अब ग्लोबल वार्मिंग को कम करेगी सफेद सड़कें, जानिए कैसे Lucknow news
इंडियन कंक्रीट एसोसिएशन और एक निजी सीमेंट कंपनी बनाएगी भारत में सफेद सड़क बचाएगी ग्लोबल वार्मिंग से।
लखनऊ (पुलक त्रिपाठी)। ग्लोबल वार्मिंग को लेकर बढ़ रही चिंता के साथ ही अब उससे निपटने के भी प्रयास शुरू हो चुके हैं। उन कारकों पर फोकस किया जा रहा है जो तापमान बढ़ाने में सहायक हैं। इनमें से ही एक है तारकोल की काली सड़कें। यह तारकोल वातावरण को गर्म करने के साथ ही धरती का भी तापमान बढ़ाता है, क्योंकि काला रंग ज्यादा गर्मी को अवशोषित करता है। इससे निपटने के लिए सफेद (व्हाइट टॉप) सड़कें बनाई जाएंगी।
यूपी में भी कर्नाटक की नाइस रोड की तर्ज पर सफेद लेयर की सड़क तैयार होगी। माना जा रहा है कि इससे धरती और वातावरण को गर्म होने से बचाने में थोड़ी मदद मिलेगी। इंडियन कंक्रीट एसोसिएशन और एक निजी सीमेंट कंपनी द्वारा इस दिशा में काम शुरू हो गया है। शुरुआत शहरी क्षेत्र की सड़कों से होगी और पहल गोरखपुर से होगी।
कम लागत का भी मिलेगा लाभ
माना जा रहा है कि तारकोल से बनी सड़कों की तुलना में कंक्रीट से निर्मित सड़क पर कम खर्च आ रहा है। इसके अलावा सबसे बड़ी राहत ग्लोबल वार्मिंग के दृष्टिकोण से मिल रही हैं। इस मायने से ब्लैक टॉप सड़क के फार्मूले को पीछे छोड़ अब व्हाइट टॉप फार्मूले को अपनाया जाएगा। अमेरिकन रिसर्च और इंडियन रोड कांग्रेस (आइआरसी) कोड में भी व्हाइट टॉप सड़क को लेकर सुझाव दिए गए हैं। देश के अन्य राज्यों में व्हाइट टॉप सड़क के फार्मूले को लागू करने के लिए तैयारी कर ली गई है।
दिल्ली विश्वविद्यालय के डिपार्टमेंट ऑफ सिविल इंजीनियरिंग विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर, शशांक बिश्नोई ने बताया कि ग्लोबल वार्मिंग हम सब के लिए बड़ी चिंता का विषय है। विदेश व देश के कई अन्य राज्यों में व्हाइट टॉप बनाई जा रही हैं। इससे तापमान के गर्म होने में कुछ हद तक अंकुश लगेगा।
(आइसीआइ) लखनऊ चैप्टर के कंक्रीट एसोसिएशन के वाइस प्रेसीडेंट, एके सिंह ने बताया कि पुरानी बिटुमिनस की सड़कों पर कंक्रीट की लेयर देने की प्लानिंग है। यदि शहर की साड़ी सड़कें सफेद लेयर की होंगी तो वाजिब सी बात है कि कम हीट एब्जार्ब होगा और तापमान भी कम गर्म होगा। ग्लोबल वार्मिंग को देखते हुए विदेश में सड़कों को कलर करना शुरू कर दिया गया है।