डॉक्टर व नर्स में कोरोना फैलने के बाद निजी अस्पताल को ओपीडी-इमरजेंसी बंद करने के आदेश
लखनऊ के निजी अस्पताल में डॉक्टर व नर्स को कोरोना भर्ती मरीज को सीएमओ ने मांगा ब्योरा सैनिटाइज करने के निर्देश।
लखनऊ, जेएनएन। निजी अस्पताल के डॉक्टर-नर्स में कोरोना मिलने पर लोगों में हड़कंप रहा। भर्ती कई मरीजों में दहशत कायम है। वहीं सीएमओ ने अस्पताल में भर्ती मरीज का ब्योरा तलब किया है। साथ ही ओपीडी-इमरजेंसी सेवा तत्काल प्रभाव से बंद करने के निर्देश दिए हैं।
ठाकुरगंज स्थित अस्पताल के स्टाफ में वायरस पाए जाने पर संक्रमण का खतरा मंडरा रहा है। ऐसे में सीएमओ डॉ नरेंद्र अग्रवाल ने अस्पताल प्रबंधन को हो िल्डंग एरिया, आइसो ले शन एरिया, ओपीडी, इमरजेंसी सेवा को तत्काल प्रभाव से बंद करने के निर्देश दिए हैं। वहीं भर्ती मरीजाें को ब्योरा तलब किया। साथ ही डॉक्टर, नर्स के मूवमेंट वाले स्थानों को सैनिटाइज करने के आदेश िदए हैं। इस दौरान कौन-कौन मरीज व कर्मी संक्रमित डॉक्टर, नर्स के संपर्क में आए। इसकी अलग से लिस्ट तलब की है। वहीं अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि डॉक्टर-नर्स पांच दिन से क्वारंटाइन में थे। अस्पताल में संक्रमण संबंधी कोई समस्या नहीं है।
12 हजार मरीजों को जुटाया स्वास्थ्य ब्योरा
सीएमओ की टीम ने संक्रमित इलाकों में घर-घर सर्वे किया। इस दौरान 2868 घरों में 12100 लोगों का स्वास्थ्य ब्योरा जुटाया। साथ ही 224 संदिग्ध लोगों का सैंपल जुटाया। इन्हें जांच के लिए केजीएमयू भेजा।
सिविल अस्पताल की कोविड इमरजेंसी में प्रवासी की मौत
मुंबई से प्रतापगढ़ जा रहे प्रवासी की रास्ते में तबीयत खराब होने के बाद शनिवार की सुबह 5:09 पर उसे सिविल अस्पताल की कोविड इमरजेंसी में भर्ती कराया गया। मरीज को बुखार, उल्टी व सांस में तकलीफ की शिकायत के कारण उसका नमूना लेकर कोरोना जांच को केजीएमयू भेज दिया गया। इधर करीब ढाई घंटे बाद मरीज की मौत हो गई। इससे पूरे अस्पताल परिसर में हड़कंप मच गया। कोविड से मौत की आशंका से डॉक्टरों से लेकर स्टाफ व परिजनों की सांसें ऊपर नीचे होने लगी। सुबह 10:30 बजे जब मरीज की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई तो अस्पताल प्रबंधन ने राहत की सांस ली और शव को परिजनों के सुपुर्द कर दिया।
सिविल अस्पताल के एमएस डॉ आशुतोष दुबे ने बताया कि मरीज को उसके परिवारजन सुबह 5:09 पर इमरजेंसी में लेकर पहुंचे थे। उसे तेज बुखार व सांस लेने में तकलीफ थी। प्रतापगढ़ निवासी 50 वर्षीय मरीज मो अली खान पुत्र अब्दुल लतीफ शानिवार सुबह ट्रेन से मुबई से वापस लौटा था। चारबाग रेलवे स्टेसन पर उसकी हालत गंभीर होने पर उतारा गया। आनन फानन में उसे सिविल अस्पताल लाया गया। मरीज को कोरोना संदिग्ध मानकर उसका इलाज शुरू किया गया। हालांकि मौत के बाद उसकी रिपोर्ट नेगेटिव आई।