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लखनऊ: पोस्ट कोविड-19 में मरीजों को हो रही हैं दिक्‍कतें, चेस्ट में संक्रमण के साथ बढ़ रही एंजायटी

कोरोना संक्रमण को मात दे चुके मरीजों की मुश्किलें बाद में भी कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। विभिन्न अस्पतालों में बनाए गए पोस्ट कोविड-19 क्लीनिक में रोजाना पचासों मरीज इलाज को पहुंच रहे हैं। इसके लिए राजधानी में कई अस्‍पतालों में पोस्‍ट कोविड क्‍लीनिक चल रही है।

By Rafiya NazEdited By: Published: Thu, 04 Feb 2021 11:17 AM (IST)Updated: Thu, 04 Feb 2021 11:17 AM (IST)
लखनऊ में रोजाना पोस्ट कोविड-19 क्लीनिक में पहुंच रहे पचासों मरीज। (प्रीकात्‍मक फोटो)

लखनऊ, जेएनएन। कोरोना संक्रमण को मात दे चुके मरीजों की मुश्किलें बाद में भी कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। विभिन्न अस्पतालों में बनाए गए पोस्ट कोविड-19 क्लीनिक में रोजाना पचासों मरीज इलाज को पहुंच रहे हैं। इनमें से ज्यादातर मरीजों को चेस्ट में परेशानी के साथ एंजायटी की समस्या प्रमुखता से सामने आ रही है।

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कोरोना से उबर चुके मरीज मरीजों को होने वाली दिक्कतों के समाधान के लिए सिविल अस्पताल, लोकबंधु अस्पताल, लोहिया संस्थान, केजीएमयू, बलरामपुर इत्यादि जगहों पर पोस्ट कोविड-19 क्लीनिक खोली गई है। मगर कोविड-19 अस्पतालों की क्लीनिक में मरीज दोबारा संक्रमण होने की डर से से कम संख्या में पहुंच रहे हैं। सिविल अस्पताल और बलरामपुर दोनों नान कोविड-19 अस्पताल हैं। इसलिए यहां पर मरीज ज्यादा संख्या में आ रहे हैं। सिविल अस्पताल में पोस्ट कोविड-19 क्लीनिक के प्रभारी डॉ एनबी सिंह ने बताया कि मरीजों को जो सबसे ज्यादा और कॉमन दिक्कत हो रही है वह चेस्ट में होने वाला संक्रमण है। इसके साथ ज्यादातर मरीज  एंजाइटी वा तनाव के शिकार भी हो रहे हैं। इन दिनों पोस्ट कोविड-19 संख्या में भी बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है अब 2 गुने 3 गुने की संख्या में मरीज पहुंच रहे हैं। उन्होंने बताया कि बहुत से मरीजों को भूख ना लगने, वजन कम होने, अनिद्रा होने, कमजोरी महसूस होने जोड़ों व हड्डियों में दर्द व चक्कर आने की दिक्कतें भी महसूस हो रही हैं। 

ऐसे मरीजों को तत्काल पोस्ट कोविड-19 क्लीनिक में पहुंचकर अपना इलाज कराना चाहिए मरीजों का सबसे पहले एक्स-रे करके चेस्ट में संक्रमण की स्थिति का पता लगाया जाता है। उन्होंने कहा कि कोरोना से उबर चुके मरीजों को रोजाना 3 से 4 लीटर गुनगुना पानी पीते रहना चाहिए। ऐसे मरीजों को अगले दो-तीन महीने तक विटामिन सी, ई व डी की खुराक दी जाती है। 


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