COVID-19 Situation in Lucknow: कोविड-19 के इलाज के लिए कन्नौज से लखनऊ तक का तय किया सफर, बदले में मिली मौत
कन्नौज से रेफर काेविड 19 के केस को राजधानी लखनऊ में इलाज नहीं मिल सका 9 घंटे तक शहर के कई अस्पतालों के चक्कर लगाने के बाद भी पति को एडमिट नहीं करा सकी महिला। स्ट्रेचर पर उतारते ही पति की मौत हो गई।
लखनऊ, जेएनएन। जिम्मेदार दावे चाहे जितने कर रहे हो मगर हकीकत किसी से छिपी नहीं। इलाज के अभाव में रोजाना न जाने कितने लोग असमय मौत का शिकार हो रहा है। कन्नौज निवासी आदित्य दुबे (50 वर्षीय) को तीन दिन पहले बुखार आया। पत्नी कृष्णकांति के मुताबिक पति को पहले कन्नौज जिला अस्पताल ले जाया गया। यहां ड्रिप चढ़ाई गई। मगर हालत सुधरने के बजाए लगातार बिगड़ती रही। डॉक्टरों ने फेफड़े का संक्रमण बताकर लखनऊ रिफर कर दिया। पत्नी के मुताबिक सोमवार सुबह 11 बजे वो पति को एंबुलेंस से लेकर लखनऊ पहुंच गईं। यहां सिविल अस्पताल से बलरामपुर अस्पताल, और फिर लोहिया अस्पताल के चक्कर लगाए। मगर कहीं बेड नहीं मिला। ट्रामा सेंटर भी गए। वहां बेड फुल होने को बता कर लौटा दिया गया। इसके बाद कई निजी अस्पतालों के भी चक्कर काटे, मगर नौ घन्टे तक इलाज नहीं मिला। इसके बाद रात आठ बजे के करीब आदित्य को लेकर दोबारा ट्रामा सेंटर पहुंचे। तब तक आदित्य की हालत काफी बिगड़ चुकी थी । स्ट्रेचर पर उतारते ही आदित्य का शरीर शिथिल हो गया था। सांसे थम चुकी थीं। कैजुअल्टी में जैसे ही आदित्य को ले जाया गया। यहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
कोविड ही नहीं, नॉन कोविड की सेवाएं भी खस्ताहालसरकारी अस्पतालों की ओपीडी बंद है। कई अस्पतालों को कोविड अस्पतालों में तब्दील कर दिया गया है। रोजाना हजारों मरीज संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं। मगर इलाज के लिए उन्हें बेड नहीं मिल पा रहे हैं। इतना ही नहीं, नॉन कोविड मरीजों को भी इलाज मिलना दूभर है।