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यूपी में स्कूली वाहनों और टैक्सियों में लगेंगे पैनिक बटन, सिग्नल मिलते ही मौके पर पहुंचेगी पुलिस

बच्चों और आमजनों की सुरक्षा को लेकर परिवहन विभाग स्कूली वाहनों के साथ-साथ टैक्सियों में पैनिक बटन और वीटीएस यानी व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम लगाने की तैयारी शुरू कर दी है। इससे गाड़ियों का सफर और सुरक्षित हो जाएगा। डायल-112 से इसे जोड़ा जाएगा।

By Vikas MishraEdited By: Published: Thu, 25 Nov 2021 02:05 PM (IST)Updated: Fri, 26 Nov 2021 11:24 AM (IST)
यूपी में स्कूली वाहनों और टैक्सियों में लगेंगे पैनिक बटन, सिग्नल मिलते ही मौके पर पहुंचेगी पुलिस
स्कूली वाहनों और टैक्सियों में पैनिक बटन लगाए जाने की तैयारी शुरू कर दी गई है

लखनऊ, [नीरज मिश्र]। बच्चों और आमजनों की सुरक्षा को लेकर परिवहन विभाग स्कूली वाहनों के साथ-साथ टैक्सियों में पैनिक बटन और वीटीएस यानी व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम लगाने की तैयारी शुरू कर दी है। इससे गाड़ियों का सफर और सुरक्षित हो जाएगा। डायल-112 से इसे जोड़ा जाएगा। इसे लेकर परिवहन मुख्यालय में एक कंट्रोल रूम बनाए जाने का काम शुरू हो गया है। इसी वित्तीय वर्ष में काम पूरा किया जाएगा।

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कंट्रोल रूम में डायल-112 की तरह लगेगी वीडियो वालः वाहनों की ट्रैकिंग के लिए पुलिस के डायल-112 की तरह एक बड़ी स्क्रीन वीडियो वाल बनाई जाएगी। इसे तकनीकी से सीधे जोड़ा जाएगा। सुरक्षा बटन के बजते ही कंट्रोल रूम की टीम सक्रिय हो जाएगी। दर्ज सूचना पर डायल -112 रेस्पांस करेगी। वाहन में लगी डिवाइस स्क्रीन पर नजर आने लगेगी। वाहन कहां पर है और इसकी मानीटरिंग शुरू हो जाएगी। अधिकारियों के मुताबिक विभाग टैक्सियों और स्कूली बसों में इस तकनीकी का इस्तेमाल कर सफर को सुरक्षित बनाने की दिशा में काम कर रहा है। इसकी मॉनीटरिंग सीधे मुख्यालय से होगी। निर्भया मद से इस प्रणाली को आगे बढ़ाया जा रहा है।

परिवहन आयुक्त धीरज साहू के निर्देश पर काम तेजी से शुरू हो गया है। जल्द ही मुख्यालय में कंट्रोल बन जाएगा। स्कूली बसों, वैन और यात्री वाहनों में वीडियाे वाल के अलावा करीब आधा दर्जन कंप्यूटर लगाए जाएंगे। स्कूली बच्चों और यात्रियों का सफर सुरक्षित रखने की तैयारी की जा रही हैं। काम शुरू हो चुका है। परिवहन विभाग की मंशा है कि सफर सुरक्षित रहे चाहे वह यात्री हों या फिर स्कूली बच्चे एवं अन्य लोग। इसी को लेकर टैक्सियों और स्कूली वाहनों में आमजन की सुरक्षा पुख्ता करने की दिशा में काम आगे बढ़ गया है। -कमल जोशी, एआरटीओ मुख्यालय


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