वृद्धावस्था पेंशन को लेकर योगी सरकार का बड़ा फैसला, कैबिनेट के फैसले से 70 लाख से ज्यादा बुजुर्गों को मिलेगा फायदा
यूपी के बुजुर्गों को अब पेंशन पाने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने की परेशानी नहीं झेलनी पड़ेगी। अब फैमिली आइडी पर उपलब्ध विवरण से समाज कल्याण विभाग खुद ही पात्र बुजुर्गों की पहचान करेगा और जिस माह वे 60 वर्ष की आयु पूर्ण करेंगे, उसी माह से उनकी वृद्धावस्था पेंशन स्वत: शुरू हो जाएगा। इसके लिए योगी कैबिनेट ने शुक्रंवार को फैमिली आइडी ‘एक परिवार एक पहचान’ प्रणाली के तहत राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना में पात्र वृद्धजनों का स्वतः चिह्नीकरण करने की व्यवस्था लागू करने के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश के बुजुर्गों को अब पेंशन पाने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने की परेशानी नहीं झेलनी पड़ेगी। अब फैमिली आइडी पर उपलब्ध विवरण से समाज कल्याण विभाग खुद ही पात्र बुजुर्गों की पहचान करेगा और जिस माह वे 60 वर्ष की आयु पूर्ण करेंगे, उसी माह से उनकी वृद्धावस्था पेंशन स्वत: शुरू हो जाएगा। इसके लिए योगी कैबिनेट ने शुक्रंवार को फैमिली आइडी ‘एक परिवार एक पहचान’ प्रणाली के तहत राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना में पात्र वृद्धजनों का स्वतः चिह्नीकरण करने की व्यवस्था लागू करने के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है। इससे राज्य के सवा आठ लाख सो अधिक बुजुर्गों को लाभ मिलेगा और सरकार योजना पर 990 करोड़ रुपये का अतिरिक्त व्यय वहन करेगी।
कैबिनेट की बैठक के बाद पत्रकार वार्ता में समाज कल्याण राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार असीम अरुण ने बताया कि प्रदेश में राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना के तहत 67.50 लाख वरिष्ठ नागरिक वर्तमान में लाभ ले रहे हैं, परंतु बहुत से पात्र बुजुर्ग आवेदन प्रक्रिया पूरी न कर पाने के कारण इससे वंचित हैं। इस समस्या को हल करने के लिए ही प्रदेश सरकार द्वारा बनाई गई फैमिली आइडी प्रणाली का प्रयोग किया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के रिफॉर्म, परफार्म एंड ट्रांसफोर्म के सिद्धांत पर चलते हुए यह निर्णय लिया गया है। सरकार का उद्देश्य इसके माध्यम से प्रदेश के हर एक पात्र वृद्ध को पेंशन योजना का लाभ देने का है। फैमिली आईडी से पात्र नागरिकों का चिन्हीकरण समाज कल्याण विभाग के पेंशन पोर्टल पर एपीआइ द्वारा ''पुश'' किया जाएगा। ये वो नागरिक होंगे, जिनकी आयु अगले 90 दिन में 60 वर्ष की होने जा रही होगी, जिससे समय से पेंशन स्वीकृत हो सके। योजना का लाभ देने के लिए पात्र वृद्धजन से सहमति लेने में समाज कल्याण विभाग पहले डिजिटल माध्यम (एसएमएस, वाट्सएप, फोन काल आदि) से उनसे संपर्क करेगा।
स्वचालित चिन्हीकरण में पात्र नागरिक स्वयं या किसी के सहयोग से पेंशन पोर्टल पर जा कर अपनी सहमति एवं बायोमेट्रिक देंगे। यह कार्य ग्राम पंचायत सहायक या कामन सर्विस सेंटर से भी कराया जा सकेगा। कामन सर्विस सेंटर की डोर टू डोर सर्विस डिलीवरी की व्यवस्था भी उपलब्ध होगी। ऐसे आवेदन जिन पर पात्र नागरिक की सहमति डिजिटल माध्यम से प्राप्त नहीं होगी, उनसे विभागीय कर्मियों के माध्यम से भौतिक रुप से संपर्क कर सहमति प्राप्त की जाएगी। यदि भौतिक माध्यम से भी किसी वृद्धजन से सहमति प्राप्त नहीं होती, उन आवेदनों को प्रक्रिया से हटा दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि स्वीकृति एवं भुगतान प्रकिया में स्वचालित चिह्नीकरण, आवेदन एवं सहमति लेने के बाद योजना अधिकारी द्वारा पात्रता की पुष्टि के अनुरूप 15 दिवस के अंदर डिजिटल सिग्नेचर से स्वीकृति की कार्यवाही की जाएगी और स्वीकृति पत्र लाभार्थी को डाक द्वारा भेजा जाएगा। भुगतान वृद्धजनों के आधार से जुड़े बैंक खाते में किया जाएगा और उन्हें एसएमएस द्वारा प्रत्येक भुगतान की सूचना दी जाएगी। लाभार्थी के लिए एक एप होगी, जिसमें पासबुक की तरह भुगतान का विवरण होगा।
डेटा विश्लेषण से संदेह सूची में आने, जैसे कि इनकम टैक्स पेई होना आदि कारणों से पेंशन को अस्थाई रूप से रोका जा सकता है और संदेह दूर होने पर पुनः शुरु किया जा सकता है। लाभार्थी का वार्षिक जैवता प्रमाण न प्राप्त होने, निर्धारित सीमा से अधिक का आय प्रमाण पत्र जारी होने, लाभार्थी की मृत्यु होने की दशा में, लाभार्थी द्वारा स्वयं पेशन का लाभ न लेने की संस्तुति देने और अपात्र होने के अन्य कारणों के आधार पर पेंशन बंद की जाएगी। विभाग जैवता प्रमाण पत्र के लिए मोबाइल एप की सुविधा भी देने जा रहा है। वहीं गड़बड़ी राेकने के लिए विभाग डाटा विश्लेषण, गुणवत्ता नियंत्रण, शिकायतों को गंभीरता से लेने जैसे काम करेगा।

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