उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज घटे तो ऑक्सीजन ने भी दी राहत की सांस
यूपी में कोरोना मरीजों के घटने से राज्य में ऑक्सीजन का संकट भी लगभग खत्म हो गया है। करीब एक महीने में रोगियों की संख्या में 41 फीसद की कमी आई है। ऐसे में ऑक्सीजन की चार गुना तक बढ़ी डिमांड फिर से घटकर सामान्य स्तर पर पहुंच गई है।
लखनऊ [आशीष त्रिवेदी]। उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस से संक्रमित के मरीजों के घटने से राज्य में ऑक्सीजन का संकट भी लगभग खत्म हो गया है। बीते करीब एक महीने में रोगियों की संख्या में 41 फीसद की कमी आई है। ऐसे में ऑक्सीजन की चार गुना तक बढ़ी डिमांड फिर से घटकर सामान्य स्तर पर पहुंच गई है। ऑक्सीजन की मांग 120 मीट्रिक टन प्रतिदिन हो गई थी, जो फिर से घटकर 30 मीट्रिक टन पर पहुंच गई है।
कोरोना वायरस के संक्रमण की तेजी के दौर में मरीजों की ज्यादा संख्या व ऑक्सीजन प्लांट को कच्चा माल मिलने में कठिनाई होने से इसकी कालाबाजारी शुरू हो गई थी। मरीजों को दोगुनी कीमत चुकानी पड़ रही थी। सरकार ने मानीटरिंग सिस्टम दुरुस्त किया और नए ऑक्सीजन प्लांट खोलने में तेजी दिखाई। इसके चलते अब ऑक्सीजन फिर से राहत की सांस दे रही है।
उत्तर प्रदेश में कोरोना के मरीज अगस्त के अंतिम सप्ताह से बढ़ना शुरू हुए और 17 सितंबर तक पीक पर पहुंच गए। उस समय तक कोरोना के कुल रोगी 3.36 लाख थे और उसमें से 2.63 लाख ठीक हो चुके थे। एक्टिव केस अब तक के सर्वाधिक 68,235 थे, मगर इसके बाद मरीजों की संख्या में कमी आना शुरू हो गई। अब कुल रोगियों की संख्या 4.36 लाख है लेकिन इसमें से 3.90 लाख रोगी स्वस्थ हो चुके हैं। अब एक्टिव केस घटकर 40,019 हो गए हैं। यानी 41 फीसद रोगी कम हुए हैं। लगातार घट रहे मरीजों के कारण ऑक्सीजन की मांग घटकर 30 मीट्रिक टन प्रतिदिन हो गई है। पहले मांग बढ़ने पर छोटा ऑक्सीजन सिलेंडर 80 रुपये की बजाए 160 रुपये में मिल रहा था। बड़ा ऑक्सीजन सिलेंडर 200 की बजाए 400 रुपये में मिल रहा था।
गौरतलब है कि अभी तक उत्तर प्रदेश में 28 ऑक्सीजन प्लांट थे लेकिन अब इनकी संख्या बढ़ रही है। बीते दिनों मोदीनगर में प्रदेश के सबसे बड़े ऑक्सीजन प्लांट का शुभारंभ हुआ। यहां 150 टन ऑक्सीजन प्रतिदिन बनेगी। वहीं बरेली, गोरखपुर, आगरा व मुरादाबाद में भी ऑक्सीजन प्लांट शुरू होंगे। फिलहाल आगे ऑक्सीजन की मांग बढ़ने पर भी किल्लत नहीं होगी। महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डॉ. डीएस नेगी कहते हैं कि कोविड-19 अस्पतालों में ऑक्सीजन की उपलब्धता पर्याप्त मात्रा में है। कंट्रोल रूम बनाकर निगरानी की जा रही है।