ईडी के शिकंजे में फंसेंगे कई और
लखनऊ। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) घोटाले से अकूत संपत्ति हासिल करने वाले पूर्व म
लखनऊ। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) घोटाले से अकूत संपत्ति हासिल करने वाले पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा और उनके सबसे बड़े सहयोगी पूर्व विधायक रामप्रसाद जायसवाल की संपत्ति सीज करने के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की नजर अब कई और दिग्गजों पर लगी है। स्वास्थ्य विभाग के पूर्व प्रमुख सचिव, वाराणसी के एक पूर्व विधायक, लैकफेड के पूर्व सभापति और राजधानी के कई बिल्डर्स अब ईडी के निशाने पर हैं। इनके अलावा ईडी बांदा में बाबू सिंह कुशवाहा की कुछ जमीनों की भी छानबीन कर रहा है।
बाबू सिंह कुशवाहा की जमीन, संपत्ति और कंपनियों की करीब दो अरब से ज्यादा संपत्ति जब्त करने के बाद ईडी उनके सहयोगियों पर शिकंजा कसने में जुट गयी है। कुशवाहा के बाद गया प्रसाद और राम प्रसाद जायसवाल निशाना बने। अब वाराणसी के एक पूर्व विधायक की भी छानबीन शुरू हो गयी है। उधर, वरिष्ठ आइएएस अधिकारी प्रदीप शुक्ला, लैकफेड के पूर्व सभापति सुशील कटियार, राजधानी के होटल कारोबारी और कई बिल्डर्स भी ईडी के निशाने पर हैं। ईडी को अंदेशा है कि इन सभी लोगों ने बाबू सिंह कुशवाहा का काला धन खपाने में सक्रियता दिखाई है। ईडी अभी कानपुर, रीवां, देवरिया, गोरखपुर, वाराणसी, नोएडा, दिल्ली, कोलकाता और देहरादून व हरिद्वार में सम्पत्तियों का पता लगाने में जुटी है।
नौकरियां देकर कुशवाहा ने ली थी जमीनें
बसपा सरकार में कई विभागों के मंत्री रहे बाबू सिंह कुशवाहा ने अपने गृह जिले में कई लोगों को नौकरियां दी और बदले में जमीनें ली हैं। सूत्रों के मुताबिक इस शिकायत के आधार ईडी ऐसी जमीनों की भी खोज कर रही है। बाबू सिंह के पिता के नाम 60 बीघे जमीन थी और इस समय परिवारीजन के पास हजारों बीघे जमीन हो गयी है। बताते हैं कि अतर्रा, बिसंडा, परास, पखरौली, सतन्यांव, पारा आदि गांवों में उनकी खेती फैली है। ईडी अब इन जमीनों की भी पड़ताल करेगा।