Nepal PM KP Sharma Oli: नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के बयान पर भड़के UP के संत-महात्मा
Nepal PM KP Sharma Oli नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने दावा किया कि भगवान श्रीराम की जन्मस्थली नेपाल है। इस बयान के बाद संत व महात्माओं ने उनको आड़े हाथ लिया है।
लखनऊ, जेएनएन। भारत तथा नेपाल के बीच तल्ख हो रहे रिश्तों में नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली दिन पर दिन नया विवाद पैदा पर इसमें और कड़वाहट घोल रहे हैं। नेपाल में भारत के सभी न्यूज चैनल्स को बैन करने के बाद अब नेपाल के प्रधानमंत्री ने भगवान राम के जन्मस्थान को लेकर विवादित बयान दिया है। उनके इस बयान के बाद उत्तर प्रदेश में संत व महात्माओं के तेवर काफी तीखे हैं।
नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने दावा किया है कि भगवान श्रीराम की जन्मस्थली नेपाल है। सोमवार को उन्होंने अपने घर पर आयोजित एक कार्यक्रम में यह बयान दिया था। नेपाल के पीएम के इस बयान के बाद उत्तर प्रदेश के संत व महात्माओं ने उनको आड़े हाथ लिया है। सभी का मानना है कि नेपाल के पीएम अब तो चीन के हाथ की कठपुतली बन गए हैं और चीन के दबाव में लगातार काम करने के साथ इस तरह का विवादित बयान भी दे रहे हैं।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के अयोध्या को लेकर बयान पर आपत्ति जताई है। देश में साधु-संतों की सबसे बड़ी संस्था अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि इस बेतुके बयान के लिए नेपाली प्रधानमंत्री ओली को माफी मांगना चाहिए। असली अयोध्या भारत में ही है। नेपाल इस समय चीन के हाथों खेल रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चाहिए कि इस तरह भ्रामक बयान देने वाले नेपाली पीएम ओली को माफी मांगने के लिए कहें।
नेपाल के प्रधानमंत्री के इस बयान के बाद अयोध्या में भी संतों के तेवर काफी तीखे हैं। श्रीराम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सतेंद्र दास ने नेपाली पीएम ओली को मूर्ख कहा है। उन्होंने कहा कि नेपाल का भारत के अयोध्या से त्रेता युग से संबंध रहा। शास्त्रों में अयोध्या प्रमाणित है। नेपाल के पीएम को ज्ञान ही नही है। नेपाल के पीएम के रूप में अज्ञानी बैठा है। यह तो शास्त्रों में प्रमाणित है कि उत्तर दिशा में बहने वाली पावन सरयू किनारे अयोध्या का वास है। अयोध्या से नेपाल बारात गई थी। सीता का विवाह शास्त्रों में वर्णित है। अज्ञानी पीएम ओली को जनकपुर व अयोध्या का कोई ज्ञान नहीं है। मां सीता व राम का प्राकृतिक संबंध है। उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी अब नेपाल के पीएम के इस बयान का व्यापक विरोध करने के साथ ही नेपाल से सारे संबंध खत्म करें। संत समाज में नेपाल के पीएम के इस बयान से काफी नाराजगी है।
हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने कहा कि नेपाल सदैव सनातन धर्म को मानने वाला हिंदू राष्ट्र रहा है, लेकिन नेपाल जबसे वामपंथियों के कुचक्र में आया है उसकी बुद्धि भ्रष्ट हो गई है। नेपाल के भगवान राम पर दावे को लेकर उन्होंने कहा कि सभी ग्रंथों में इसका वर्णन है। उपनिषद, महाभारत, रामायण और शास्त्रों में भी लिखा है कि अयोध्या ही भगवान राम की जन्मभूमि है। हनुमानगढ़ी के महंत ने नेपाल के प्रधानमंत्री से माफी मांगने के लिए कहा है। इसके साथ ही भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है कि नेपाल के प्रधानमंत्री ओली से कहें कि वह माफी मांगे। इसका साधु-संतों और हिंदू जनमानस में बुरा प्रभाव पड़ रहा है। यह हमारे आराध्य का अपमान है. नेपाल वैसे ही गर्त में जा रहा है और मुझे लगता है कि नेपाल के प्रधानमंत्री को इस्तीफा देना पड़ेगा।
