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वैज्ञानिक साक्ष्य जुटाने का यूपी में होगा आनलाइन प्रशिक्षण, एसपी क्राइम के साथ एसओ और विवेचक होंगे शामिल

किसी भी संगीन वारदात के बाद पुलिस के सामने सबसे बड़ी चुनौती उसके वैज्ञानिक साक्ष्यों के संकलन की होती है। गोरखपुर में मनीष हत्याकांड व लखीमपुर हिंसा के मामलों में इन दिनों पुलिस अधिकारी इसी चुनौती से दो-चार भी हो रहे हैं।

By Vikas MishraEdited By: Published: Fri, 15 Oct 2021 11:53 AM (IST)Updated: Fri, 15 Oct 2021 11:53 AM (IST)
वैज्ञानिक साक्ष्य जुटाने का यूपी में होगा आनलाइन प्रशिक्षण, एसपी क्राइम के साथ एसओ और विवेचक होंगे शामिल
निदेशालय ने इसके लिए आनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम तैयार किया है, जिसकी शुरुआत 16 अक्टूबर से होगी।

लखनऊ, राज्य ब्यूरो। किसी भी संगीन वारदात के बाद पुलिस के सामने सबसे बड़ी चुनौती उसके वैज्ञानिक साक्ष्यों के संकलन की होती है। गोरखपुर में मनीष हत्याकांड व लखीमपुर हिंसा के मामलों में इन दिनों पुलिस अधिकारी इसी चुनौती से दो-चार भी हो रहे हैं। ऐसे में विवेचना की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए डीजीपी मुकुल गोयल ने नई पहल की है। हर जिले के एसपी क्राइम से लेकर एसओ व अन्य पुलिसकर्मियों को वैज्ञानिक साक्ष्यों के संकलन व उनके आधार पर विवेचना के गुर सिखाए जाएंगे। प्रशिक्षण निदेशालय ने इसके लिए आनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम तैयार किया है, जिसकी शुरुआत 16 अक्टूबर से होगी। 

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सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के क्रम में आनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम में संगीन अपराधों में आइपीसी की अलग-अलग धाराओं को शामिल किया जाएगा। पहले चरण में पुलिसकर्मियों को हत्या की वारदात में वैज्ञानिक साक्ष्यों के संकलन के साथ उनके आधार पर विवेचना को आगे बढ़ाने व कोर्ट में प्रभावी पैरवी तक के तकनीकी पहलुओं की जानकारी दी जाएगी। डिजिटल साक्ष्य जुटाने व उसमें बरती जानी वाली सावधानियों को लेकर एडीजी साइबर क्राइम रामकुमार विस्तार से जानकारी देंगे, जबकि विधि विज्ञान प्रयोगशाला के विशेषज्ञ व अभियोजन विभाग के अधिकारी विवेचकों को वैज्ञानिक साक्ष्यों के संकलन की जानकारी देंगे।

हत्या की घटना के बाद किन-किन बिंदुओं पर वैज्ञानिक साक्ष्य जुटाए जाएं और उनके अनुरूप विवेचना को किन बिंदुओं पर आगे बढ़ाया जाए, ताकि दोष सिद्धि की दर बढ़े। प्रशिक्षण कार्यक्रम में एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार सबसे पहले सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों व अपेक्षाओं के बारे में जानकारी देंगे। इसके अलावा एडीजी क्राइम, एडीजी तकनीकी सेवाएं भी प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करेंगे। प्रशिक्षण कार्यक्रम से हर जिले के एसपी क्राइम, शहर व देहात के दो-दो थानाध्यक्ष तथा 10-10 विवेचनाधिकारी शामिल होंगे।


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