Move to Jagran APP

लखनऊ में पार्किंग शुल्क के नाम पर खुले आम लूट, वाहन स्‍वाम‍ियों से मनमानी वसूली कर रहे ठेकेदार

लखनऊ में पार्किंग में जितनी आसानी से आप वाहन खड़ा करते हैं उससे अधिक कष्ट उसे निकालने पर होता है। निर्धारित दर से दो गुना दाम मांगा जाता है और विरोध करने पर मारपीट तक हो जाती है। शहर में संचालित सभी पार्किंग का यही हाल है।

By Vikas MishraEdited By: Published: Tue, 03 Aug 2021 08:26 AM (IST)Updated: Tue, 03 Aug 2021 01:19 PM (IST)
लखनऊ में पार्किंग शुल्क के नाम पर खुले आम लूट, वाहन स्‍वाम‍ियों से मनमानी वसूली कर रहे ठेकेदार
लखनऊ में एक ही जगह पार्किंग होने के बावजूद दोनों का शुल्क अलग तरीके से वसूला जा रहा है।

लखनऊ, जागरण संवाददाता। राम गोविंद मिश्र अपनी कार चारबाग प्रीमियम पार्किंग में रविवार शाम चार बजे खड़ी कर गए थे। जब सोमवार शाम 4:15 बजे वह जनता एक्सप्रेस से वापस लौटे तो 24 घंटे 15 मिनट तक कार का पाॄकग शुल्क 260 रुपये वसूले गए। विरोध किया तो ठेकेदार के कर्मचारियों ने आंखें तरेरीं तो वह मनमाना शुल्क देकर चले गए। चारबाग स्टेशन के सामने पांच पार्किंग हैं। इनमें आरक्षण केंद्र और स्टेशन के सामने वाला दोपहिया स्टैंड बंद चल रहा है, लेकिन यहां प्रीमियम कार पार्किंग और लखनऊ जंक्शन के सामने दोपहिया वाहन की पार्किंग विभागीय कर्मचारी संभाल रहे हैं।

loksabha election banner

एक ही जगह पार्किंग होने के बावजूद दोनों का शुल्क अलग तरीके से वसूला जा रहा है। लखनऊ जंक्शन के सामने 12 घंटे तक साइकिल की पार्किंग का शुल्क पांच और दोपहिया वाहन का 10 रुपये है। इससे अधिक समय होने पर प्रत्येक 12 घंटे का इतना ही शुल्क जोड़ा जाता है। वहीं चारबाग स्टेशन के सामने कार से पाॄकग शुल्क 12 की जगह दो घंटे के लिए वसूला जाता है। यहां दो घंटे तक कार खड़ी करने पर 25 रुपये, चार घंटे तक 40 रुपये और चार घंटे बाद प्रत्येक दो घंटे 20 रुपये शुल्क जोड़ दिया जाता है। ऐसे में 12 घंटे कार खड़ी करने पर 120 रुपये कार पार्किंग का शुल्क वसूला जा रहा है। यह एक उदाहरण हो सकता है, लेकिन लखनऊ की पार्किंग पर दबंगई का शुल्क वसूला जा रहा है। 

पार्किंग में जितनी आसानी से आप वाहन खड़ा करते हैं, उससे अधिक कष्ट उसे निकालने पर होता है। निर्धारित दर से दो गुना दाम मांगा जाता है और विरोध करने पर मारपीट तक हो जाती है। कुछ साल पहले चिड़ियाघर घूमने आए एक दंपती को पार्किंग की मनमानी दर का विरोध करना महंगा पड़ गया था और ठेकेदार के लोगों ने पत्नी के सामने ही पति की पिटाई कर दी थी। मामला थाने तक गया, लेकिन इसमें कुछ इसलिए नहीं हुआ, क्योंकि पुलिस वालों की बैठकी का अड्डा ठेकेदार के पास ही था। दैनिक जागरण की टीम ने सोमवार को शहर के प्रमुख पार्किंग स्थलों पर वसूले जा रहे शुल्क की पड़ताल की तो हालात वही मिले, मतलब निर्धारित दर से दो गुना वसूली।