शास्त्रों में इस बात का वर्णन है कि अयोध्या के उत्तर दिशा में सरयू बहती हैं। पूरे विश्व में राजा हुआ करते थे और उस पूरे विश्व पर शासन करने वाले चक्रवर्ती सम्राट भारत अयोध्या से ही राज करते थे। महाराज मनु, महाराज दशरथ या फिर मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम चक्रवर्ती सम्राट हुए हैं।
अयोध्या मे तपस्वी छावनी के महंत जगतगुरु स्वामी परमहंस दास ने नेपाल के पीएम के बयान की घोर निंदा की है। उन्होंने कहा कि नेपाल में तपस्वी छावनी के लाखों लोग शिष्य हैं। अब तो पीएम ओली को जनता एक माह में कुर्सी से बाहर कर देगी। नेपाल में तपस्वी छावनी के शिष्य सड़कों पर उतर कर पीएम ओली का विरोध करेंगे। उन्होंने कहा कि नेपाल तो भारत की रोटी पर पलता है।
अयोध्या में रामादल के ट्रस्ट अध्यक्ष पंडित कलकिराम ने तो अलग ही दावा किया है। उन्होंने कहा कि केपी शर्मा ओली तो खुद नेपाली नागरिक नहीं है। भारत और नेपाल का युगों पुराना सांस्कृतिक संबंध है। अब ओली जैसे लोग भारत व नेपाल के संबंध समाप्त करने की जो साजिश रच रहे हैं, वह सफल नहीं होगी। नेपाल की तो 60 प्रतिशत जनता भारत पर निर्भर है। पीएम केपी शर्मा ओली बेहद दुष्ट इंसान है। उन्होंने कहा कि अयोध्या के भगवान श्रीराम पूरी दुनिया के हैं।
राम दल ट्रस्ट के अध्यक्ष कल्कि राम दास महाराज ने कहा कि ओली नेपाल और पाकिस्तान की ओर से काम कर रहे थे। नेपाल तो एक हिंदू राष्ट्र है, लेकिन आजकल चीन और पाकिस्तान के इशारे पर काम कर रहा है।
महंत परमहंस आचार्य ने कहा कि ओली नेपाली नहीं है, उसे अपने देश के इतिहास के बारे में पता नहीं है। वह नेपाल के साथ विश्वासघात कर रहा है। चीन ने दो दर्जन से अधिक नेपाली गांवों पर कब्जा कर लिया था और यह जानने के लिए कि वह भगवान राम के नाम का उपयोग कर रहा है। पंडित कलकिराम ने कहा कि नेपाल के पीएम ओली बताएं कि नेपाल के कितने गांव पर चीन का कब्जा है। नेपाल की जनता पीएम ओली के बेहद खिलाफ है। अब जनता को सड़कों पर उतरना ही होगा। अब वह दिन दूर नही की नेपाली लोगों के हाथ में कटोरा होगा।
राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य महंत दीनेंद्र नाथ ने कहा कि भगवान श्रीराम का जन्म अयोध्या में सरयू नदी के पास हुआ था। यह एक प्रचलित मान्यता है कि वह अयोध्या के हैं। यह सच है कि सीता जी (भगवान राम की पत्नी) नेपाल से थीं, लेकिन नेपाल का यह दावा कि भगवान श्रीराम नेपाल के थे, गलत है। मैं ओली के बयान की निंदा करता हूं।
गौरतलब है कि नेपाल के प्रधान मंत्री ने सोमवार को काठमांडू में प्रधान मंत्री के निवास पर आयोजित एक कार्यक्रम में दावा किया कि भगवान राम एक भारतीय नहीं थे। नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने भारतीय सीमा में अतिक्रमण के दुस्साहस के बाद अब भारतीय आस्था को चुनौती दी है। ओली ने विवादित और बेतुका दावा किया कि असली अयोध्या नेपाल में है और भगवान राम नेपाली थे। उन्होंने कहा कि भारत ने एक नकली अयोध्या का निर्माण किया है। भारत तो सांस्कृतिक अतिक्रमण का दोषी है।
ओली ने सोमवार को काठमांडू में अपने आवास पर एक कार्यक्रम में कहा कि असली अयोध्या नेपाल के बीरभूमि जिले के पश्चिम में स्थित थोरी शहर में है। भारत ने 'नकली अयोध्या' खड़ा कर नेपाल के सांस्कृतिक तथ्यों का अतिक्रमण किया है। भारत दावा करता है कि भगवान राम का जन्म वहां हुआ था और उसके इसी दावे के कारण हम मानने लगे कि देवी सीता का विवाह भारत के राजकुमार राम से हुआ था। पीएम पहले ही कह चुके है कि भारत उनको सत्ता से हटाने की साजिश कर रहा है। उन्होंने आरोप लगाया था कि नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के नेता भारत के इशारे पर उनकी सरकार को गिराने की साजिश कर रहे हैं। उनकी सरकार को गिराने के लिए भारतीय दूतावास और होटलों में षड्यंत्र रचा जा रहा है।