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लखनऊ के सरकारी अस्पतालों में मरीज बढ़े, दवाओं का धन घटा-करोड़ की उधारी Lucknow News

सरकारी अस्पतालों में दवा आपूर्ति की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाइज कॉरपोरेशन को दी गई है। दवा के लिए भटक रहे मरीज। मेडिकल सप्लाइज कॉरपोरेशन का आपूर्ति सिस्टम बेपटरी।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Tue, 10 Sep 2019 09:30 AM (IST)Updated: Wed, 11 Sep 2019 07:32 AM (IST)
लखनऊ के सरकारी अस्पतालों में मरीज बढ़े, दवाओं का धन घटा-करोड़ की उधारी Lucknow News
लखनऊ के सरकारी अस्पतालों में मरीज बढ़े, दवाओं का धन घटा-करोड़ की उधारी Lucknow News

लखनऊ [संदीप पांडेय]। राजधानी समेत राज्य के अस्पतालों में दवाओं का संकट है। वहीं, मेडिकल सप्लाइज कॉरपोरेशन का आपूर्ति सिस्टम बेपटरी है। साथ ही बजट का अभाव स्वास्थ्य सेवाओं को डबल चुनौती दे रहा है। लिहाजा, मरीज दवाओं के लिए दर-दर भटकने को मजबूर हैं।

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सरकारी अस्पतालों में दवा आपूर्ति की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाइज कॉरपोरेशन को दी गई है। मगर, अस्पताल में दवा उपलब्धता के दावे बार-बार फेल हो रहे हैं। दूर-दराज के जनपद ही नहीं राजधानी के अस्पतालों की ही फार्मेसी सेवा चरमरा गई है। स्थिति यह रही शनिवार को निरीक्षण करने बलरामपुर और सिविल अस्पताल पहुंचे स्वास्थ्य मंत्री को भी दवा संकट का शिकवा अफसरों से सुनना पड़ा। बलरामपुर अस्पताल के अधिकारियों ने मंत्री से ड्रग कॉरपोरेशन से सिर्फ 60 फीसद दवा आपूर्ति की बात बताई। इसके अलावा जो दवाएं हैं, उनमें से कई के नमूने फेल होने से वितरण पर भी रोक लग गई है।

10 फीसद बढ़े मरीज

राजधानी के प्रमुख अस्पतालों में मरीजों की भीड़ लगातार बढ़ रही है। गैर जनपदों से भी मरीज यहां इलाज के लिए आ रहे हैं। वहीं संक्रामक व मच्छरजनित रोगों के चलते अस्पतालों में वार्ड फुल हैं। दावा है कि राजधानी के अस्पतालों में हर वर्ष 10 फीसद मरीज अधिक पहुंचते हैं। वहीं बजट अधिक मिलने के बजाए कम हो गया है।

डिप्रेशन की दवाएं नहीं

अस्पतालों में मनोरोग, त्वचा रोग की दवाओं का भी संकट है। स्थिति यह है कि सिविल अस्पताल में एंटीडिप्रेशन की दवा एसीपैलोपॉम, सरटालिन जैसी सामान्य दवाओं का भी संकट है। इसके अलावा कई जगह कैल्सियम व विटामिन तक की दवाओं का संकट बना हुआ है। इससे मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

अब तक बजट

  • अस्पताल गत वर्ष चालू वर्ष
  • बलरामपुर 18 करोड़ 3.5 करोड़
  • लोहिया 64 करोड़ 27 करोड़
  • सिविल 17 करोड़ 4.5 करोड़

धन का संकट, करोड़ों का उधार

राजधानी के प्रमुख अस्पतालों में जहां ड्रग कॉरपोरेशन से तमाम दवाएं नहीं मिल रही हैं। बलरामपुर अस्पताल पर ढाई करोड़, लोहिया अस्पताल पर एक करोड़ की उधारी हो चुकी है।


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