अब 44 होंगे सरकारी विभाग, महकमों का विलय कर बनेंगे 27 नए विभाग Lucknow News
नीति आयोग के सुझाव पर राज्य सरकार विभागों के पुनर्गठन प्रस्ताव को अंतिम रूप देने जा रही है। 17 विभागों का बनाए रखा जाएगा मूल स्वरूप में।
लखनऊ, जेएनएन। सूबे में सरकारी विभागों की संख्या घटकर 44 होने वाली है। नीति आयोग के सुझाव पर राज्य सरकार विभागों के पुनर्गठन प्रस्ताव को अंतिम रूप देने जा रही है। पुनर्गठन के प्रस्ताव के तहत 17 विभागों का मूल स्वरूप जहां बरकरार रखा जाएगा वहीं अन्य विभागों का विलय कर 27 नए विभाग बनाए जाएंगे। शासन स्तर पर आयुक्त के तीन वर्तमान पदों के अलावा तीन नए पद भी सृजित करने की तैयारी है।
दरअसल, नीति आयोग के सुझाव पर योगी सरकार ने विभागों के पुनर्गठन के लिए जनवरी 2018 में तत्कालीन अपर मुख्य सचिव माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा संजय अग्रवाल की अध्यक्षता में छह सदस्यीय समिति गठित की थी। समिति ने सचिवालय स्तर पर राज्य सरकार के विभागों की संख्या को 95 से घटाकर 57 करने की सिफारिश की थी। उसने जहां 31 विभागों का स्वरूप यथावत बनाये रखने का सुझाव दिया था, वहीं महकमों के प्रस्तावित विलय के बाद 24 नए विभाग सृजित करने की संस्तुति की थी। साथ ही, दो विभागों के क्षेत्राधिकार को कम करने की सिफारिश की थी। समिति ने शासन स्तर पर आयुक्त के तीन मौजूदा पदों के अलावा तीन नए पद का गठन प्रस्तावित किया था।
सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री के निर्देश पर नियोजन विभाग ने विभागों के पुनर्गठन का अंतिम तौर पर प्रस्ताव तैयार कर लिया है जिसमें विभागों की संख्या 44 ही रखी गई है। शासन स्तर पर छह आयुक्तों की व्यवस्था भी प्रस्तावित हैै। सचिवालय प्रशासन की ओर से विभागों के पुनर्गठन संबंधी प्रस्ताव का परीक्षण कर जल्द ही कैबिनेट की मुहर लगवाने की तैयारी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में होने वाली कैबिनेट की हरी झंडी मिलते ही विभागों की नई व्यवस्था लागू हो जाएगी।
यथावत रहने वाले विभाग
मुख्यमंत्री कार्यालय, आवास एवं शहरी नियोजन, चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास, सहकारिता
लोक निर्माण, परिवहन, सूचना, कारागार प्रशासन एवं सुधार, निर्वाचन, खाद्य एवं रसद, उपभोक्ता संरक्षण तथा बाट एवं माप, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन, सचिवालय प्रशासन, संसदीय कार्य, विधान परिषद सचिवालय, विधान सभा सचिवालय, श्रम।
विलय से बनने वाले नए विभाग
- कृषि, कृषि विपणन एवं कृषि विदेश व्यापार, कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान, समन्वय, उद्यान
- सिंचाई एवं जल संसाधन, लघु सिंचाई एवं भूगर्भ जल, परती भूमि विकास, बाढ़ नियंत्रण
- पशुधन, मत्सय, दुग्ध विकास
- वन एवं वन्यजीव, पर्यावरण
- ग्राम्य विकास, समग्र ग्राम्य विकास, ग्रामीण अभियंत्रण सेवा, पंचायती राज
- सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन, खादी एवं ग्रामोद्योग
- हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग, खाद्य प्रसंस्करण, रेशम विकास
- अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास, निजी पूंजी निवेश, एनआरआइ, मुद्रण एवं लेखन सामग्री, सार्वजनिक उद्यम
- आइटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
- ऊर्जा, अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत
- राज्य संपत्ति, नागरिक उड्डयन, प्रोटोकॉल
- बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा
- उच्च शिक्षा, प्राविधिक शिक्षा
- व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास, सेवायोजन
- खेलकूद, युवा कल्याण, राजनीतिक पेंशन, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी प्रकोष्ठ
- पर्यटन, संस्कृति, भाषा, धर्मार्थ कार्य
- आबकारी, मद्य निषेध
- महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार
- नगर विकास, नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन
- राजस्व, भूतत्व एवं खनिकर्म
- वित्त, संस्थागत वित्त एवं बैंकिंग, वाह्य सहायतित परियोजना
- कर एवं निबंधन, मनोरंजन कर एवं बाजीकर, वाणिज्य कर, स्टांप एवं पंजीकरण
- गृह, गोपन, होमगार्ड तथा नागरिक सुरक्षा
- चिकित्सा शिक्षा, आयुष
- न्याय, विधायी
- कार्मिक, नियुक्ति, सतर्कता
- नियोजन, कार्यक्रम कार्यान्वयन, सामान्य प्रशासन, उप्र पुनर्गठन समन्वय, प्रशासनिक सुधार, लोक सेवा प्रबंधन, राष्ट्रीय एकीकरण
- समाज कल्याण, पिछड़ा वर्ग कल्याण, दिव्यांगजन सशक्तीकरण, अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ
प्रस्तावित छह आयुक्तों का क्षेत्राधिकार
कृषि उत्पादन आयुक्त : कृषि (कृषि उत्पादन/भूमि संरक्षण), कृषि विपणन एवं कृषि विदेश व्यापार (मंडी परिषद), कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान तथा समन्वय, उद्यान, खाद्य प्रसंस्करण एवं रेशम विकास, चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास, सहकारिता, लघु सिंचाई, भूगर्भ जल, परती भूमि विकास, मत्स्य, दुग्ध विकास तथा पशुधन, ग्राम्य विकास, ग्रामीण अभियंत्रण सेवा तथा पंचायती राज।
अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त : सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग तथा निर्यात प्रोत्साहन, खादी एवं ग्रामोद्योग, हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास, कताई मिलें, मुद्रण एवं लेखन सामग्री, निजी पूंजी निवेश, एनआरआइ।
शिक्षा आयुक्त : बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, खेलकूद एवं युवा कल्याण, व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास, उच्च शिक्षा, प्राविधिक शिक्षा, सेवायोजन।
स्वास्थ्य आयुक्त : चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा, खाद्य एवं औषधि प्रशासन, उपभोक्ता संरक्षण तथा बांट एवं माप, आयुष, महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार।
राजस्व संसाधन आयुक्त : भूतत्व एवं खनिकर्म, परिवहन, संस्थागत वित्त/बैंकिंग, वाह्य सहायतित परियोजना, स्टांप एवं पंजीकरण, कर एवं निबंधन/मनोरंजन कर एवं बाजीकर/वाणिज्य कर, आबकारी।
समाज कल्याण आयुक्त : समाज कल्याण, सैनिक कल्याण, पिछड़ा वर्ग कल्याण, दिव्यांगजन सशक्तीकरण, अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ।