लखनऊ में तेंदुए की दशहत, पड़वा पर हमले की सूचना पर वन विभाग सतर्क-रातभर की गई कांबिंग
चिनहट से जुड़ा मलेसेमऊ इलाके में दिखे तेंदुए की मौजूदगी के निशान। वन विभाग ने तीन टीमें बनाकर रातभर की कांबिंग।
लखनऊ, जेएनएन। गोमतीनगर विस्तार और चिनहट से जुड़ा मलेसेमऊ इलाके में तेंदुए की मौजूदगी की आहट से लोग दहशतजदा हैं। इससे पहले गुरुवार को तेंदुए ने पड़वा को शिकार बनाने की कोशिश की थी। पड़वा के शरीर पर मिले निशान से ऐसे ही संकेत मिल रहे हैं।
इलाके में तेंदुए की मौजूदगी को लेकर वन विभाग भी सतर्क हो गया है। तेंदुए को पकडऩे के लिए तीन टीमें बनाई गई हैं। इनको मलेसेमऊ, ककहरा और मल्हौर में लगाया गया है। शुक्रवार रात को तेंदुए की तलाश में काम्बिंग चलती रही। डीएफओ अवध डॉ. रवि कुमार सिंह ने बताया कि मलेसेमऊ इलाके में जंगली जानवर के पदचिह्न भी मिले हैं।
इसमें नाखून के निशान भी दिख रहे हैं, जबकि तेंदुए के चलने पर नाखून के निशान नहीं दिखते हैं। सिर्फ पैड के निशान ही आते हैं। ऐसे में यह भेडिय़ा या लकड़बग्घा भी हो सकता है। हालांकि, सुरक्षा की दृष्टि से लोगों से अकेले न निकलने की सलाह दी गई है। जिस तरह से पड़वा पर हमला किया गया है, वह कोई जंगली जानवर ही कर सकता है। पूरे इलाके निगरानी बढ़ा दी गई है। शुक्रवार रात से मलेसेमऊ, ककरहा और मल्हौर में तीन टीमें क्षेत्रीय वन अधिकारियों के नेतृत्व में कांबिंग में जुटी हैं।
तेंदुआ दिखे तो यहां दें सूचना
- केपी सिंह क्षेत्रीय वन अधिकारी 7839434285
- सीएल गुप्ता क्षेत्रीय वन अधिकारी क्षेत्रीय वन अधिकारी शीशमबाग 7839443293 7905887505
- कफीलुर रहमान क्षेत्रीय वन अधिकारी शहरी 7839434282
पहले भी चर्चा में रहा है मलेसेमऊ
करीब तीन साल पहले भी मलेसेमऊ का जंगल चर्चा में रहा था। यहां रहने वाले चीतल के अवशेष पेड़ पर लटके पाए गए थे और तब वन विभाग ने कुत्तों की हरकत बताया था, लेकिन बाद में भी चीतल के अवशेष मिले थे।
पहले भी दहशत फैला चुके हैं जंगली जानवर
- वर्ष 1993 में कुकरैल पिकनिक स्पॉट में देखे गए बाघ को आखिरकार मारना पड़ा था।
- वर्ष 2009 में माल के कमालपुर लधौरा में तेंदुआ पकड़ा गया
- वर्ष 2009 में मोहनलालगंज में दहशत फैलाने वाले बाघ को फैजाबाद में मारा गया था।
- वर्ष 2012 में माल के उतरेहटा गांव में तेंदुआ पकड़ा गया।
- अप्रैल 2012 में काकोरी के रहमान खेड़ा में बाघ पकड़ा गया। बाघ को सौ दिन बाद पकड़ा जा सका था
- 21-22 अप्रैल 2013 की रात पीजीआइ के पास रानी खेड़ा में तेंदुआ पकड़ा गया।
- फरवरी 2018 में आशियाना क्षेत्र में दहशत बने तेंदुआ को पुलिस ने मारा था। इसके कुछ दिन बाद ही ठाकुरगंज के प्राइमरी स्कूल में तेंदुआ आ गया था।