केजीएमयू का कारनामा: एक बेड पर दो मरीज भर्ती कर वसूले 5400
तमाम हिदायतों के बाद भी केजीएमयू में नहीं थम रहा कर्मचारियों का खेल। पैसा नहीं किया वापस, बेड न मिलने से लौटा ऑपरेशन का मरीज।
लखनऊ(जागरण संवाददाता)। केजीएमयू में शुल्क जमा काउंटर पर खेल जारी है। उन्होंने प्राइवेट रूम में भर्ती मरीज के बेड को दूसरे को आवंटित कर दिया। इसके लिए रुपये भी वसूल लिए। वहीं मामला खुलने पर कर्मियों ने घटों बैठाकर उसे धमकाया। आखिर में रात में मरीज को बगैर पैसा दिए भगा दिया। ये है पूरा मामला:
संतकबीर नगर निवासी अजय पाडेय (40) के कंधे में फ्रैक्चर था। लिंब सेंटर में देखने के बाद डॉक्टर ने कंधे के ऑपरेशन के लिए मंगलवार को बुलाया था। अजय सुबह आर्थाेपेडिक की ओपीडी में पहुंचे। यहा पर डॉक्टर ने भर्ती कराने के लिए लिखा। लिंब सेंटर में जनरल वार्ड फुल बताकर उन्हें ट्रामा सेंटर भेज दिया गया। मगर यहा भी भर्ती नहीं किया गया। ऐसे में कर्मचारियों ने उन्हें एसी प्राइवेट वार्ड लेने की सलाह दी। कोई विकल्प न होने पर वह एसी वार्ड ही आवंटित कराने के लिए राजी हो गए। अजय और उनके साथ आए परिजन सुशील का आरोप है कि कर्मचारी ने 1800 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से तीन दिन का 5400 एडवास लेकर रूम नंबर एक आवंटित कर दिया, मगर वहा पहले से मरीज भर्ती था। वार्ड में पहुंचे तो महिला मिली भर्ती:
परिजन अजय को लेकर प्राइवेट वार्ड पहुंचे। यहा सोमवार को ऑपरेट हुई महिला मरीज भर्ती मिली। ऐसे में वह दोबारा लिंब सेंटर से केजीएमयू परिसर स्थित पीआरओ भवन के कैश काउंटर पर पहुंचे। यहा कर्मी ने पैसा वापस करने से इंकार कर दिया। रात नौ बजे तक बैठाए रखा:
मरीज अजय व परिजन दोबारा लिंब सेंटर आए। रसीद दिखाने के बावजूद बेड न मिलने पर विरोध किया, तो स्टाफ ने उन्हें बैठाए रखा और घर भी नहीं जाने दिया। वहीं मामला बढ़ने पर रात नौ बजे कर्मियों ने उन्हें जाने की अनुमति दी। क्या कहते हैं जिम्मेदार?
केजीएमयू मीडिया सेल के इंचार्ज डॉ. संतोष कहते हैं कि केजीएमयू प्रशासन के पास अभी ऐसी कोई शिकायत नहीं आई है। तीमारदार या मरीज आते हैं तो उनकी समस्या का समाधान किया जाएगा। भर्ती न होने पर शुल्क वापसी भी कराया जाएगा।