दम तोड़ रही जिंदगी, KGMU में चोरी हो गए सैंकड़ों ऑक्सीजन सिलेंडर Lucknow News
केजीएमयू में चोरी हो गए सैंकड़ों ऑक्सीजन सिलेंडर। मामला की जांच पुलिस कर रही है।
लखनऊ, जेएनएन। केजीएमयू से सैकड़ों ऑक्सीजन सिलिंडर गायब हैं। आपूर्तिकर्ता कंपनी और कर्मियों की साठगांठ से लाखों का वारा-न्यारा हो गया। मामला तूल पकड़ा तो पुलिस में शिकायत कर पल्ला झाड़ लिया गया। वहीं ऑक्सीजन सिलिंडर के अभाव में मरीजों की मौतों का सिलसिला जारी है।
केजीएमयू में 4400 बेड हैं। इसमें ट्रॉमा सेंटर, लारी कार्डियोलॉजी, क्वीनमेरी में इमरजेंसी सेवाएं हैं। यहां की इमरजेंसी में छह सौ के करीब गंभीर मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं, लेकिन बी-टाइप ऑक्सीजन सिलिंडर मौके पर पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं रहते हैं। वहीं केजीएमयू में लिक्विड व सिलिंडर ऑक्सीजन पर खर्च होने वाले रुपयों का खेल जारी है। इसका ब्योरा देने में अफसर कतरा रहे हैं। कारण, लिक्विड ऑक्सीजन में जहां प्लांट का टैंक फिल करने में खेल हो रहा है, वहीं सैकड़ों की संख्या में ऑक्सीजन सिलिंडर गायब किए जा चुके हैं। अधिकारी कार्रवाई के नाम पर सिर्फ पुलिस में शिकायत कर शांत बैठ गए हैं।
सिर्फ 250 के करीब छोटे सिलिंडर
एक कर्मचारी के मुताबिक संस्थान से सैकड़ों सिलिंडर चोरी हो गए हैं। ऐसे में करीब 900 जंबो ऑक्सीजन सिलिंडर हैं। वहीं 250 के करीब छोटे ऑक्सीजन सिलिंडर ही बचे हैं। यह संस्थान के 75 विभागों के लिए नाकाफी है। कारण, मरीजों की शिफ्टिंग व जांच के लिए बी-टाइप छोटे सिलिंडर की ही आवश्यकता होती है।
कब-कब सिलिंडर चोरी का हुआ खुलासा
केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर समेत विभिन्न विभागों में वर्ष 2014-15 में 202 सिलिंडर गायब कर दिए गए। मगर खुलासा वर्ष 2016 में 141 सिलिंडर गायब का ही हो सका। ऐसे में वर्ष 2017 में 61 सिलिंडर चोरी पकड़ में आई। स्टाफ और आपूर्तिकर्ता कंपनी की मिलीभगत से खेल हुआ। मगर मामला रफा-दफा कर दिया गया। यह खेल अभी भी जारी होने की आशंका है। इसलिए ऑक्सीजन का ब्योरा कुछ भी देने से कतरा रहे हैं।
केजीएमयू के प्रवक्ता सुधीर सिंह ने बताया कि ऑक्सीजन इंचार्ज से बात की गई है। 200 सिलिंडर चोरी की रिपोर्ट लिखाई गई है। फिलहाल मामला पुलिस के पास है।