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नवयुग कन्या महाविद्यालय में शुरू हुई ऑफलाइन क्‍लासेज, छात्राओं के साथ-साथ शिक्षिकाओं का भी बना समूह

लखनऊ के नवयुग कन्या महाविद्यालय की ओर से ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों ही तरीकों से पढ़ाई हो रही। समय सारिणी भी तैयार की गई है। वहीं छात्राओं के साथ-साथ शिक्षिकाओं को भी समूह में बांटा गया है। प्रैक्टिकल पर विशेष जोर दिया जा रहा।

By Rafiya NazEdited By: Published: Sat, 28 Nov 2020 03:33 PM (IST)Updated: Sat, 28 Nov 2020 03:33 PM (IST)
नवयुग कन्या महाविद्यालय लखनऊ के परिसर में कक्षाओं के संचालन के लिए की गई है विशेष तैयारी ।

लखनऊ, जेएनएन। कोरोना काल में अब तक चलीं ऑनलाइन क्लासेज के बाद अब परिसर में कक्षाएं संचालित हो रहीं। इसके लिए कॉलेजों की ओर से विशेष तैयारी भी गई है। छात्राओं की पढ़ाई बाधित न हो इसके लिए नवयुग कन्या महाविद्यालय की ओर से ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों ही तरीकों से पढ़ाई हो रही। समय सारिणी भी तैयार की गई है। वहीं, छात्राओं के साथ-साथ शिक्षिकाओं को भी समूह में बांटा गया है। प्रैक्टिकल पर विशेष जोर दिया जा रहा। ऑफलाइन क्लासेज के सुगमता से संचालन और छात्राओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए परिसर में विषयवार टाइम टेबिल, कक्षा संख्या और रोल नंबर का चार्ट बनाकर चस्पा किया गया है, जिसके हिसाब से ही पढ़ाई हो रही।

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बीए प्रथम सेमेस्टर की छात्राओं की ऑनलाइन क्लासेज ही चल रहीं। वहीं, बीएससी में रोल नंबर के हिसाब से छोटे-छोटे बैच बनाकर कक्षाएं संचालित की जा रहीं। प्रैक्टिकल के लिए भी इसी नियम का पालन किया जा रहा। बीएड के लिए भी ऑनलाइन और ऑफलाइन कक्षाएं चल रहीं। कॉमर्स डिपार्टमेंट में ऑफलाइन क्लास में सोमवार और मंगलवार को सेमेस्टर-5, बुधवार और गुरुवार को सेमेस्टर-3 और शनिवार को सेमेस्टर वन की कक्षाएं चल रही हैं। जिस विभाग में एक विषय के दो-दो शिक्षक हैं, वहां एक शिक्षिका ऑफलाइन और दूसरी ऑनलाइन क्लासेज ले रहीं। पचास प्रतिशत ऑनलाइन और पचास प्रतिशत ऑफलाइन के हिसाब से पढ़ाई कराई जा रही।

नवयुग कन्या महाविद्यालय की प्रिंसिपल सृष्टि श्रीवास्तव ने बताया कि कॉलेज में करीब तीन हजार छात्राएं पंजीकृत हैं। उसमें से लगभग 200 छात्राएं ही आ रहीं। अभिभावकों के अनुमति पत्र भी बहुत ज्यादा नहीं मिले हैं। ऑफलाइन की बजाए ऑनलाइन कक्षाओं में छात्राओं की उपस्थिति अच्छी है। प्रजेंटेशन भी ऑनलाइन हो रहे। प्रैक्टिकल वाले बच्चों को बुलाना जरूरी है। सेमेस्टर तीन और पांच में प्रैक्टिकल ज्यादा हैं, तो उन्हें बुलाना आवश्यक है। फस्र्ट ईयर को ऑनलाइन रखा गया है। हम थ्योरी पर भी ध्यान दे रहे, पर हम चाहते हैं छात्राएं ज्यादा से ज्यादा प्रैक्टिकल कर लें, क्योंकि ऑनलाइन पढ़ाई में प्रैक्टिकल संभव नहीं हो पाता।


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