Indian Railway: अब अंतरराष्ट्रीय मानक पर होगा ट्रेनों का ट्रायल रन Lucknow News
बुलेट ट्रेन से पहले भारतीय रेल बदलेगा आरडीएसओ स्टैंडर्ड। यूआइसी 518 मानक से अब होंगे देश में ट्रायल टेनिंग लेंगे विशेषज्ञ।
लखनऊ [निशांत यादव]। देश में बुलेट ट्रेन जैसे विश्वस्तरीय सेवा का सपना साकार करने से पहले भारतीय रेलवे की तकनीकि को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाया जाएगा। भविष्य में ट्रेनों के ट्रायल रन से लेकर अन्य सारे टेस्ट इंटरनेशनल मानक की कसौटी पर ही कसे जाएंगे। संगठन के खुद बनाए मानकों के बजाए अब यूआइसी 518 मानक स्थापित होंगे। पूरी प्रक्रिया लागू करने के लिए आरडीएसओ के विशेषज्ञों को एक सप्ताह की ट्रेनिंग लखनऊ में ही दी जाएगी।
रेलवे में किसी भी नई तकनीक को लागू करने से पहले आरडीएसओ के विभिन्न अनुभाग ही परीक्षण करते हैं। ट्रायल में क्लीयरेंस के बाद ही रेलवे बोर्ड उस नई सेवा और तकनीक का इस्तेमाल करता है। विदेशी पटरियों और रोलिंग स्टाक वाले लखनऊ सहित देश के सभी मेट्रो का ट्रायल भी आरडीएसओ की टीम करती है। गतिमान एक्सप्रेस से लेकर वंदे भारत एक्सप्रेस जैसी आधुनिक ट्रेनों का ट्रायल रन भी आरडीएसओ ने किया था।
इसलिए बदले जा रहे मानक
अब देश में बुलेट ट्रेन को चलाने की तैयारी है। पिछले दिनों देश भर के रेलवे मैकेनिकल सेवा के अधिकारियों को बुलेट ट्रेन की तकनीक से रूबरू कराने के लिए चीन भेजा गया था। वहीं, परिचालन से जुड़े अधिकारियों की टीम ने जापान में बुलेट ट्रेन की वर्कशॉप का निरीक्षण किया था। वहां से लौटने पर बाद इन टीमों ने अपनी रिपोर्ट रेलवे बोर्ड को सौंपी। उसके बाद ही भारत में रोलिंग स्टॉक और पटरियों सहित अन्य उपकरणों के ट्रायल के लिए इंटरनेशनल यूनियन ऑफ रेलवे (यूआइसी) 518 मानक अपनाने का फैसला हुआ है। आरडीएसओ एक्सपर्ट का दावा है कि यूआइसी मानक से देश में बनी ट्रेन-18 सेट सहित कई तकनीक को विदेशों में आसानी से निर्यात किया जा सकेगा।
बाराबंकी रूट पर सिग्नल फेल
लखनऊ बाराबंकी रेलखंड पर सोमवार को सिग्नल फेल होने की वजह से ट्रेनों का संचालन प्रभावित रहा। ट्रेन 15114 छपरा कचहरी लखनऊ एक्सप्रेस पांच घंटे लेट हो गई।
चार्जिग प्वाइंट खराब
लखनऊ मेल की नई एलएचबी रैक की बोगियों में लगे चार्जिग प्वाइंट खराब होने लगे हैं। यात्री अनुराग ने जब मोबाइल फोन को चार्जिग पर लगाया तो इसका प्वाइंट खराब मिला।