केजीएमयू पेपर लीक : कांड को दबा गए अफसर, वरिष्ठ शिक्षकों ने वाट्सएप पर आउट किया था पेपर Lucknow News
केजीएमयू लखनऊ में जुलाई में वरिष्ठ शिक्षकों ने वाट्सएप पर किया था। पीएम सीएम राजभवन तक पहुंची शिकायतें जांच ठप।
लखनऊ, जेएनएन। लविवि में पेपर लीक कांड में दो प्रोफेसर तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिए गए। वहीं केजीएमयू में वाट्सएप पर पेपर लीक करने वाले प्रोफेसरों को छूट मिली हुई है। पीएम-सीएम, राज्यपाल से शिकायत के बावजूद कार्रवाई नहीं हुई। वहीं महीनों बीतने पर भी अफसर जांच पर कुंडली मारे बैठे हैं।
केजीएमयू के कलाम सेंटर में 21 जुलाई को सीनियर रेजीडेंट भर्ती की परीक्षा हुई थी। दंत संकाय के नौ विभागों में कुल 30 जूनियर डॉक्टरों की भर्ती होनी थी। वहीं पहली बार लिखित परीक्षा के जरिए शुरू हुई भर्ती प्रक्रिया धांधली की भेंट चढ़ गई। इसमें ओरल पैथोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी विभाग का पेपर लीक हो गया। इसके विभाग के डॉक्टर ने खुद मामले का पर्दाफाश किया था। साथ ही दंत संकाय के ही वरिष्ठ शिक्षक पर पेपर लीक का आरोप लगाकर सबूत समेत पीएम, सीएम, राज्यपाल, कुलपति से शिकायत की। मीडिया में मामला उजागर होने के बाद कुलपति प्रो. एमएलबी भट्ट ने परीक्षा निरस्त कर दी। वहीं कमेटी बनाकर प्रकरण की जांच के आदेश दिए। उधर, शासन ने मंडलायुक्त को जांच के आदेश दिए। करीब छह माह हो रहा है। अफसर जांच पर कुंडली मारकर बैठे हैं। वहीं दोषियों पर कार्रवाई अभी तक नहीं हुई है। ऐसे में लविवि में पेपर लीक कांड के बाद केजीएमयू के पेपर लीक प्रकरण में कार्रवाई न होने पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
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केजीएमयू पेपर लीक : डॉक्टरों की भर्ती परीक्षा निरस्त Lucknow News
इन्हें सौंपी गई थी जांच
पेपर लीक कांड की जांच के लिए केजीएमयू ने कमेटी का गठन किया था। इसमें डीन स्टूडेंट वेलफेयर, सीएमएस, आइटी सेल प्रभारी व अतिरिक्त परीक्षा नियंत्रक को शामिल किया गया। कमेटी को सात दिन में रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया था।
केजीएमयू मीडिया प्रभारी डॉ. सुधीर सिंह ने बताया कि पेपर लीक प्रकरण की इंटरनल जांच हुई थी। यह रिपोर्ट कुलसचिव को सौंप दी गई। वहीं शासन ने मंडलायुक्त को जांच के निर्देश दिए हैं। इसलिए अब कार्रवाई मंडलायुक्त की रिपोर्ट पर होनी है।