सहारागंज के सामनेः दोपहर करीब डेढ़ बजे सहारागंज शापिंग माल से निकले इंदिरानगर निवासी अनुपम पार्किंग में खड़ी अपनी स्कूटी संख्या यूपी 32-जेपी-6470 बाहर निकालने के लिए पहुंचे। यहां पाॄकग ठेकेदार के कर्मचारी अर्जुन ने अनुपम से पर्ची और शुल्क 20 रुपये वसूला। इसके बाद अर्जुन गाड़ी स्टार्ट करने लगे। इस बीच संवाददाता पहुंचे उन्होंने पर्ची देखी। पर्ची पर 10 रुपये किराया अंकित था। इसका विरोध किया तो अर्जुन ने अनमोल को 10 रुपये वापस किए। अर्जुन का कहना था चार घंटे के दो पहिया वाहन के 20 और कार के 40 रुपये बताए गए थे। यहां पर लगे पार्किंग बोर्ड पर जहां शुल्क लिखा है, वहां खुरच दिया गया है। इसके अलावा उस पर एक कागज भी चिपका है। इसके पड़ोस स्थित एक अन्य पाॄकग है। वहां भी यही लूट मची है।

कैसरबाग रजिस्ट्री दफ्तर के आसपासः यहां दोपहिया का बीस रुपये, चारपहिया वाहन का 40 और किसी-किसी से पचास 50 रुपये तक वसूले जा रहे। वाहन पर लगाए जा रहे टोकन पर न दरें छपी हैं और न ही ठेकेदार का नाम। हर वाहन पर एक ही तरह का टोकन लगाया जा रहा। ठेका किसका है यह भी नीले रंग टोकन पर अंकित नहीं। यहां काम कर रहे कर्मचारी नफीस से मनमानी वसूली के बारे में पूछा गया तो उसने इतना ही कहा-ठेकेदार का आदेश है। ऐसे में ठेकेदार की मनमानी को संपत्ति की रजिस्ट्री कराने आए लोगों को झेलना पड़ता है।

चिडिय़ाघर में 47 रुपये शुल्कः चिड़ियाघर परिसर में भी पार्किंग शुल्क भी दो गुना है। यहां कार का 47 रुपये और दो पहिया वाहन का 24 रुपये वसूला जा रहा है। एक तो चिड़ियाघर में प्रवेश टिकट महंगा है तो पार्किंग शुल्क के नाम पर भी लूटा जा रहा है। परिवार के साथ घूमने आए विनय सिंह ने बताया कि यहां शहर की सबसे महंगी पार्किंग है। अन्य स्थानों पर 20 रुपये कार के लिए जाते हैं।

दोगुना पाॄकग वसूल रहे ठेकेदारः फन मॉल के बाहर नगर निगम के ठेकेदार लोगों से पार्किंग का शुल्क दोगुना वसूल रहे हैं। नगर निगम की ओर से बाइक के लिए 10 और कार के लिए 20 रुपये पार्किंग शुल्क निर्धारित है। बावजूद इसके ठेकेदार मनमानी कर रहे हैं। फन के बाहर बाइक पार्क करने वालों से 20 और कार वालों 40 रुपये शुल्क वसूला जा रहा है। गाड़ी पार्क कराने वाले कर्मचारी ने बताया कि पार्किंग का ठेका उदय सिंह के नाम से है, जिसे महेंद्र संचालित करता है।

जनेश्वर मिश्र पार्क में प्रति छह घंटे में दोगुना पार्किंग: लखनऊ विकास प्राधिकरण (लविप्रा) की जनेश्वर मिश्र पार्किंग में ताजी हवा खाने वाले लोगों को 15 रुपये पार्किंग और दस रुपये का टोकन लेना पड़ रहा है। शहर की अधिकांश पार्किंग में दो पहिया का पार्किंग शुल्क दस रुपये और चार पहिया वाहन का बीस रुपये है। छह घंटे के उपरांत प्रति छह घंटे में पाॄकग शुल्क दोगुना हो जाएगा। गेट नंबर एक से आने वाले पर्यटकों के लिए पाॄकग की सुविधा है, लेकिन अन्य गेट पर पाॄकग की कोई व्यवस्था नहीं है। जनेश्वर मिश्र पार्क परिवार के साथ घूमने आए रवि मिश्रा कहते हैं कि पार्किंग शुल्क पांच रुपये दो पहिया व दस रुपये चार पहिया का रखना चाहिए। वहीं पार्क में प्रवेश शुल्क भी पांच रुपये रखना चाहिए। पार्क को कमाई का स्रोत नहीं बनाना चाहिए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.