बुजुर्ग ने दी जान तो कहीं मा-बेटा और बेटी ने खाया जहर, ये थी वजह
एक दिन में दो परिवारों की खुशियां लगी दांव पर। बुजुर्ग ने जहरीला पदार्थ खाकर किया सुसाइड। घरेलू विवाद से आहत होकर पत्नी ने बेटा व बेटी समेत खाया जहर।
लखनऊ[जागरण संवाददाता]। राजधानी में रविवार को दो परिवारों की खुशियां दांव पर लग गई। एक दिन में दो अलग-अलग स्थानों पर जहरीला पदार्थ खाकर जान देने का मामला सामने आया। पहली घटना चिनहट में एक बुजुर्ग ने बीमारी से तंग आकर जहरीला पदार्थ खाकर सुसाइड कर लिया। वहीं, घटना तालकटोरा के राजाजीपुरम में हुइै। पति के साथ हुए विवाद से आहत होकर पत्नी ने बेटा व बेटी समेत जहर खा लिया। मामला चिनहट के देवा रोड स्थित कान्तीपुरम कालोनी का है। यहां के निवासी शत्रुघन सिंह (68) काफी दिनों से सास की बीमारी से पीड़ित थे। बेटे श्याम सिंह ने बताया कि वह काफी दिनों से उनका इलाज चल रहा था। जिससे वह अवसादग्रस्त हो गए थे। रविवार को अपनी बीमारी से तंग आकर उन्होंने जहरीला पदार्थ खा लिया। परिजनों ने उन्हें राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया, जहा इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। क्या कहना है पुलिस का?
पुलिस ने बताया कि मौत के बाद परिजन पोस्टमार्टम कराने से मना कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराकर शव को अंतिम संस्कार के लिए घरवालों को सौंप दिया। दूसरी घटना: पत्नी ने बच्चों समेत खाया जहर
मामला तालकटोरा के राजाजीपुरम सेक्टर 12 स्थित रुकुन्दीपुर गाव का है। यहां का निवासी शिक्षक रामबचन भतीजा धर्मेन्द्र उर्फ मिंटू बर्तन बेचने की फेरी का काम करता है। रविवार सुबह धर्मेन्द्र व उसकी पत्नी रानी द्विवेदी के बीच सुबह किसी बात को लेकर विवाद हो गया था और धर्मेन्द्र कहीं चला गया था। विवाद को लेकर रीना द्धिवेदी (35) व उसका बेटा ओमी (10) और बेटी दीक्षा (9) ने जहरीला पदार्थ खा लिया। जहरीला पदार्थ खाने के बाद तीनों लोग बेहोश हो गए। स्थानीय लोगों ने घटना की जानकारी परिजनों व मायके पक्ष को दी। मौके पर पहुंचे परिजनों ने तीनों को उठाकर खिन्नी चौराहा स्थित सदभावना अस्पताल ले गए। जहा डाक्टरों ने तीनों गंभीर हालत देख ट्रामासेंटर रेफर कर दिया। जहा उनकी हालत नाजुक बनी हुई है। वहीं धर्मेन्द्र की चाची सुनीता ने बताया कि धर्मेन्द्र शराब पीने का आदी है, जिस पर सुबह पत्नी रानी व धर्मेन्द्र के बीव कहासुनी हुई थी। क्या कहना है पुलिस का?
पुलिस के मुताबिक, धर्मेन्द्र के पिता रामस्वरूप व चाचा रामबचन दो भाई हैं। रामबचन के कोई बच्चा नहीं था। जिस पर रामबचन ने दो साल की उम्र से ही रामस्वरूप के बेटे धर्मेन्द्र को गोद ले लिया था। उसके बाद से हर जगह पर पिता का नाम रामबचन ही चल रहा है। साथ ही बताया कि काफी समय बाद रामबचन को भी एक बेटा हुआ। जिसका नाम गोपाल है। गोपाल की शादी के बाद से परिवारिक विवाद चल रहा है। रविवार सुबह धर्मेन्द्र और उसकी पत्नी रानी के बीच कहासुनी हुई थी। जिस पर रानी व बेटा ओमी और बेटी दीक्षा ने जहरीला पदार्थ खा लिया था। इलाज के बाद तीनो की स्थिति खतरे से बाहर बतायी जा रही है।