध कराने के लिए पत्र भेजा था। इसकी अनुमति दे गई है। डीजी जेल आनंद कुमार ने बताया कि उस पत्र के बाद अभी कोई रिमाइंडर तिहाड़ जेल प्रशासन की ओर से नहीं आया है, लेकिन हमने तैयारी कर ली है। चूंकि लखनऊ के जल्लाद की उम्र अधिक है और वह अस्वस्थ भी हैं, इसलिए मेरठ के पवन जल्लाद को रिजर्व कर दिया गया है।
वहीं मेरठ के चौधरी चरण सिंह जिला कारागार के वरिष्ठ जेल अधीक्षक बीडी पांडेय ने कहा कि पवन के जिले से बाहर जाने पर रोक लगा दी गई है ताकि दिल्ली से बुलावा आने के बाद तुरंत उसे भेजा जा सके। जेल में बुलाकर उससे कुछ कागजात पर भी हस्ताक्षर कराए गए।
पवन ने कहा- गुनहगारों को फांसी देकर मिलेगा सुकून
निर्भया के गुनहगारों को फांसी की तारीख तय होते ही पवन जल्लाद के मेरठ से बाहर जाने पर जेल प्रशासन ने रोक लगा दी है। पवन के अनुसार वह एक साथ चारों गुनहगारों को फांसी देने के लिए तैयार है। कहा कि ऐसे दरिंदों को फांसी देकर खुशी मिलेगी। साथ ही दिल को सुकून भी मिलेगा। पवन का कहना है कि निर्भया के गुनहगारों को फांसी देने के लिए पूरी तरह से मन बना चुके हैं। चारों आरोपितों को एक साथ फांसी दे सकता हूं। हालांकि पवन का कहना है कि जेल प्रशासन की तरफ से कोई पत्र नहीं दिया गया। सिर्फ तैयार रहने के लिए मौखिक तौर पर कहा गया है।
वारदात ने हिला दिया था पूरा देश
दिल्ली में 16-17 दिसंबर, 2012 की रात एक चलती बस में 23 वर्षीय पैरामेडिकल छात्रा से 6 लोगों ने बर्बर सामूहिक दुष्कर्म किया और उसे बुरी तरह घायल करने के बाद बस से बाहर सड़क पर फेंक दिया था। इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। वारदात के 90 दिन बाद पटियाला हाउस कोर्ट ने चारों दोषियों को फांसी की सजा सुनाई थी। हालांकि 29 दिसंबर, 2012 को इलाज के दौरान सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ हॉस्पिटल में पीड़िता की मौत हो गई थी। मुख्य आरोपित राम सिंह ने ट्रायल के दौरान ही जेल में फांसी लगा ली थी और एक अन्य नाबालिग साबित हुआ था। उसे तीन साल तक सुधार गृृह में रखने के बाद रिहा किया जा चुका है। 2014 में हाई कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा और 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने भी फांसी की सजा को कायम रखा। इसके बाद दोषियों की रिव्यू पिटिशन भी खारिज हो गई थी।